DEI छात्रों ने पेश किए इनोवेशन आइडियाज: बिना मिट्टी की पौधशाला और मशरूम से बनेंगी स्टाइलिश जूतियां
दयालबाग शिक्षण संस्थान में 'डायलॉग ऑन एंटरप्रेन्योरशिप' में छात्रों ने नवीन उद्यमिता आइडिया पेश किए। इनमें हाइड्रोपोनिक किट, शाकाहारी चमड़ा, और मंदिर के फूलों से धूपबत्ती जैसे विचार शामिल हैं। शीर्ष पांच आइडिया राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किए जाएंगे। संस्थान छात्रों को फंडिंग भी प्रदान कर सकता है, जिससे इन विचारों को वास्तविकता में बदला जा सके। छात्रों ने पर्यावरण और रोजगार जैसे मुद्दों पर केंद्रित समाधान प्रस्तुत किए।

दयालबाग शिक्षण संस्थान।
सुमित द्विवेदी, आगरा। घर में पौधशाला तैयार करना अब आसान हो गया है। बिना मिट्टी, कम लागत के साथ 90 प्रतिशत पानी बचत से पौधशाला को दयालबाग शिक्षण संस्थान के मैनेजमेंट के छात्रों ने हकीकत कर दिखाया है। घर में ही अब शुद्ध पौधशाला चार स्क्वायर फीट क्षेत्र में तैयार की जा सकती है, इसकी ऊंचाई भी अधिकतम पांच फीट होगी।
छात्रों ने इसकी किट भी तैयार की है जो अब उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहराने को तैयार है। इस मॉडल के साथ छात्र चार और आकर्षक मॉडल के आइडिया मंगलवार को मैनेजमेंट विभाग की ओर से होने वाले डायलॉग ऑन एंटरप्रेन्योरशिप कार्यक्रम में पेश करेंगे। सैकड़ों टीमों में से चुनी गईं पांच बेहतरीन टीमों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।
दयालबाग शिक्षण संस्थान में डायलाग आन एंटरप्रेन्योरशिप में छात्र प्रस्तुत करेंगे आइडियाग
इस कार्यक्रम के लिए 40 से अधिक टीमों में टाप-20 टीमों का चयन हुआ है। इसमें सिर्फ पांच सबसे शानदार आइडिया को मंच पर पूरी प्रस्तुति का अवसर मिलेगा। विजेताओं को गोल्ड, सिल्वर व ब्रांज मेडल के साथ-साथ संस्थान की ओर से फंडिंग देने पर भी विचार किया जा सकता है। जिससे इन विचारों को एमएसएमई के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर हकीकत में बदला जा सके। छात्रों ने पर्यावरण, रोजगार, स्वास्थ्य और स्थानीय संसाधनों जैसे मुद्दों पर गजब के समाधान निकाले हैं।
जिसमें पहला वेरदुरा है, इसमें कुणाल गुप्ता की टीम ने छोटी-सी बालकनी या किचन के लिए हाइड्रोपोनिक किट तैयार की है। बिना मिट्टी, 90 फीसदी कम पानी में साल भर ताजी पत्तेदार सब्जियां व जड़ी-बूटियां पौधशाला में उगाई जा सकेंगी। शहरों में जगह की कमी वाले हर घर में अपना छोटा खेत तैयार हो सकेगा।
उद्यमिता के शीर्ष पांच आइडिया को चयनित कर राष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का मिलेगा मौका
- दूसरा व्हीगन सेवन्स, इसे कार्तिकेय बंसल की टीम अनानास व मशरूम से पूरी तरह शाकाहारी टिकाऊ चमड़ा बना रही है। इससे आगरा में स्टाइलिश व किफायती जूतियां बनेंगी। पशु चमड़े पर निर्भरता खत्म होगी और फैशन भी नैतिक रहेगा।
- तीसरा मंदिर के फूलों से धूपबत्ती, स्टेडी हैंड्स पार्टनर्स की टीम आगरा के मंदिरों में रोज टनों बेकार होने वाले फूलों से बिना केमिकल की खुशबूदार अगरबत्ती बनाएगी। यमुना का प्रदूषण रुकेगा, अपशिष्ट से कमाई होगी और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
- चौथा खोजस्किल्जी, इसे आदित्य गर्ग की टीम प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, ड्राइवर जैसे 30 करोड़ ब्लू-कालर कार्यकर्ताओं के लिए डिजिटल रिज्यूमे और क्यूआर कोड प्लेटफार्म बना रही है। बिचौलिये हटेंगे, मजदूर को स्थायी काम और ग्राहक को भरोसेमंद सेवा मिलेगी।
- पांचवां पुष्प-फल फ्यूजन चाय, इसे खुशी नागर की टीम कैफीन व टैनिन मुक्त, सूखे फूलों-फलों से बनी स्वास्थ्यवर्धक चाय लेकर आई है। चाय अब सिर्फ पेय नहीं, सेहत और सुकून का साथी बनेगी।
डीईआई मैनेजमेंट फैकल्टी की प्रो. सुमिता श्रीवास्तव ने बताया छात्रों की मेहनत बेकार न जाए, इसलिए हर स्तर पर सहयोग किया जा रहा है। इन आइडिया से न सिर्फ उद्यमिता को बल मिलेगा बल्कि नए छात्रों में भी उत्साह मिलेगा।

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