'ब्रांडेड' नकली देसी घी से बन रहा डोसा-भल्ले और आमलेट, फास्ट फूड बाजार में हर महीने कई कुंतल की सप्लाई
आगरा में नकली देसी घी की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी हैरान करने वाली है। उनका कहना है कि फास्ट फूड बाजार था बड़ा खरीदार। डोसा-भल्ला और आमलेट से लेकर चाऊमीन तक हर महीने कई कुंतल नकली घी की सप्लाई करते थे। नकली घी आसपास के जिलों में भी सप्लाई होता था। पुलिस को ग्वालियर से कोई सुराग नहीं मिला है।

जागरण संवाददाता, आगरा। ताजगंज के कहरई मोड़ पर फैक्ट्री में तैयार होने वाले नकली देसी घी का फास्ट फूड बाजार एक बड़ा खरीदार था।डोसा-भल्ला और आमलेट से लेकर चाऊमीन समेत अन्य फास्ट फूड नकली घी से बनाए जा रहे थे।
आरोपितों से पूछताछ में यह बात सामने आयी थी। उन्होंने बताया था कि नकली देसी घी को फास्ट फूड के बाजार में खपाया जाता था। ठेल और दुकान वाले देसी घी के नामचीन ब्रांड को लेकर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। उन्हें विभिन्न ब्रांड का नकली देसी घी असली से कम मूल्य पर देने से वह जल्दी ग्राहक बन जाते थे। कई कुंतल नकली देसी घी हर महीने बाजार में खपा देते थे।
पुलिस ने मौके पर मिले बिलों से ली जानकारी
पुलिस द्वारा मौके से बरामद माल भेजने के बिलों और आरोपितों के माेबाइल डाटा की जांच में सप्लाई चेन के बारे में जानकारी मिली है। जिसमें फास्ट फूड बाजार बड़ा बाजार है। फैक्ट्री मालिकों की तलाश में ग्वालियर गई पुलिस टीम के हाथ अभी खाली हैं। दोनों फरार चल रहे हैं।
पांच लोगों को भेजा है जेल
ताजगंज के कहरई मोड़ पर गुरुवार को पुलिस ने छापा मारकर नकली घी फैक्ट्री से मैनेजर राजेश भारद्वाज समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। फैक्ट्री को दाल बाजार ग्वालियर के रहने वाले पंकज अग्रवाल, नीरज अग्रवाल, बृजेश अग्रवाल संचालित कर रहे थे। पुलिस ने शुक्रवार आरोपितों राजेश भारद्वाज एवं कर्मचारियों शिवचरण, भास्कर गौतम, ग्वालियर के माधो गंज के रहने वाले रवि मांझी, सागर के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह को जेल भेजा है। आरोपितों ने पूछताछ में विभिन्न राज्यों में सप्लाई चेन के बारे में जानकारी दी थी।
कहां खपाया जा रहा नकली घी
पुलिस यह जानना चाहती थी कि विभिन्न नामचीन ब्रांड के नकली देसी घी को फैक्ट्री में तैयार करने के बाद कहां-कहां खपाया जाता था। उसके खरीदार कौन लोग थे। आरोपितों के मोबाइल, लैपटाप और बड़ी संख्या में बरामद बिल्टियों की पुलिस जांच कर रही है। बिल्टियों की जांच में पता चला कि नकली देसी घी को राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, असम व बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के विभिन्न राज्यों में खपाया जा रहा था। अभी तक की जांच में सामने आया है कि नकली देसी घी को फास्ट फूड बाजार में बड़ी मात्रा में खपाया जा रहा था। आरोपितों ने फास्ट फूड के छोटे दुकानदारों को अपना लक्ष्य बना रखा था। तैयार माल का बड़ा हिस्सा इस बाजार में खपाते थे।
डीसीपी सूरज राय।
ग्वालियर में दी दबिश
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि मुकदमे में नामजद फरार फैक्ट्री मालिकों की गिरफ्तारी को ग्वालियर में टीम दबिश दे रही हैं। उनके पकड़े जाने पर पूछताछ में सप्लाई चेन की विस्तृत जानकारी मिलेगी।
ग्वालियर में बैठे नीरज अग्रवाल और ब्रजेश वाटसएप से कारोबार चला रहे थे
एक्सपायरी खाद्य तेल, वनस्पति से बनाते थे माल पुलिस ने छापे के दौरान फैक्ट्री से 144 किलोग्राम एक्सपायरी वनस्पति बरामद किया था। आरोपित बाजार से सस्ते मूल्य पर रिफाइंड, वनस्पति घी, पाम आयल खरीदते थे। जिसमें एसेंस के साथ थोड़ा सा असली घी मिलाकर नकली देसी घी तैयार करते थे। जिससे खरीदार को शक नहीं हाेता था। फैक्ट्री मैनेजर का कहना था कि वह बेचने वालों से यह कहकर एक्सपायरी माल खरीदते थे कि पूजा के लिए माल तैयार करने के काम आता है। वह 170 रुपये प्रति किलोग्राम में नकली घी तैयार करके उसे 600 रुपये में बेचते थे।
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आरोपितों पर गैंगस्टर में होगी कार्रवाई
नकली देसी घी की फैक्ट्री संचालित करने वालों के विरुद्ध पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई करेगी। डीसीपी ने बताया आरोपितो के विरुद्ध पुलिस के पास पुख्ता साक्ष्य हैं। गिरफ्तार आरोपितों की वीडियो रिकार्डिंग कराई गई है। मैनेजर ने अपने बयान में फैक्ट्री के असली मालिकों के नाम बताए जाते है। फैक्ट्री मैनेजर के मोबाइल की वाट्सएप चैट निकाली गई है। जिन्हें डिजिटल साक्ष्यों के रूप में केस डायरी में शामिल किया जाएगा। जिससे कोई अपने बयानों से पलट भी जाए तो आरोपितों को इसका लाभ नहीं मिले।
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