आगरा औषधि विभाग व एसटीएफ ने ऐसा जाल बिछाया, फंस गया नकली दवा कारोबारी हिमांशु; चालक बनेगा सरकारी गवाह
आगरा में एक टेम्पो ड्राइवर ने नकली दवा सिंडिकेट का पर्दाफाश किया जिसमें बताया गया कि दवा कैंट स्टेशन से हे मां मेडिको को सप्लाई की जानी थी। एसटीएफ और औषधि विभाग के जाल में दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल फंस गया। ड्राइवर सरकारी गवाह बनने को तैयार है उसने पहले भी कई जगह दवा सप्लाई करने की बात कबूली।
जागरण संवाददाता, आगरा। कैंट स्टेशन से हे मां मेडिको को दवा की सप्लाई देने जा रहे टेंपो चालक ने जांच एजेंसी के सामने नकली दवा सिडिंकेट का राजफाश कर दिया। जांच टीम के हर सवाल का उसका जवाब दिया। बताया दवा कहां से आईं और कहां सप्लाई जा रही है। वह सरकारी गवाह बनने के लिए भी तैयार हो गया है।
आगरा में चल रहे नकली दवा सिडिंकेट को पकड़ने के लिए औषधि विभाग और एसटीएफ ने ऐसा जाल बिछाया कि नकली दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल उसमें फंस गया। टीम ने 80 लाख रुपये कीमत की दवा की सप्लाई लेकर आ रहे टेंपो को हींग की मंडी के पास से पकड़ लिया।
बंसल मेडिकल एजेंसी पर भी दवा पहुंचाने की बात स्वीकार की
हिरासत में लिए गए सैंया में रहने वाले टेंपो चालक आकिर मलिक ने पूछताछ में सारा राज उगल दिया। उसने बताया कि सुल्तानपुरा में रहने वाले यूनिस उसका भाई वारिश कैंट रेलवे स्टेशन पर आने वाले माल की ढुलाई का काम करते हैं। यूनिस और वारिस ने चेन्नई से ट्रेन से आईं दवाओं को लड़ामदा में रहने वाले फरहान से पूछकर हे मां मेडिको फव्वारा पर पहुंचाने के लिए कहा था।
एसटीएफ को देख भागे टेंपो के साथ आ रहे वारिस व फरहान
उसने बताया कि जब वह कैंट स्टेशन से टेंपो में दवा लादकर निकला तो उससे कहा गया कि रास्ते में कोई पूछे तो उसे लेदर बताना है। वारिश और फरहान स्कूटी से टेंपो के साथ थे जो टेंपो पकड़े जाने पर भाग गए। जांच टीम को पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले भी हे मां मेडिको के अलावा हॉस्पिटल रोड स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी पर दवा की सप्लाई कर चुका है। जांच टीम के कहने पर वह सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार हो गया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।