आगरा, अली अब्बास। शराब पीने को रुपये न देने पर 13 वर्षीय बेटी को पिता बेल्ट से बेरहमी से पीटता था। चार वर्ष से पिता का उत्पीड़न सह रही बेटी ने छोटे भाई-बहनों के भविष्य के लिए घर छोड़ दिया। पिता वहां भी पहुंच गया तो बेटी ने उसे सबक सिखाने का फैसला किया। सामाजिक कार्यकर्ता से मदद मांगी। गुरुवार को महिला कल्याण निदेशालय, पुलिस मुख्यालय और आगरा पुलिस को ट्ववीट किया। मामला संज्ञान में आने पर सक्रिय हुई शाहगंज पुलिस ने बेटी को रात में रेस्क्यू कर लिया। मामला पुलिस तक पहुंचने पर पिता गांव से गायब हो गया।
मां को निकाल दिया चार साल पहले
मामला शाहगंज थाना क्षेत्र के एक गांव का है। ग्रामीण ने बिहार की रहने वाली महिला से शादी की थी। जिससे तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी 13 वर्ष की है। बेटी ने पुलिस को बताया कि नशे के आदी पिता ने चार वर्ष पहले मां को मारपीट कर घर से निकाल दिया। वह वर्तमान में बिहार में रहती हैं। जिसके बाद पिता आए दिन उसे और दोनों छोटे भाई-बहन को पीटता था।
छोटे भाई-बहन को पालने के लिए खुद करती थी काम
छोटे भाई-बहन का खर्च चलाने के लिए वह आसपास के कुछ घरों में काम करने लगी। उसने छोटी बहन काे स्कूल में प्रवेश दिला दिया। पिता ने उससे शराब पीने के लिए रुपये मांगने शुरू कर दिए। रुपये नहीं देती तो पिता उसे पीटता था। उसकी पिटाई के लिए नई बेल्ट खरीदकर लाया था। बस्ती के लोग विरोध करते तो परिवार का मामला बता उन्हें भगा देता था।
रहने लगी पिता का घर छोड़, अलग
पिता की पिटाई के चलते वह उनसे अलग रहने लगी। पास में ही दूसरी जगह पर रहने लगी। पिता वहां भी पहुंच गया। इसी दौरान उसे किसी परिचित के माध्यम से सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस का नंबर मिला। उन्हें फोन करके मदद मांगी। नरेश पारस ने बताया कि किशाेरी ने अपनी मां से संपर्क कर उन्हें पिता के उत्पीड़न की जानकारी दी।
अब सुरक्षित हाथाें में है बच्ची
मां ने उसे अपने आने तक सुरक्षित जगह पर रहने की सलाह दी। किशोरी ने उनसे पिता से बचाने की गुहार लगाई। गुरुवार को उन्होंने महिला कल्याण निदेशालय, पुलिस मुख्यालय को ट्ववीट कर इसकी जानकार दी। गुरुवार की रात साढ़े नौ बजे पुलिस ने चाइल्ड लाइन और सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से किशोरी को रेस्क्यू किया। चाइल्ड लाइन समन्वयक ऋतु वर्मा ने बताया कि किशोरी को शुक्रवार को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया।