Sindoor Khela 2022: नवरात्र पर बंगाली समाज का 'सिंदूर खेला', आगरा में आज होगा दर्पण विसर्जन
Durga Pooja Utsav आगरा में रहने वाले बंगाली समाज का महाषष्ठी पर्व को शुरू हुआ चार दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव। महिलाएं आज लगाएंगी माता की प्रतिमा के सिंदूर। इसके बाद आपस में सिंदूर उड़ाकर करेंगी नृत्य। दशहरे पर शहर में होंगे और भी कार्यक्रम।
आगरा, जागरण संवाददाता। महाषष्ठी पर्व को शुरू हुआ बंगाली समाज का चार दिवसीय दुर्गा पूजा उत्सव आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को संपन्न होगा। बंगाल में दुर्गा पूजा के आखिरी दिन सिंदूर खेला रस्म निभाई जाती है, जिसमें मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया जाता है। बंगाल की यह रस्म आगरा में भी मनाई जाती है और बंगाली समाज विजयादशमी के दिन दुर्गा पूजा उत्सव में सिंदूर खेला की रस्म अदा कर प्रतिमा का विसर्जन करता है। दशहरे को सुबह माता का पूजन होगा। इसके बाद महिलाएं माता की प्रतिमा को अपने हाथों से पान के पत्तों में सिंदूर लेकर लगाएंगी। इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लागकर नृत्य करेंगी। इस दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार कर आयोजन में शामिल होंगी।
यह है सिंदूर खेला रस्म
बंगाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन से पहले श्रद्धालु सिंदूर खेला की रस्म निभाते हैं। इस रस्म में विवाहित महिलाएं हाथों में पान के पत्ते लेकर उन्हें मां दुर्गा के गालों से स्पर्श करती हैं। इसके बाद पान के पत्तों में सिंदूर रखकर मां दुर्गा की मांग भरी जाती है। माता के मस्तक पर भी सिंदूर लगाया जाता है। फिर सभी विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर मां दुर्गा से अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।
होगा दर्पण विसर्जन
बंगाली समाज की यह रस्म भी खास है। इसमें पूजा कराने वाले पंडित माता की प्रतिमा के सामने बड़ी परात में पानी भरकर उसमें एक दर्पण रखेंगे, इसमें माता की प्रतिमा का प्रतिबिंब नजर आएगा। इसे ही दर्पण विसर्जन कहा है। इसके बाद सभी श्रद्धालु एकजुट होकर माता की प्रतिमा का विसर्जन करेंगे।
होगा शस्त्र पूजन
दशहरे पर शहर में जगह-जगह शस्त्र पूजन किया जाएगा। अग्रसेना का शास्त्रीपुराम स्थित होटल ग्रीन वैली में महाशस्त्र पूजन महोत्सव व अग्र भामाशाह सम्मान समारोह होगा। चिकित्सकों द्वारा निश्शुल्क परामर्श दिया जाएगा। महाराजा अग्रसेन के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। रामलीला मैदान स्थित श्रीराम-हनुमान मंदिर पर हिंदूवादी संगठनों द्वारा शस्त्र-पूजन कार्यक्रम किया जाएगा। साथ ही विभिन्न समाज भी अलग-अलग आयोजन करेंगे।
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