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    साल भर तक जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे दवा माफिया! विजय गोयल और उसके मैनेजर पर पिट एनडीपीएस के तहत होगी कार्रवाई

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 12:00 PM (IST)

    दवा माफिया विजय गोयल और उसके मैनेजर नरेंद्र शर्मा पर पिट एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की गई है जिसके चलते वे एक साल तक जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। मेरठ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर शासन की स्वीकृति के बाद यह कार्रवाई हुई। पुलिस आयुक्त और डीएम ने कमेटी के सामने कार्रवाई का समर्थन किया। विजय गोयल पर नकली दवाइयों का कारोबार करने का आरोप है।

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    दवा माफिया और उसके मैनेजर पर पिट एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई

    जागरण संवाददाता, आगरा। दवा माफिया विजय गोयल उसका मैनेजर नरेंद्र शर्मा एक वर्ष तक जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। मेरठ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने दवा माफिया के विरुद्ध स्वापक औषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार की रोकथाम अधिनियम(पिट एनडीपीएस) के तहत कार्रवाई के लिए शासन में समिति को रिपोर्ट भेजी थी। जिस पर कमेटी ने अपनी स्वीकृति दे दी थी।

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    लखनऊ में एडवाइजरी कमेटी के समक्ष पुलिस आयुक्त दीपक कुमार और डीएम अरविंदं मल्लप्पा बंगारी ने 25 सितंबर को पेश होकर दवा माफिया पर कार्रवाई के समर्थन में तर्क दिए।जिसके बाद एडवाइजरी कमेटी ने पिट एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई पर मुहर लगा दी। आगरा में किसी दवा माफिया पर पहली बार इस धारा के तहत कार्रवाई हुई है। यह रासुका की तरह है। गंभीर मामलों में ही इस तरह की कार्रवाई की जाती है।

    रासुका की तरह गंभीर है धारा, एक वर्ष जेल से बाहर नहीं आ सकेगा

    पिट एनडीपीएस एक्ट 1988 गंभीर नशे का कारोबार करने वाले अपराधियों पर लगाया जाता है, जो लगातार उस अपराध में शामिल पाए जाते हैं। यह कार्रवाई शासन की ओर से की जाती है। यह उन अपराधियों के विरुद्ध लगाया जाता है, जिनका जेल में बंद किया जाना जरूरी हो जाता है। इस एक्ट के तहत कार्रवाई के बाद अपराधी को एक वर्ष तक जमानत नहीं पाती है। पिट एनडीपीएस एक्ट के नए प्राविधान में जेल में बंद रखने की अवधि को बढ़ाकर दो वर्ष कर दिया गया है।

    पुलिस आयुक्त और डीएम ने एडवाइजरी कमेटी के सामने हुए थे पेश

    एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने सिकंदरा औद्याेगिक क्षेत्र में नकली-नशीली दवाइयों की फैक्ट्री पर 22 अक्टूबर 2024 को छापा मारा था।यहां नकली व नशीली दवाइयां बनाकर उन्हें कई राज्यों और शहरों में खपाया जा रहा था। मौके से दवा माफिया विजय गोयल उसका मैनेजर नरेंद्र शर्मा, दवाओं काे बाजार में खपाने वाला अमित पाठक समेत दस लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। मुकदमें 15 लोगों को नामजद किया था।

    वर्ष 2023 में भी सिकंदरा और जगदीशपुरा इलाके में एएनटीएफ ने छापा मारकर बड़ी संख्या में नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्री पकड़ी थी।जमानत पर आने के बाद विजय गोयल ने गांजा तस्कर विशाल अग्रवाल की साझीदारी में दोबारा फैक्ट्री खोल ली थी। जिसके चलते उसके विरुद्ध पिट एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई की गई।

    पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि विजय गाेयल और उसके मैनेजर नरेंद्र शर्मा पर पिट एनडीपीएस की कार्रवाई पर एडवायजरी कमेटी ने मु्हर लगा दी है।

    मेरठ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स कर ही है जांच

    शास्त्रीपुरम में इलाके में नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्री चलाने वाले विजय गोयल को पुलिस ने 22 अक्टूबर 2024 को 10 साथियों समेत गिरफ्तार किया था। आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा था। दो महीने बाद विवेचना आगरा जांच आगरा से मेरठ एंटी नारटकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) स्थानांतरित हो गई। टास्क फोर्स ने इस वर्ष अगस्त में एक वांछित दिल्ली में बुराड़ी के रहने वाले अभिषेक बोस को गिरफ्तार किया था। आरोपित अभिषेक नकली-नशीली दवाओं की फैक्ट्री चलाने वाले विजय गोयल को कच्चा माल अापूर्ति करता था।