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    Ganesh Utsav 2022: जानिए मोदक कैसे बना गणपति जी का प्रिय भाेग, रोचक है इसके पीछे की ये कथा

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2022 10:38 AM (IST)

    ​​​​​Ganesh Utsav 2022 31 अगस्त से आरंभ हो रहा है गणेश उत्सव। गणपति को सबसे अधिक पसंद है मोदक का भाेग। 21 मोदक अर्पित करने से मिलती है लंबोदर की विशेष कृपा। परशुराम जी द्वारा एक दांत तोड़े जाने के बाद मोदक बना गणपति का प्रिय भाेग।

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    Ganesh Utsav 2022: 31 अगस्त से आरंभ हो रहा है गणेश उत्सव।

    आगरा, जागरण संवाददाता। गौरी नंदन गजानन का उत्सव 31 अगस्त से शुरू होने वाला है। 11 दिन के गणेश उत्सव के दौरान प्रतिदिन लोग मोदक का भाेग लगाते हैं। गणेश जी को अर्पित करते हैं। 11, 21, 31 जैसी संख्याओं में लंबोदर को मोदक अर्पित किये जाते हैं। बाजार भी इस बात को समझता है और अलग अलग फ्लेवर में मोदक बनाने की तैयारी में जुटा है। वहीं घरों में भी महिलाएं विघ्नहर्ता को प्रसन्न करने के लिए मोदक बनाने में जुट रही हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी का प्रिय भाेग मोदक आखिर क्यों और कैसे बना। इसके बारे में धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी बताते हैं कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही गणपति जी का जन्म हुआ था और इस दिन का उत्सव दस दिनों तक मनाया जाता है। लोग घर और पंडालों में गणपति की स्थापना कर उनकी पूजा करते हैं और दसवें दिन गणेश प्रतिमा का विसर्जन करते हैं। गणेश उत्सव के दौरान भगवान का अति विशिष्ट भाेग मोदक जरूर अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि मोदक के बिना पूजा अधरी रहती है।

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    क्या है पौराणिक कथा

    मान्यता है कि जब गणपति जी का एक दांत टूट गया था तो उन्हें कुछ भी खाने में बहुत परेशानी हाेती थी। तब मुख्य रूप से उनके लिए मोदक बनाया गया था। मुलायम मोदक इसी वजह से गणेश जी को अति प्रिय हैं।

    21 मोदक चढ़ाने का है विधान

    मान्यता के अनुसार गणेश जी को 21 मोदक चढ़ाने का विधान है। माना जाता है कि यदि गणपति जी को 21 मोदक एक साथ अर्पित किये जाएं तो इससे सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं।

    अन्य दंत कथा

    एकदंत कथा के मुताबिक एक बार गणपति जी माता पार्वती और भगवान शिव के साथ अनुसुइया के घर गए थे। माता अनुसुइया ने सोचा कि कि पहले बच्‍चे यानी गणपति जी को भोजन करा दें फिर बड़ों को खिलाएंगी लेकिन जब वह गणपति जी को खिलाने लगी तो वह खाते ही जा रहे थे। रुक ही नहीं रहे थे। गणपति की भूख खत्म ही नहीं हो रही थी। अनुसुइया ने सोचा कि कुछ मीठा खिला देती हूं तो शायद गणपति का पेट भर जाए। माता अनुसुइया ने गणेश जी को मोदक का एक टुकड़ा खिला दिया, जिसे खाते ही गणेश जी का पेट भर गया और उन्होंने जोर से डकार ली। इसके बाद भगवान शिव ने जोर-जोर से 21 बार डकार ली। तब से मोदक गणपति का प्रिय व्यंजन बन गया और इस कारण से ही उन्‍हें 21 मोदक चढ़ाने का विधान है।

    धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

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