12 राज्यों के व्यापारियों में खलबली, नकली दवाई के डर से लखनऊ की फर्म ने ऑर्डर पर मंगाईं लाखों की दवाएं लौटाई
आगरा में नकली दवा सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ था जिसने 12 राज्यों में सस्ती दवाओं की आपूर्ति करके करोड़ों का कारोबार किया। औषधि विभाग और एसटीएफ की कार्रवाई के बाद दवा कारोबारियों में खलबली मची है। लखनऊ की एक फार्मा कंपनी ने नकली दवा के डर से लाखों की दवाएं वापस कर दी हैं। विभाग गोदामों की तलाश कर रहा है और पिछले डेढ़ साल के रिकॉर्ड खंगाल रहा है।

जागरण संवाददाता, आगरा। नकली दवा सिंडिकेट ने सस्ती दर पर दवाओं की सप्लाई कर टर्नओवर करोड़ों में पहुंचा दिया है। औषधि विभाग और स्पेशल टास्क फोर्स की कार्रवाई के बाद नकली दवा बेचने वाली फर्मों से दवाएं खरीदने वाले 12 राज्यों के थोक और खुदरा दवा कारोबारियों में खलबली मची हुई है।
मंगलवार को लखनऊ की सुकमणि फार्मा ने हे मां मेडिको को आर्डर देकर मंगाईं लाखों की दवाएं ट्रांसपोर्ट कंपनी से वापस कर दीं। इन दवाओं को औषधि विभाग को सौंपने के लिए पत्र भी लिखा है। कई और थोक दवा कारोबारी हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी व उसकी सहयोगी फर्मों से अगस्त में दवाएं खरीद चुके हैं। वो दवाएं वापस करने के लिए संपर्क कर रहे हैं।
हे मां मेडिको से लखनऊ की सुकमणि फार्मा ने 20 अगस्त को मंगाई लाखों की दवाएं लौटाईं
औषधि विभाग और एसटीएफ ने हे मां मेडिको और बंसल मेडिकल एजेंसी पर 22 अगस्त को छापा मारा था। सहायक औषधि आयुक्त अतुल उपाध्याय ने बताया कि, 20 अगस्त को हे मां मेडिको से लखनऊ की सुकमणि फार्मा को ट्रांसपोर्ट कंपनी से लाखों की एंटी एलर्जिक, हृदय रोग सहित दवाओं की आर्डर पर सप्लाई की गई थी। नकली दवा का मामला खुलने के बाद सुकमणि फार्मा ने दवाएं नहीं लीं।
बंसल मेडिकल एजेंसी, ताज मेडिको, एमएसवी मेडि प्वाइंट, श्री राधे से दवाएं खरीदने वालों में खलबली
इन दवाओं को 31 अगस्त को झांसी गोल्डन ट्रांसपोर्ट, थाना छत्ता के माध्यम से वापस लौटा दिया है। साथ ही पत्र भी लिखा है कि इन दवाओं को औषधि विभाग को सौंप दिया जाए। पुलिस को सूचना देकर दवाओं को ट्रांसपोर्ट कंपनी पर सुरक्षित रखवाने के लिए कह दिया गया है, इन दवाओं को जब्त किया जाएगा।
डेढ़ वर्ष में दवा खरीदने वालों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे
उधर, हे मां मेडिको, बंसल मेडिकल एजेंसी, एमएसवी मेडि प्वाइंट, ताज मेडिको और श्री राधे मेडिको से डेढ़ वर्ष में दवाएं खरीदने वालों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। ये सस्ती दवाओं की बिक्री करते थे। एमआरपी से 40 प्रतिशत कम दर पर दवाओं की आपूर्ति बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, बरेली, अलीगढ़ और मुजफ्फर नगर के साथ ही 12 राज्यों में की जा रही थी। इन पांचों फर्मों से दवाएं खरीदने वालों में खलबली मची हुई है। नकली दवा के डर से जो स्टाक बचा हुआ है उसे वापस करने के लिए संपर्क कर रहे हैं।
फव्वारा दवा बाजार में 50 प्रतिशत दुकानें ही खुलीं
फव्वारा दवा बाजार में 22 अगस्त से छापेमारी शुरू हुई थी। रविवार तक कार्रवाई चली। सोमवार को बाजार बंद रहता है, ऐसे में मंगलवार को भी सभी दुकानें नहीं खुलीं। थोक दवा बाजार में 1200 दुकानें हैं, इनमें से 50 प्रतिशत दुकानें बंद रहीं। इनमें से अधिकांश स्टाकिस्ट नहीं हैं और सस्ती दवाओं की आपूर्ति करते हैं।
गोदाम की तलाश में जुटी टीमें, डेढ़ वर्ष में 167 करोड़ का टर्नओवर
औषधि विभाग की टीम को बंसल मेडिकल एजेंसी और उसकी सहयोगी फर्म के गोदामों में 12 करोड़ की दवाएं मिली हैं जबकि 167 करोड़ का टर्नओवर डेढ़ वर्ष में किया गया है। टीम को रिहायशी इलाकों में गोदाम होने की आशंका है, जिसकी तलाश की जा रही है।
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