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Family Counselling Agra: आगरा पुलिस बनी काजी, 14 पति-पत्नी राजी, ये कारण बन रहे विवाद की वजह

Family Counselling Agra पुलिस और काउंसलर के समझाने के बाद 14 जोड़ों में हुई सुलह। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के लिए पहुंचे थे 21 दंपती। परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के लिए 50 जोड़ों को बुलाया गया था।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 04:17 PM (IST)Updated: Sun, 29 May 2022 04:17 PM (IST)
Family Counselling Agra: आगरा पुलिस बनी काजी, 14 पति-पत्नी राजी, ये कारण बन रहे विवाद की वजह
Family Counselling Agra: परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के लिए पहुंचे थे 21 दंपती।

आगरा, अली अब्बास। रविवार को पुलिस लाइन परिवार परामर्श केंद्र में 21 जोड़े काउंसलिंग के लिए पहुंचे। पुलिस काजी बनी तो सात फेरे लेने के बाद जरा-जरा सी बात पर विवाद के चलते रिश्तों में आई 14 पति-पत्नी की खाई कुछ ही पल में पट गई। पुलिस ने दंपतियों को आमने-सामने बैठाकर काउंसलर के द्वारा उन्हें समझाया। पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते को जरा-जरा सी बातों पर लड़कर नहीं बिगाड़ने की कहा। काउंसलिंग के बाद पति-पत्नी के बीच का गिले-शिकवे दूर हो गए। उन्हें अपनी-अपनी गलती का अहसास हुआ, 14 जोड़ों में सुलह हो गई।

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केस एक: शहर के रहने वाले दंपती की शादी तीन महीने पहले हुई थी। पति का जूता कारखाना है, पत्नी भी एमए बीएड है। पत्नी ने ससुराल पहुंचने के बाद मायके बात करने के लिए पति से मोबाइल खरीदकर देने की कहा। पति ने मना कर दिया, जिसे लेकर दंपती के बीच रार हो गई। शादी के एक महीने बाद ही पत्नी मायके आ गई। पति और ससुराल वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचने पर रविवार को दोनों पुलिस लाइन पहुंचे थे। यहां काउंसलिंग के बाद पति उसे मोबाइल दिलाने को राजी हो गया। पत्नी से वादा किया कि वह उसे अपने साथ ले जाकर मोबाइल दिलाएगा। जिस पर पत्नी उसके साथ चली गई।

केस दो: दंपती की शादी के चार साल हो चुके थे। उनके एक बेटा भी है। पति संयुक्त परिवार में रहता है। जूता फैक्ट्री में काम करता है। घर में कोई बाथरूम में न होने से पत्नी परेशान थी। कई बार पति से समस्या के बारे में बताया। उसने ध्यान नहीं दिया तो वह अपने बेटे को लेकर मायके आ गई। पति के खिलाफ शिकायत करने पर उन्हें परिवार परामर्श केंद्र काउंसलिंग के लिए भेजा गया। रविवार को काउंसलर ने पति-पत्नी दोनों को बुलाया। पति ने बताया कि आर्थिक कारणों से बाथरूम नहीं बनवा पा रहा है। पति ने वादा किया कि एक सप्ताह में बाथरूम बनवा लेगा। जिसके बाद पत्नी को मायके से अपने साथ ले जाएगा। पत्नी भी इस पर राजी हो गई।

केस तीन: दंपती की शादी को आठ महीने हुए हैं। पत्नी को उसका भाई ससुराल से आकर मायके ले गया। पत्नी ने पति को ले जाने के लिए बुलाया तो वह ससुराल के दरवाजे पर आकर खड़ा रहा। पत्नी को वहीं से अपने साथ ले गया। पत्नी दोबारा मायके ाआई तो पति ने फिर से वही रवैया अपनाया। वह घर में नहीं आया, यह बात पत्नी काे बुरी लग गई। उसने पति के साथ जाने से मना कर दिया। मामला पुलिस के पास पहुंचा। रविवार को दोनों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। पति का कहना था कि उसे ससुराल वालों का व्यवहार पसंद नहीं है। काउंसलर ने पति-पत्नी को आमने-सामने बैठाकर उनकी शिकायत दूर की। जिसके बाद पति ने पत्नी से वादा किया कि वह पत्नी को उसके मायके से आकर ले जाएगा।

परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के लिए 50 जोड़ों को बुलाया गया था। जिसमें 21 जोड़े ही पहुंचे थे। काउंसलिंग के बाद इनमें सुलह हो गई। जबकि दस दंपतियों को अगली तारीख दी गई है। इसके अलावा छह मामलों में मुकदमे की कार्यवाही के आदेश किए गए।

कमर सुल्ताना प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र 


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