Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fire in Factory: आंखें मूंदे रहे अधिकारी, छह हजार वर्ग गज में फैक्ट्री लेकिन अनुमति तक नहीं

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 09 Sep 2020 05:39 PM (IST)

    उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अग्निशमन विभाग से नहीं थी एनओसी। क्षेत्रीय व्यक्ति ने की शिकायत डीएम ने जांच को बनाई कमेटी।

    Fire in Factory: आंखें मूंदे रहे अधिकारी, छह हजार वर्ग गज में फैक्ट्री लेकिन अनुमति तक नहीं

    आगरा, जागरण संवाददता। आग में जलकर खाक हुई केमिकल फैक्ट्री बिना एनओसी यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के चल रही है। संबंधित विभाग के अधिकारी जानकर भी आंख बंद किए हैं। धड़ल्ले से यहां केमिकल की मिक्सिंग का काम चल रहा था। मंगलवार को एक स्थानीय व्यक्ति ने मामले की शिकायत डीएम कार्यालय में की। इसके बाद डीएम ने जांच को कमेटी बना दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिकंदरा क्षेत्र में हाईवे किनारे छह हजार वर्ग गज जगह में आगरा केमिकल्स और टॉप लास्ट नाम से दाे फैक्ट्री संचालित हैं। शाहगंज के चारबाग निवासी दीपक मनचंदा और उनके भाई रवि मनचंदा इनके मालिक हैं। पूर्व सपा नेता राजेंद्र शर्मा की इनमें साझीदारी है। सोमवार को केमिकल फैक्ट्री में लगी आग में शू मैटेरियल की फैक्ट्री टॉप लास्ट में भी सामान जलकर खाक हो गया। गनीमत रही कि दमकलकर्मियों के प्रयास से केमिकल फैक्ट्री बने भूमिगत टैंक में भरा केमिकल बच गया। मंगलवार को अरसेना निवासी शिव यादव के नाम से जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत की गई। शिकायती पत्र में लिखा है कि आगरा केमिकल्स फैक्ट्री में जूता के केमिकल की आड़ में प्रतिबंधित केमिकल रखे जाते हैं। फैक्ट्री में कई बार डीजल और पेट्रोल के टैंकर भी प्रवेश करते हुए देखे गए हैं। आशंका है कि इसमें सॉल्वेंट मिलाकर बेचा जाता हो। सोशल मीडिया पर शिकायती पत्र वायरल होने के बाद सभी विभाग अपने रिकार्ड खंगालने में लग गए। इसके बाद पता चला कि आगरा केमिकल्स के लिए न तो अग्निशमन विभाग से एनओसी ली गई और न ही उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से। उप निदेशक कारखाना के यहां भी इसका पंजीकरण नहीं है। केवल टॉप लास्ट फर्म का सभी विभागों में पंजीकरण है। डीएम ने छह अधिकारियों की कमेटी बनाई है। इसमें एडीएम वित्त राजस्व, सीओ हरीपर्वत, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र, जिला पूर्ति अधिकारी, सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा और मुख्य अग्निशमन अधिकारी शामिल हैं। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि कमेटी को मौके पर जाकर अग्निकांड के कारण, ज्वलनशील पदार्थ और रसायन साक्ष्यों का अध्ययन कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी है।

    सिकंदरा क्षेत्र में बिना एनओसी चल रही हैं केमिकल फैक्ट्री

    सिकंदरा इंडस्ट्रियल एरिया में और भी हैं ऐसी फैक्ट्री सिकंदरा के इंडस्ट्रियल क्षेत्र में ऐसी तमाम केमिकल फैक्ट्री हैं जो बिना एनओसी चल रही हैं। संबंधित विभागों में महीनेदारी पहुंचाकर इनके संचालक धड़ल्ले से काम कर रहे हैं। सभी विभागों ने भी आंखें बंद कर रखी हैं।

    अब हर फैक्ट्री और अस्पतालों का होगा ऑडिट

    डीएम प्रभु एन सिंह ने कहा है कि अब हर फैक्ट्री, अस्पताल-नर्सिंग होम में आग से बचाव के इंतजामों का ऑडिट होगा। मानकों के अनुरूप इंतजाम न होने पर नोटिस जारी किए जाएंगे। डीएम ने बताया कि इस माह जिला उद्योग बंधु की बैठक में आग से बचाव के इंतजामों पर चर्चा की जाएगी। सभी व्यापारियों और उद्यमियों से प्रतिष्ठानों में आग से बचाव के सभी इंतजाम करने के लिए कहा जाएगा।

    नहीं जारी हुई नोटिस

    एसएन, जिला अस्पताल सहित शहर के कई अन्य अस्पताल में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। इसकी रिपोर्ट मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने एडीएम सिटी को दी थी। एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि मंगलवार को किसी भी अस्पताल को नोटिस जारी नहीं की गई। तीन से चार दिनों में नोटिस जारी होंगे।

    क्या कहते हैं जिम्मेदार

    आगरा केमिकल्स का हमारे यहां पंजीकरण नहीं है। इसकी जांच कराई जा रही है। एक सप्ताह में रिपोर्ट मिल जाएगी।

    आरके सिंह, उप निदेशक कारखाना

    हमारे ऑफिस के रिकार्ड के अनुसार, आगरा केमिकल्स का पंजीकरण नहीं है। न ही इस फर्म को काेई एनओसी दी गई है।

    भुवन यादव, क्षेत्रीय अधिकारी उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

    अग्निशमन विभाग से आगरा केमिकल्स को एनओसी जारी नहीं की गई। फर्म के पास विस्फोटक का लाइसेंस 2022 तक के लिए है।

    अक्षय रंजन शर्मा, सीएफओ 

    comedy show banner
    comedy show banner