... तो इस वजह से रात में नहीं किया रेस्क्यू, 36 घंटे से नदी किनारे बैठे पिता रोते हुए बोले- सेना भर्ती की तैयारी थी!
आगरा में नदी में डूबे किशोरों और युवकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। 36 घंटे बाद भी बेटे के न मिलने पर सचिन के पिता का कहना है कि अब उन्हें यकीन हो गया है कि नदी मैया ने उनके बेटे को ले लिया। सेना में भर्ती होने का सपना देखने वाले इन युवाओं के घरों में मातम छाया हुआ है।

जागरण संवाददाता, आगरा। अभी तक तो मुझे उम्मीद थी कि बेटा कहीं खेल रहा हाेगा, शायद नदी में नहीं डूबा हो, लेकिन 36 घंटे बीतने के बाद भी बेटा नहीं आया, मुूझे अब यकीन हो चला है कि बेटे को नदी मैया ने ले लिया।
बेटा तुमने कल ही तो दौड़ लगाने को नए बूट लाने को बोला था, सेना में भर्ती होने का सपना अब कौन पूरा करेगा। नदी किनारे 36 घंटे से बैठे सचिन के पिता रोते जा रहे थे, बेटे की एक-एक बात को याद करके वह बिलख रहे थे।
तट पर पडी उसकी चप्पलों को देख वह बेहाल हो रहे थे। लापता सभी किशोरों व युवकों के स्वजन का यही हाल था। सचिन, अभिषेक, भगवती, मनोज, गगन समेत सभी युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे थे।
हर गली से राेने की आवाज, हर घर में सन्नाटा
मुख्य सड़क से कुसियापुरा गांव के लिए मुड़ने के बाद 10 कदम चलते ही एक घर से रोने की आवाज सुनाई पड़ते ही कदम ठिठक जाते हैं। यह गुरुवार को विसर्जन में डूबे ओके का घर था, मां और बाबा को रोकर बुरा हाल था। गांव में 200 मीटर अंदर जाने पर मनोज, बीनेश, ओमपाल, गगन और अभिषेक का घर पड़ते है। गांव की हर गली से आती रोने की आवाजें कानों को भेद रही थीं। रह-रकर महिलाओं के रोने की आवाजें आ रही थीं।
बच्चों ने रस्सी फेंंक किया था चाचा ओके को बचाने का प्रयास
ओके साथ गए तीनों भतीजों हरिकांत, दीपू और प्रिंस ने ट्रैक्टर में रखी रस्सी नदी में डालकर बचाने का प्रयास किया था। तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
एनडीआरएफ के मुकेश कुमार कर चुके हैं 23 रेस्क्यू आपरेशन
एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम में शामिल मुकेश कुमार अब तक 23 रेस्क्यू आपरेशन का हिस्सा रहे हैं। वह विशेषज्ञ माने जाते हैं, उन्हें सरकार से कई पदक मिल चुके हैं। शुक्रवार को टीम ने उन्हें आक्सीजन सिलेंडर लेकर 30 फीट नीचे गहरी नदी में उतारा, अभिषेक का शव उन्होंने ही बरामद किया।
इसलिए रात में नहीं हो सके रेस्क्यू
एसडीआरएफ की टीम नदी में 10 फीट नीचे तक ही रेस्क्यू कर सकती है। जबकि किशोरों व युवकों के चैक डैम के लोहे के जाल में 30 से 40 फीट में फंसे होने की आशंका है, जिसके चलते एनडीआरएफ व सेना के गोताखोरों को आक्सीजन सिलेंडर के साथ बुलाया गया। चैक डैम का जाल डालने के लिए नदी में 20 फीट चौड़ा व 30 फीट लंबे हिस्से से बालू को हटाया गया था। यहां पर विशेषज्ञ टीम द्वारा की रेस्क्यू किया जा सकता था।
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