Tajmahal: कौन हैं राजकुमारी दीया, जिन्होंने ताजमहल पर किया दावा, वसुंधरा राजे ने कराई थी राजनीति में एंट्री
Tajmahal जयपुर राजघराने की राजकुमारी व सांसद दीया कुमारी ने दावा किया है कि ताजमहल की जमीन उनकी पुरखों की थी। मुगलों का उस समय शासन था और उन्होंने इसे ले लिया था। इसके दस्तावेज उनके पाेथीखाने में हैं।

आगरा, जागरण टीम। अपनी बेपनाह खूबसूरती के लिए दुनिया में मशहूर ताजमहल इन दिनों 22 बंद कमरों और तहखाने के लिए सुर्खियां बंटोर रहा है। जयपुर की राजघराने की राजकुमारी व राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने ताजमहल को मुगलों की नहीं उनके पुरखों की विरासत होने का दावा किया है।
शाहजहां द्वारा यह फरमान राजा जयसिंह को हवेली देने के लिए जारी किया गया था। फरमान में जिक्र है कि शाहजहां ने मुमताज को दफन करने के लिए राजा मानसिंह की हवेली मांगी थी। इसके बदले में राजा जयसिंह को चार हवेलियां दी गई थीं। इस फरमान की सत्यापित नकल जयपुर स्थित सिटी पैलेस संग्रहालय में संरक्षित है। कौन हैं राजकुमारी दीया कुमारी और क्या है इनका राजनीति से ताल्लुक पढ़िए ये रिपोर्ट...
भाजपा से सांसद हैं दीयाकुमारी
राजस्थान की राजनीति में राजपरिवारों से जुड़े चेहरों का अलग ही महत्व रहा है। राजपरिवारों से जुड़े लोग यहां सांसद, विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक बने हैं। राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी भी एक ऐसा चेहरा हैं जो पहले पहले विधायक बनीं और अब सांसद हैं। दीया कुमारी जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य हैं। वे जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह की इकलौती संतान हैं।
राजनीति से है पुराना नाता
जयपुर राजपरिवार का राजनीति से पुराना नाता रहा है। राजमाता गायत्री देवी स्वतंत्र पार्टी से जयपुर की तीन बार सांसद रही है। वहीं, दीया कुमारी के पिता भवानी सिंह ने भी जयपुर से कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव लडा था, लेकिन हार गए थे। दीया कुमारी का राजनीति में प्रवेश 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था। सितंबर 2013 में वसुंधरा राजे की चुनावी यात्रा की आखिरी बड़ी रैली जयपुर में हुई थी।
इस रैली को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था और इसी रैली में दीया कुमारी का राजनीति में प्रवेश हुआ था। वसुंधरा राजे ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। सदस्यता दिलाने के साथ ही उन्हें सवाई माधोपुर से भाजपा का टिकट दिया गया और वे किरोडीलाल मीणा जैसे बड़े जनाधार वाले नेता को हरा कर पहली बार में ही विधायक बन गईं। उनका कार्यकाल अच्छा रहा।
लोकसभा चुनाव में दिया गया टिकट
उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में राजसमंद से टिकट दिया गया। यह उनके लिए बिल्कुल नया क्षेत्र था। राजसमंद देश के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्रों में से एक है और दीया कुमारी को अपने प्रचार के लिए मुश्किल से बीस दिन का समय मिला था क्योंकि उनका टिकट काफी अंत में घोषित किया गया था।
Taj Mahal: जयपुर की राजकुमारी का दावा, ताजमहल उनके पुरखाें की निशानी, पढ़ें क्या कहते हैं दस्तावेज
इसके बावजूद उन्होंने यहां से बड़ी जीत हासिल की। पहली बार में विधायक और दूसरी बार क्षेत्र बदलने के बावजूद सांसद के चुनाव में बड़ी जीत के कारण दीया कुमारी को राजस्थान भाजपा की राजनीति के बड़े चेहरों मे गिना जाने लगा है।
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