यूपी में थाने के अंदर महिला और दारोगा के बीच हुई भयानक लड़ाई, पीड़िता बोली- अब आत्महत्या कर लूंगी अगर...
चोरी की बड़ी घटना की जांच में बरती गई लापरवाही व सात महीने पहले गुपचुप तरीके से लगाई एफआर ने ट्रांसयमुना थाने में बवाल करा दिया। जांच की स्थित पता करने आई पीड़िता ने एफआर की बात सुनकर विवेचक की भूमिका पर सवाल उठाए। एफआर की जानकारी न देने और गुमराह तरीके के आरोप लगाए। इस बीच पुलिसकर्मियों और महिला के बीच तनातनी हो गई।

जागरण संवाददाता, आगरा। चोरी की बड़ी घटना की जांच में बरती गई लापरवाही व सात महीने पहले गुपचुप तरीके से लगाई एफआर ने ट्रांसयमुना थाने में बवाल करा दिया। जांच की स्थित पता करने आई पीड़िता ने एफआर की बात सुनकर विवेचक की भूमिका पर सवाल उठाए। एफआर की जानकारी न देने और गुमराह तरीके के आरोप लगाए। इस बीच पुलिसकर्मियों और महिला के बीच तनातनी हो गई। देखते ही देखते थाने में ही पीड़िता और महिला दारोगा एक-दूसरे के बाल पकड़कर भिड़ गए। महिला को आरोपित ठहराते हुए शांतिभंग की कार्रवाई की गई।
मंगलवार को घटी इस घटना के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर गुरुवार को प्रसारित हुए तो पुलिस ने अपने बचाव में महिला द्वारा मारपीट किए जाने का वीडियो अपलोड कर सफाई दी। वहीं, महिला ने भी न्याय न मिलने पर आत्महत्या की चेतावनी इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर दी है।
ट्रांसयमुना क्षेत्र के कालिंदी विहार कॉलोनी निवासी प्रॉपर्टी डीलर त्रिभुवन सिंह यादव के घर से 15 सितंबर 2024 को चोरी की घटना हुई थी। इसमें चोर करीब 80 हजार रुपये और करीब 22 लाख रुपये के गहने ले गए थे। त्रिभुवन सिंह यादव ने 16 सितंबर को ट्रांसयमुना थाने में चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था। 19 अगस्त की सुबह 11 बजे त्रिभुवन की पत्नी सरजू यादव ट्रांसयमुना थाने में चोरी के मामले की स्थित जानने पहुंची थीं।
पीड़िता के अनुसार उन्हें थानाध्यक्ष रोहित कुमार ने बताया कि इस मामले में तो जनवरी में एफआर लग चुकी है। थानाध्यक्ष ने निलंबित चल रहे विवेचक एसआई राजकुमार गोस्वामी को बुला लिया। महिला ने एफआर की जानकारी न देने और आईटी सेल में मामला होने की जानकारी विवेचक की ओर से देकर गुमराह करने का आरोप लगाया। इस पर पुलिसकर्मियों और महिला के बीच कहासुनी हो गई।
इस बीच महिला ने वीडियो बनाने का प्रयास किया तो पुलिसकर्मी भड़क गए। थानाध्यक्ष की केबिन से बाहर निकली महिला को महिला दारोगा मनीषा दो अन्य महिला पुलिसकर्मियों के साथ थाने के अंदर ले गईं। इसी बीच सरजू यादव व दारोगा मनीषा के बीच हाथापाई हो गई। दोनों ने एक-दूसरे के बाल खींचे।
मंगलवार को हुई इस घटना पर थाना पुलिस पर्दा डाले रही। गुरुवार को महिला ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए न्याय न मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी दी। वीडियो प्रसारित होने के कुछ ही समय बाद थाने में सरजू यादव और दारोगा के बीच हुई हाथापाई के वीडियो सामने आ गए। महिला ने पुलिस पर तो पुलिस ने महिला पर अभद्रता और मारपीट के आरोप लगाए हैं। इस मामले में पुलिस की ओर से सरजू यादव के खिलाफ शांतिभंग की धारा में कार्रवाई की गई है। पुलिस कमिश्नर के एक्स से महिला को आरोपित बताते हुए मामले की जांच अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध पूनम सिराेही को सौंपे जाने की बात कही गई है।
पुलिस पर उठते सवाल
चोरी के मामले में पीड़ित महिला को पुलिस आईटी सेल की जांच के नाम पर गुमराह क्यों करती रही? उसे भरोसे में क्यों नहीं लिया गया?
विवेचना निस्तारण को लगातार अभियान चल रहे हैं। एसीपी स्तर से निगरानी की जाती है। ऐसे में इस मामले में एफआर पर कहीं से प्रश्न क्यों नहीं उठा?
क्या थाने में वीडियो बनाना अपराध है? महिला के मोबाइल से पुलिस ने वीडियो क्यों डिलीट किए?
घटना के संबंध में वायरल हुए एक वीडियो में तीन पुलिसकर्मी महिला को एक कमरे में ले जाते दिख रहे हैं। पीछे से कुछ पुलिसकर्मी कह रहे हैं इसको कमरे में लाओ..। एक अन्य वीडियो में कमरे में खड़ी महिला महिला पुलिसकर्मी और पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगा रही है। उसके चेहरे पर चोट के निशान भी दिख रहे हैं?
पुलिस का कहना है कि वीडियो बनाने से रोकने पर महिला ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की। ऐसी घटना में महिला के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा क्यों नहीं लिखा? शांति भंग की कार्रवाई कर क्यों छोड़ दिया गया?
थाने में आई महिला से उप निरीक्षक मनीषा ने वीडियो न बनाने के लिए कहा था। इस पर महिला ने गाली-गलौज करते हुए मारपीट करना शुरू कर दिया। मामले की जांच अपर पुलिस उपायुक्त महिला अपराध पूनम सिरोही को सौंपी गई है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।- सोनम कुमार, डीसीपी सिटी
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