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    Shravan 2021: आगरा के शिवालयों में नहीं बजेगा घंटा न होगी भीड़, नहीं लगेंगे मेले

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 23 Jul 2021 05:09 PM (IST)

    Shravan 2021 श्रवण मास में 11 सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी शिव उपासना। तीसरी लहर रोकने को मंदिर प्रबंधन ने की विशेष व्यवस्था। गूढ़ साधना पूजा पाठ और मंत्र सिद्धि के लिए 8 अगस्त को सुबह 5.50 से 9.18 बजे तक रविपुष्य योग और 15 अगस्त को त्रिपुष्कर योग है।

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    सावन के सोमवार पर आगरा के शिवालय रहेंगे भक्तों से सूने।

    आगरा, जागरण संवाददाता। प्रतिबंधों के बीच एक बार फिर भगवान शिव के प्रिय महीने श्रावण मास की 25 जुलाई से शुरुआत हो रही है। पौराणिक व विख्यात मंदिरों में घंटे बजाने से लेकर प्रसाद चढ़ाने तक में प्रतिबंध रहेगा। कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर शिवालयों में श्रद्धालुओं प्रवेश वर्जित रहेगा। मेले भी नहीं लगेंगे। मंदिरों का प्रबंधन और उपासक कोरोना गाइडलाइन का पालन कराएंगे। मंदिर प्रबंध तंत्र के अनुसार 25 जुलाई से श्रावण शुरू हो रहा है।

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    26 को पहला सोमवार पड़ेगा, जिसे लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं। गर्भ गृह में जलाभिषेक के बचाय छह फीट दूर से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है। इससे पहले 24 को गुरु पूर्णिमा की आरती होगी। शहर के चारों कोनों पर शिवालय हैं। यह राजेश्वर महादेव मंदिर, बल्केश्वर महादेव मंदिर, कैलाश महादेव मंदिर और पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के नाम से विख्यात हैं। शहर के मध्य मन:कामेश्वर मंदिर और रावली महादेव मंदिर भी खास हैं। मान्यता है कि यह सभी शिवालय शहरवासियों को विपत्तियों से मुक्ति दिलाते हैं। सावन के चारों सोमवारों को शहर के चारों कोनों पर स्थापित शिवालयों पर क्रमश: मेले लगते हैं। दूसरे सोमवार को बल्केश्वर महादेव मंदिर पर मेला लगता है और उस दिन चारों शिवालयों की परिक्रमा लगाई जाती है। इस दिन पूरा शहर शिवमय हो जाता है। बल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत योगेशपुरी, कैलाश महादेव मंदिर के महंत निर्मल गिरी, बल्केश्वर महादेव मंदिर के महंत सुनील नागर व पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के महंत अजय राजौरिया ने बताया कि कोराना की गाइडलाइन के अनुसार इस बार भी पिछले साल की तरह सब प्रतिबंधित रहेगा। मंदिरों में श्रद्धालु प्रवेश नहीं कर पाएंगे। प्रमुख शिवालयों के आनलाइन दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन के निर्देशों के अनुसार ही पूजा-अर्चना होगी। मंदिर में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। आनलाइन दर्शन की व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालु अपने घरों पर अथवा घर के समीप मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार श्रवण मास में कई विशेष योग बन रहे हैं। जुलाई से अगस्त के बीच 11 सर्वार्थ सिद्धि योग होने की वजह से श्रवण मास में शिव पूजन का विशेष महत्व है। 24, 29 और 30 जुलाई के अलावा अगस्त में 4, 6, 8, 14, 16, 20, 21 और 24 को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, तो वहीं 30 जुलाई को अमृत सिद्धि योग बनेगा। गूढ़ साधना पूजा पाठ और मंत्र सिद्धि के लिए 8 अगस्त को सुबह 5.50 से 9.18 बजे तक रविपुष्य योग और 15 अगस्त को त्रिपुष्कर योग बन रहा है।

    पहले सोमवार को धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ योग, बढ़ेगा बल और पराक्रम 

    महंत गौरव गिरी ने बताया कि 26 जुलाई श्रवण माह के पहले सोमवार को धनिष्ठा नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है, इस योग में भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने से पराक्रम और शारीरिक बल में वृद्धि होगी, और विरोधियों पर विजय प्राप्त होगी। वहीं, दूसरे सोमवार को 2 अगस्त को कृत्तिका नक्षत्र में चंद्रमा उच्च राशि में रहेगा और इस दिन भगवान शिव की पूजा उपासना करने से भक्तों को उनकी विशेष कृपा प्राप्त होगी। तीसरे सोमवार को अश्लेषा नक्षत्र और चौथे सोमवार को अनुराधा नक्षत्र में शंकर भगवान की पूजा करने से आध्यात्मिक उन्नति होगी। 6 अगस्त शिवरात्रि पर रात 12.06 से 12.48 बजे तक निशीथ काल रहेगा। इसे शिव पूजा को श्रेष्ठ माना जाता है।

    श्रवण मास में सोमवा

    रपहला सोमवार- 26 जुलाई

    दूसरा सोमवार- 2 अगस्त

    तीसरा सोमवार- 9 अगस्त

    चौथा सोमवार- 16 अगस्त

     

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