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    धूल कण से फट रहे फेफड़े, जकड़ रहा गला

    आगरा: वातावरण में धूल कण बढ़ गए हैं। इससे टीबी, अस्थमा से पीड़ित मरीजों के साथ स्वस्थ लोग खांसते-खांसते परेशान हैं।

    By JagranEdited By: Updated: Thu, 07 Jun 2018 05:00 AM (IST)
    धूल कण से फट रहे फेफड़े, जकड़ रहा गला

    जागरण संवाददाता, आगरा: तूफान और अंधड़ के बाद से वातावरण में धूल कण बढ़ गए हैं। ये धूल कण घातक होने लगे हैं। टीबी, अस्थमा से पीड़ित मरीजों के साथ स्वस्थ लोग खांसते-खांसते परेशान हैं। इन बिगड़े हालात में सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीज फेफड़े फटने पर भर्ती हो रहे हैं।

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    60 दिन से धूल भरी आंधी का सिलसिला जारी है। इस बीच तूफान भी आ चुका है और बीच-बीच में बारिश भी हुई है। इससे वातावरण में धूल कणों की मात्रा बढ़ गई है। इतने समय तक वातावरण में लगातार धूल कण रहने से एलर्जी की समस्या बढ़ रही है। इससे लोग खांसते-खांसते परेशान हैं। सबसे ज्यादा समस्या टीबी, अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के मरीजों को हो रही है। एलर्जी और लगातार खांसने से टीबी मरीजों के फेफड़े फट रहे हैं। इस दौरान एसएन में दवाएं लेने के बाद आराम न मिलने पर टीबी और सीओपीडी के मरीज भर्ती हुए। एक दर्जन मरीजों के एक्सरे में फेफड़े फटे हुए थे, इससे फेफड़ों में हवा भरने से एयर प्रेशर बढ़ने (न्यूमोथोरेसिज) लगता है। इन मरीजों में टेस्ट ट्यूब डाली गई हैं।

    उधर, पिछले 15 दिनों में गले की एलर्जी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। धूल कण से एलर्जी और वायरल संक्रमण से गला जकड़ने पर मरीज एसएन, जिला अस्पताल और निजी डॉक्टरों के क्लीनिक पर पहुंच रहे हैं।

    ये करें

    - मुंह पर रुमाल बांध कर बाहर निकले, जिन्हें धूल से एलर्जी से वे डॉक्टर से परामर्श लेकर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।

    - धूप में रहने के तुरंत बाद ज्यादा ठंडे तरल पदार्थो का सेवन न करें, इससे वायरल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

    - गर्मी में डीहाइड्रेशन से भी गले में एलर्जी की समस्या बढ़ती है, पानी का सेवन अधिक करें।

    - टीबी, अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीज दवा की डोज डॉक्टर के परामर्श के बिना कम न करें। धूल कण की एलर्जी से खांसते- खांसते टीबी मरीजों के फेफड़े फट रहे हैं। फेफड़ों में हवा भर रही है, ऐसे में चेस्ट ट्यूब डालनी पड़ रही है।

    डॉ. जीबी सिंह, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट एसएन मेडिकल कॉलेज

    अस्थमा और सांस संबंधी बीमारी में तबीयत में सुधार होने पर मरीज दवा की डोज कम कर देते हैं। ऐसे में धूल कण और वायरल संक्रमण घातक हो रहा है।

    डॉ. संजीव लवानिया, चेस्ट फिजीशियन धूल कणों के साथ गर्मी से गले की एलर्जी बढ़ गई है। इससे तेज बुखार आने के साथ गला खराब हो रहा है। इस मौसम में विटामिन सी का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए।

    डॉ. राजीव पचौरी, ईएनटी विशेषज्ञ धूप से आने के बाद ठंडा पानी पीने से गला जकड़ रहा है, एलर्जी के साथ वायरल संक्रमण से गला जकड़ रहा है। इसे सही होने में समय लग रहा है।

    डॉ. गौरव खंडेलवाल, ईएनटी विशेषज्ञ