Flood Alert Agra: शहरी क्षेत्र में बाढ़ का खतरा टला, यमुना नदी के जलस्तर में कमी; खतरे के निशान के पार होगी चंबल
आगरा में यमुना नदी का जलस्तर घटने से बाढ़ का खतरा टल गया है पर चंबल नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। धौलपुर से चंबल नदी में अधिक पानी छोड़े जाने से जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। यमुना के घटने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है और चंबल के किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। हथिनी कुंड, सहारनपुर से डिस्चार्ज कम होने से यमुना नदी का गुस्सा शांत हो गया है। शनिवार सुबह जलस्तर में मामूली कमी हुई। इससे शहरी क्षेत्र के दर्जनभर मोहल्लों में बाढ़ का खतरा टल गया है। नालों के बैक मारने से कई सड़कों में पानी भर गया है। गंदगी से नाले पट गए हैं।
वहीं धौलपुर से चंबल नदी में 6.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। 32 घंटे में जलस्तर में 14 मीटर की बढ़ोतरी हुई है। रात 11 बजे जलस्तर 125 मीटर पर पहुंच गया। शनिवार शाम पांच बजे तक जलस्तर खतरे के निशान (130 मीटर) को पार करते हुए 134 मीटर पर पहुंच जाएगा। 12 बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए स्टीमर का संचालन बंद कर दिया गया है। लोगों को नदी से दूर रहने के लिए कहा गया है।
यमुना नदी के जलस्तर में कमी
शुक्रवार को यमुना नदी का जलस्तर 496 फीट पर पहुंच गया था। मनोहरपुर की कई झोपड़ियां डूब गई थीं। ताजगंज श्मशान घाट के आठ चितास्थल जलमग्न हो गए हैं। नदी की तरफ जाने वाले रास्ते को बल्लियां लगाकर रोक दिया गया है। नालों के बैक मारने से यमुना ब्रिज स्थित बाबा वाली गली में पानी भर गया था। जीवनी मंडी रोड के किनारे तक पानी आ गया था। हथिनी कुंड से अब 40 हजार क्यूसेक और गोकुल बैराज से 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
अगर अधिक बरसात होती है तो संबंधित बैराज से डिस्चार्ज बढ़ाया जा सकता है। कम पानी छोड़ने के चलते शनिवार शाम पांच बजे जलस्तर 495.09 फीट पर पहुंच गया। जलस्तर में कमी होने से प्रशासन ने राहत की सांस ली। बाढ़ का खतरा टल गया है। एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बताया कि संबंधित गांवों में नजर रखी जा रही है। नालों के बैक मारने से संकट खड़ा हो गया है। जलस्तर में कमी होने के बाद फसलों का सर्वे होगा। दो हजार बीघा से अधिक फसलें जलमग्न हुई हैं।
एक साथ कई नदियों से छोड़ा गया पानी, 10 गांवों का टूटेगा संपर्क
शुक्रवार दोपहर तीन बजे तक चंबल नदी का जलस्तर 111 मीटर था। कोटा बैराज से 25 हजार क्यूसेक, काली सिंधु नदी से 1.35 लाख क्यूसेक, पार्वती नदी से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके चलते धौलपुर से एक साथ 6.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे शनिवार सुबह से ही जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। अचानक जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों के होश उड़ गए।
गांवों में मुनादी
तहसील बाह प्रशासन ने संबंधित गांवों में मुनादी कराना शुरू कर दिया। 14 मीटर की बढ़ोतरी के साथ जलस्तर रात 11 बजे 125 मीटर पर पहुंच गया। रविवार दोपहर बाद नदी खतरे के निशान (130 मीटर) से ऊपर पहुंच जाएगी। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जलस्तर 134 मीटर तक पहुंचेगा। एक माह में दूसरी बार जलस्तर 134 मीटर पहुंच रहा है। इससे पूर्व 28 जुलाई को जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। चंबल जैसे ही खतरे के निशान से ऊपर पहुंचेगी। उमरैठा का पुरा, रैहा, बरैंडा, कछियारा, डगोंरा, रानीपुरा, भटपुरा,डालपुरा, झरना पुरा, गुढ़ा, गौहरा, भगवान का पुरा गांवों का संपर्क बाह तहसील मुख्यालय से टूट जाएगा।
सड़कों और गलियों पर भरा पानी
इन गांवों की गलियों और सड़कों में पानी भर जाएगा। बिजली आपूर्ति को बंद कर दिया जाएगा। एक बार फिर से पीएसी और राज्य आपदा प्रबंधन बल को लगाया जा सकता है। संबंधित गांवों की आठ बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। एसडीएम बाह हेमंत कुमार ने पिनाहट घाट का निरीक्षण किया। वहीं उप्र और मध्य प्रदेश के मध्य संचालित स्टीमर को बंद कर दिया गया है। राशन किट तैयार करने के लिए कहा गया है।
बर्बाद हो चुकी है फसल
चंबल नदी में आई बाढ़ से बाह तहसील की दो हजार बीघा से अधिक फसल नष्ट हो चुकी है। दो सप्ताह पूर्व तहसील टीम ने सर्वे शुरू किया था। सबसे अधिक बाजरा की फसल को नुकसान हुआ है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला का कहना है कि सर्वे को रोकना पड़ेगा।
इन तहसीलों में सबसे अधिक असर
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने का सबसे अधिक असर तहसील सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद, बाह में है। वहीं चंबल नदी से बाह तहसील के गांव प्रभावित होंगे।
यमुना नदी के जलस्तर में कमी आ रही है। चंबल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। एसडीएम बाह को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों को कोई भी दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम
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