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    Fake liquor: आगरा में जालसाजी रोकने वाले बार कोड और क्यूआर कोड भी बना लिए जाली

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sun, 25 Jul 2021 05:56 PM (IST)

    Fake liquor आगरा में नकली शराब फैक्ट्री में छापे में मिले बड़ी संख्या में नकली क्यूआर और बार को। प्रिंटिंग प्रेस में छापे जा रहे नकली क्यू आर कोड और बार कोड पुलिस और आबकारी विभाग अंजान है।

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    नकली शराब का निर्माण और बिक्री रोकने को लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

    आगरा, जागरण संवाददाता। बार कोड और क्यू आर कोड। दो ऐसे सुरक्षा उपाय, जिनमें से एक शराब की जन्म कुंडली और दूसरा शराब के ब्रांड की डिटेल तत्काल बता देता है। प्रदेश सरकार ने नकली शराब के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने को ये दोनों उपाय किए थे। मगर, अब जालसाजों ने इन दोनों सुरक्षा उपायों को भी ठेंगा दिखा दिया है। धड़ल्ले से प्रिंटिंग प्रेस पर नकली बार कोड और क्यू आर काेड छापे जा रहे हैं। इसके बाद इन्हें बोतलों पर चस्पा करके बाजार मे नकली शराब बेची जा रही है।

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    नकली शराब की बिक्री से एक ओर सरकार को राजस्व की हानि होती है? वहीं दूसरी ओर लोगों की जिंदगी को खतरा भी पैदा होता है। अलीगढ़ में नकली शराब से 117 लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी यह काला कारोबार थमा नहीं है। इस पर अंकुश लगाने को सरकार ने बार कोड और क्यू आर कोड का सिस्टम बनाया था।बार काेड को शराब की जन्म कुंडली कहा जाता है। लेबल पर प्रिंट बार कोड को मोबाइल एप से स्कैन करने पर शराब के ब्रांड की जानकारी मिलती है। जबकि ढक्कन पर लगे क्यू आर कोड को स्कैन करने पर शराब की पूरी डिटेल निकल आती है। शराब किस डिस्टलरी में बनाई गई है। कौन सा ब्रांड है? कितनी मात्रा, कितनी तीब्रता और कितनी कीमत है? यह भी डिटेल सामने आ जाती है। इसके साथ ही यह भी पता चल जाता है? कि उक्त शराब की बोतल किस रिटेलर के यहां से बिकी है।अब जालसाजों ने डिस्टिलरी से तैयार होकर निकलने वाली शराब पर लगने वाले क्यू आर कोड और बार कोड भी नकली बना लिए हैं।प्रिंटिंग प्रेस पर नकली होलोग्राम और बार कोड तैयार हो रहे हैं। नकली शराब की पैकिंग के बाद इन्हें चस्पा कर दिया जाता है। इन्हें मोबाइल एप से स्कैन करने पर कोई डिटेल नहीं निकलती है।

    सिकंदरा, फतेहाबाद और सदर थाना क्षेत्र में पकड़ी गई नकली शराब फैक्ट्री में पुलिस ने हजारों की संख्या में प्रिंटेड बार कोड और क्यू आर कोड बरामद किए थे।दो दिन पहले अछनेरा क्षेत्र में एक नकली देसी शराब फैक्ट्री पकड़ी गई। यहां भी नकली क्यूआर कोड और बार कोड मिले। पुलिस हर बार शराब फैक्ट्री संचालित करने वाले और कर्मचारियों पर कार्रवाई करके भूल जाती है। अभी तक नकली क्यूआर कोड और बार कोड बनाने वाले और इसे सप्लाई करने वालों पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस और अाबकारी विभाग अभी तक यह भी पता नहीं कर सके हैं कि ये किस प्रिंटिंग प्रेस पर छापे जा रहे हैं। असली बार कोड और क्यू आर कोड तैयार करने की गोपनीय है प्रक्रिया डिस्टिलरी में तैयार होने वाली शराब पर बार कोड और क्यू आर कोड तैयार करने की बहुत गोपनीय प्रक्रिया है।डिस्टलरी से बार कोड और क्यू आर कोड के लिए आबकारी विभाग के अधिकारी को रिक्वेस्ट भेजी जाती है। पूरी डिटेल बताने के बाद अधिकारी द्वारा एप के माध्यम से बार कोड और क्यू आर कोड दिया जाता है। जितनी बोतल शराब तैयार होती है, उतने ही बार कोड और क्यू आर कोड छपवाकर लेबल और ढक्कन पर लगाए जाते हैं।

    नकली शराब का निर्माण और बिक्री रोकने को लगातार अभियान चलाया जा रहा है। नकली बार कोड, क्यूआर कोड व अन्य रॉ मैटेरियल भी कई स्थानों से बरामद हुए हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि रॉ मैटेरियल की सप्लाई करने वालों की जानकारी करके उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

    राजीव कृष्ण, एडीजी