Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऑटोमोबाइल ज्ञान संग शिकंजी का स्वाद... डीईआई में इंजीनियरिंग पढ़ाने वाले रिषभ ने दिया आत्मनिर्भरता पर जोर

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 01:58 PM (IST)

    Agra Latest News In Hindi दयालबाग शिक्षण संस्थान में इंजीनियरिंग प्रशिक्षक रिषभ सत्संगी छात्रों को ऑटोमोबाइल की जानकारी देने के साथ-साथ शाम को नींबू-पानी बेचते हैं। कूल प्वाइंट नाम से स्टॉल लगाकर वे आत्मनिर्भरता का संदेश देते हैं। उनकी कहानी इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है जो युवाओं को मेहनत और समाज की परवाह न करने की प्रेरणा देती है।

    Hero Image
    Agra News: आगरा के अनोखे प्रशिक्षक, किताबी जानकारी के साथ पिलाते हैं नींबू पानी

    जागरण संवाददाता, आगरा। दयालबाग शिक्षण संस्थान (डीईआइ) के टेक्निकल कालेज में आटोमोबाइल प्रशिक्षक (अस्थाई) रिषभ सत्संगी की कहानी हर दिल को छू रही है। दिन में बतौर प्रशिक्षक छात्रों के आटोमोबाइल की तकनीकी की जानकारी, शाम में नींबू-पानी की रेहड़ी लगा गर्मी से राहत दिलाने वाले रिषभ न सिर्फ मेहनत की मिसाल हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता का जीता-जागता सबक भी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पॉलीटेक्निक छात्रों को ऑटोमोबाइल सिस्टम की जानकारी देने के साथ बीते एक महीने से हर शाम “कूल प्वाइंट” नाम से दयालबाग रोड पर अपना स्टॉल सजाते हैं। जगमगाती लाइट्स, नींबू की ताजगी और उनकी मुस्कान के साथ परोसी शिकंजी ग्राहकों को रिफ्रेश करती है। यह स्टाल सिर्फ नींबू-पानी नहीं, बल्कि हिम्मत और मेहनत का स्वाद बेचता है।

    नगला हवेली के रहने वाले रिषभ ने बताया, पहले वह संस्थान से निकलने के बाद बाहर खाना खाकर समय बर्बाद करते थे। तभी कुछ नया करने काे मन विचलित हुआ और इस सोच ने जन्म दिया “कूल प्वाइंट” का।

    स्टॉल पर लगी रहती है भीड़

    दयालबाग रोड में बने राधास्वामी मंदिर के बगल में शाम पांच बजे से हर रात 11 बजे तक उनके स्टॉल पर भीड़ लगी रहती है, जिसमें ज्यादातर उनके छात्र शामिल हैं। छात्रों के अनुसार सर की बनाई शिकंजी तो कोर्स की जानकारी देने जितनी रिफ्रेशिंग है। रिषभ का मानना है, यदि कोई समय की कीमत समझे, तो जिंदगी बदल सकती है। उनका यह छोटा-सा स्टार्टअप न सिर्फ अतिरिक्त कमाई देता है, बल्कि दो-तीन लोगों को रोजगार भी मुहैया कराता है।

    समाज की सोच को ठेंगा

    प्रशिक्षक जैसे सम्मानित पद पर होने के बावजूद रिषभ ने सड़क किनारे स्टाल लगाने में जरा भी हिचक नहीं दिखाई। समाज की उस मानसिकता को चुनौती दी, जो छोटे काम को कम आंकती है। वो कहते हैं, उन्होंने नींबू-पानी नहीं, मेहनत का स्वाद बेचना शुरू किया। मेहनत में शर्मिंदगी नहीं, सम्मान है। यह जज्बा युवाओं को अपनी राह खुद चुनने के साथ समाज की परवाह छोड़ने सीख देता है।

    इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई कहानी

    रिषभ का कूल प्वाइंट अब सिर्फ नींबू-पानी का ठिकाना नहीं, बल्कि प्रेरणा का केंद्र बन चुका है। इंटरनेट मीडिया पर उनकी तस्वीरें और कहानी खूब वायरल हो रही हैं। छात्र कहते हैं जब प्रशिक्षक शिकंजी बनाए, तो ग्रेड भी ताजे और अच्छे मिलेंगे।

    छोटा कदम, बड़ा संदेश

    रिषभ की कहानी सिखाती है सफलता के लिए बड़े संसाधनों की जरूरत नहीं, बस मेहनत और हौसला चाहिए। वो न सिर्फ छात्रों को किताबी ज्ञान देते हैं, बल्कि अपनी जिंदगी से आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाते हैं। उनका स्टॉल जिले की सड़कों पर एक मिसाल है।

    comedy show banner
    comedy show banner