Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Fake Medicine: मेडिकल स्टोर पर बेचता था नकली दवाएं, अदालत ने माना गंभीर अपराध, 10 साल की सजा सुनाई

    By Neelesh Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 11:31 PM (IST)

    आगरा में, एक मेडिकल स्टोर संचालक को बिना लाइसेंस के नकली दवाएं बेचने के आरोप में दस साल की कैद और दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। औषधि निरीक्षक की टीम ने 2010 में छापा मारकर दवाओं के नमूने लिए थे, जो जांच में नकली पाए गए। अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए यह सजा सुनाई।

    Hero Image

    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, आगरा। बिना लाइसेंस के संचालित मेडिकल स्टोर से नकली दवा बेचने पर ड्रग एवं कास्मेटिक एक्ट में दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय से 10 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड का भुगतान न करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। लैब की जांच में बीटासिन टेबलेट सहित अन्य दवाएं नकली पाई गई थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सात जनवरी 2010 में तत्कालीन औषधि निरीक्षक जगवीर सिंह ने टीम के साथ एत्माद्दौला के प्रकाश नगर नुनिहाई में एक मेडिकल स्टोर पर जांच की थी। जांच में मेडिकल स्टोर संचालक मूलरूप से हाथरस के महामाया नगर व उस समय प्रकाश नगर में रामचंद्र के यहां रह रहे मनोज गुप्ता मेडिकल स्टोर का वैध लाइसेंस व दवाओं के बिल नहीं दिखा सके थे।

    जांच टीम ने दवाओं को जब्त करने के साथ ही सात नमूने लेकर जांच के लिए भेजे। वहीं एत्माद्दौला थाने में मनोज गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उन्हें मौके से ही गिरफ्तार किया गया था। बरामद की गईं दवाओं के साथ ही बीटासिन टेबलेट सहित अन्य दवाएं नकली पाई गई थीं।

    अभियोजन पक्ष की तरफ से टीम में शामिल वादी जगवीर सिंह, औषधि निरीक्षक अलीगढ़ रमेश चंद यादव एवं दीपक कुमार को गवाही के लिए अदालत में पेश किया। विशेष न्यायाधीश ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट विवेक कुमार ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं विशेष लोक अभियोजक एसपी सिन्हा के तर्क पर मनोज कुमार गुप्ता को दोषी पाते हुए दस वर्ष सश्रम कारावास एवं दस लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

    अदालत ने अर्थदंड अदा नहीं करने पर दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास का भी आदेश दिया है।