Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आगरा में जानवर की चर्बी से नकली देशी घी बनाने की फैक्ट्री, हड्डियों के साथ पैर और खुर भी मिले

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 17 Dec 2020 10:00 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के खंदौली कस्बे में चल रही फैक्ट्री पर छापा मार पुलिस ने भारी मात्रा में तैयार घी के साथ ही जानवरों की हड्डियां पैर और खुर बरामद किए हैं। फैक्ट्री संचालक सहित चार को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दो फरार हो गए।

    Hero Image
    पैसे की भूख मिटाने के लिए जानवर की चर्बी से नकली घी तैयार कर बाजार में खपाया जा रहा था।

    आगरा, जेएनएन। पैसे की भूख मिटाने के लिए जानवर की चर्बी से नकली घी तैयार कर बाजार में खपाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश में आगरा जिले के खंदौली कस्बे में चल रही फैक्ट्री पर छापा मार पुलिस ने भारी मात्रा में तैयार 'दैशी घी' के साथ ही जानवरों की हड्डियां, पैर और खुर बरामद किया है। फैक्ट्री संचालक सहित चार को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि दो फरार हो गए। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है, जिसे फुटकर व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस टीम ने मंगलवार तीसरे पहर यहां पर फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की। गैस के चूल्हे पर चर्बी उबल रही थी। पुलिस के पहुंचते ही फैक्ट्री में काम कर रहे लोगों में भगदड़ मच गई। पुलिस ने चार लोगों को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपितों में फैक्ट्री स्वामी चांद बाबू, व तीन मजदूर शैफी, इरशाद और ताहिर शामिल हैं। पास ही बाड़े में कट्टीखाना चला रहे सल्लो और सोहिल भाग निकले। मौके पर पहुंचे खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नकली घी के सैंपल लेकर जांच को भेजे हैं।

    वनस्पति घी और रिफाइंड मिलाते थे : चांदबाबू ने पुलिस को बताया कि वे जानवरों की चर्बी को चूल्हे पर उबालकर इसमें तय मात्रा में वनस्पति और रिफाइंड मिला देते हैं। एसेंस (खुशबू) की मिलावट के बाद यह हूबहू असली घी लगता है।

    आसपास के जिलों में करते थे सप्लाई : पकड़े गए फैक्ट्री मालिक चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि लंबे समय से नकली घी तैयार कर आसपास के जनपदों में सप्लाई किया जा रहा था। वे सप्लायरों के माध्यम से इसकी बिक्री कर देते थे। आरोपित चांद बाबू ने पुलिस को बताया कि छलेसर कट्टी खाने से चर्बी 18 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदता है। घी तैयार करने में कुल 23 रुपये प्रति किलोग्राम का खर्च आता है। जिसे वह व्यापारियों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेचता है। यही घी व्यापारी डालडा में मिलाकर 200 प्रति किलोग्राम तक में बेचते हैं।

    आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज : एसओ खंदौली अरविंद सिंह निर्वाल के मुताबिक, खाद सुरक्षा अधिकारी त्रिभुवन नारायण की तहरीर पर गिरफ्तार आरोपितों सहित छह के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420), विक्रय के लिए आशयित खाद्य या पेय वस्तु का अपमिश्रण (धारा 272, 273) और असुरक्षित या संदूषित या अवमानक खाद्य (खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 26) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

    यह भी पढ़ें: हाथरस में नकली मसाला बनाने की फैक्ट्री का राजफाश, मिला रहे थे गधे का गोबर और एसिड