Fatehpur Sikri: 'जोधाबाई' के फेर में फंसा साउंड एंड लाइट शो, ASI ने स्क्रिप्ट में सुधार के निर्देश दिए
फतेहपुर सीकरी में प्रस्तावित साउंड एंड लाइट शो जोधाबाई के किरदार को लेकर विवादों में घिर गया है। एएसआई के महानिदेशक ने एडीए को स्क्रिप्ट में जोधाबाई के चरित्र को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। इतिहासकारों ने फतेहपुर सीकरी में एएसआई द्वारा एक महल का नाम जोधाबाई के नाम पर रखने पर भी सवाल उठाया है। एडीए स्क्रिप्ट में संशोधन कर रहा है।

जागरण संवाददाता, आगरा: फतेहपुर सीकरी का साउंड एंड लाइट शो 'जोधाबाई' के फेर में फंस गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक यदुबीर सिंह रावत ने एडीए को शो की स्क्रिप्ट में जोधाबाई के पात्र को अधिक स्पष्ट करने को कहा है। इतिहास में जोधाबाई के पात्र को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इतिहासकार फतेहपुर सीकरी में एएसआइ द्वारा एक महल का नामकरण जोधाबाई के नाम पर करने पर भी सवाल उठाते हैं।
एडीए ने मुख्यमंत्री पर्यटन सहभागिता योजना में फतेहपुर सीकरी में 8.65 करोड़ रुपये की लागत से शो की योजना बनाई थी। पहले यह शो जोधाबाई पैलेस में कराया जाना था, लेकिन बाद में उसे दीवान-ए-आम में कराने पर सहमति बनी। शो के लिए एडीए को उपकरण लगाने की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन स्क्रिप्ट को अनुमति नहीं मिलने की वजह से शो शुरू नहीं हो पा रहा है।
एएसआई के महानिदेशक ने स्क्रिप्ट में सुधार के दिए हैं निर्देश
एडीए ने शो की स्क्रिप्ट एएसआई के दिल्ली मुख्यालय को भेजी थी। एएसआई ने स्क्रिप्ट पर कुछ आपत्ति जताई हैं। इसके साथ ही जोधाबाई के बारे में अधिक जानकारी शो में शामिल करने को कहा है, जिससे कि बाद में किसी तरह का विवाद खड़ा नहीं हो।
एडीए की है दीवान-ए-आम में साउंड एंड लाइट शो की योजना
एडीए के मुख्य अभियंता आरआरपी सिंह ने बताया कि एएसआई द्वारा जताई गई आपत्तियों को दूर कराया जा रहा है। जोधाबाई के बारे में शो में अधिक जानकारी शामिल की जाएगी। शीघ्र ही शो की स्क्रिप्ट की खामियां दूर कर उसे एएसआइ को भेज दिया जाएगा।
अकबर ने दिया था मरियम-ए-जमानी का खिताब
इतिहास में अकबर की बेगम, जहांगीर की मां और आमेर के राजा भारमल की पुत्री को जोधाबाई कहा जाता है। इस राजकुमारी से अकबर का विवाह जनवरी, 1562 में राजस्थान के सांभर में हुआ था। अकबर ने अपनी इस बेगम को मरियम-ए-जमानी का खिताब दिया था। अकबर की इस पत्नी को ब्रिटिश काल में इतिहासकारों ने जोधाबाई लिख दिया, जबकि मुगलकालीन पुस्तकों आइन-ए-अकबरी, अकबरनामा, तबकात-ए-अकबरी में जोधाबाई का उल्लेख नहीं मिलता।
मकबरे के स्थान पर बची छतरी
नबाव समसामुद्दौला ने मआसिरूल उमरा, डॉक्टर एसआर शर्मा ने भारत में मुगल साम्राज्य, डॉक्टर एएल श्रीवास्तव ने मुगलकालीन भारत, सईद अहमद मारहवी ने मुरक्का-ए-अकबराबाद में जोधाबाई उर्फ मानमती उर्फ जगत गुंसाई को जहांगीर की बेगम बताया है। वह जोधपुर के मोटा राजा उदयसिंह की पुत्री और शाहजहां की मां थी। इसका मकबरा अर्जुन नगर में बारहखंभा के पास है। मकबरे के स्थान पर बची छतरी एएसआइ की देखरेख में है।
इतिहासविद का है ये कहना
इतिहासविद राजकिशोर राजे बताते हैं कि, आमेर की राजकुमारी व जहांगीर की मां ने मुगल हरम में उपेक्षित जीवन जिया था। एएसआइ ने पता नहीं किस आधार पर फतेहपुर सीकरी में महल को जोधाबाई का महल घोषित कर दिया। मुगल-ए-आजम जैसी फिल्म और अकबर-जोधा जैसे सीरियल इसी नाम पर बना दिए गए।
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