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    पूर्व डिप्टी कमिश्नर हैं उप्र हिंदी साहित्य संस्थान से सम्मान पाने वाले डॉ विक्रम, अब तक कर चुके हैं 17 किताबाें का लेखन

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Tue, 02 Aug 2022 08:08 PM (IST)

    डा. विक्रम को मिला मधुलिमये साहित्य सम्मान। डिप्टी कमिश्नर ट्रांसपोर्ट से सेवानिवृत हैं डा. विक्रम। मूल से किसनी के बंसरमऊ से वर्तमान में आगरा की लायर्स कालोनी में है निवास। विदेशी विभाग में रह चुके हैं हिंदी सलाहकार भी।

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    डा. विक्रम को मिला मधुलिमये साहित्य सम्मान।

    आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र हिंदी संस्थान ने वर्ष 2021 के सम्मान और पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। लायर्स कालोनी निवासी सेवानिवृत डिप्टी कमिश्नर ट्रांसपोर्ट डा. विक्रम सिंह को संस्था ने मधुलिमये साहित्य सम्मान प्रदान किया है। उन्हें यह सम्मान अपने साहित्य से हिंदी की सेवा व प्रचार-प्रसार करने के लिए दिया गया है।

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    मूल रूप से मैनपुरी,किसनी के गांव बंसरमऊ निवासी डा. विक्रम सिंह ने अब तक 17 किताबों का लेखन किया है, जिसमें उन्होंने विभिन्न कविताओं, नाटक, लेखों के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को छुआ हैं। वह बताते हैं कि उनके लेखन के केंद्र प्रेमचंद हैं क्योंकि उनका साहित्य ग्रामीण क्षेत्रों से जुडा हैं। उनके लिए इंसान से ऊपर न धर्म है, ना जाति और न क्षेत्र। वह सिर्फ व्यक्ति केंद्रित रहे। बचपन में उनके साहित्य में मैंने जो पढ़ा, वही आज भी महसूस करता हूं और अपने लेखन में ढालने की कोशिश करता हूं।

    तैयारी के दौरान लगा लिखने का शौक

    वह बताते हैं कि पहले सिविल सर्विस का माध्यम सिर्फ इंग्लिश था। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीजी पालिटिकल साइंस से की, 1982 में एकाउंटेंट जरनल (एजी) आफिस में आडिटर के पद पर पहली नियुक्ति हुई। 1983 में हल्दिया बंदरगाह पर मिली प्रिवेंटिंव अफसर कस्टम की पोस्टिंग पसंद न आने पर छोड़ दी। सहायक सेवायोजन अधिकारी के रूप में अलीगढ़ में काम किया, 1985 में पीसीएस में चयनित हुआ। विभिन्न जगह पोस्टिंग के कारण हिंदी प्रेमी लोगों से मुलाकात हुई और हिंदी में पढ़ने-लिखने की संभावनाएं नजर आई, हिंदी के प्रति रूचि बढ़ी और सिलसिला बढ़ता गया।

    विदेशी विभाग में रहे हिंदी सलाहकार

    वह बताते हैं कि वर्ष 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी से एक-दो मुलाकात हुए, बातचीत से प्रभावित होकर उन्होंने मुझे विदेश विभाग की हिंदी सलाहकार समिति का सदस्य बना दिया। मैंने सात देशों यात्रा भी की, जिसमें नार्वे की यात्रा सबसे यादगर रही। जल्द ही उनकी कुछ और किताबें आ रही हैं, जिसमें गिलिलियो का माफीनामा प्रमुख है।

    पत्नी एसोसिएट प्रोफेसर, बेटी डिप्टी एसपी

    डा. विक्रम सिंह जून 2020 जून को लखनऊ से डिप्टी कमिश्नर ट्रांसपोर्ट पद से सेवानिवृत हुए। 1993 से पहली पोस्टिंग के बाद वह आगरा आए। उनकी पत्नी डा. आभा सिंह डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पं. दीनदयाल उपाध्याय रूरल डवलपमेंट संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर थी। बडी बेटी स्तुति सिंह 2017 बैच की डिप्टी एसपी वर्तमान में हापुड में तैनात हैं, छोटी बेटी अविधा सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और छोटा बेटा वरदान विक्रम सिंह 11वीं में हैं।