DBRAU: एसटीएफ की जांच में चुनौती बनी दीमक, चट कर दीं गोपनीय और परीक्षा विभाग की फाइलें
Dbrau एसटीएफ दीमक से कैसे वापस लेगी रिकार्ड। गोपनीय और परीक्षा विभाग की अलमारियों में रखी फाइलें चट कर गई दीमक। प्रोविजनल डिग्रियां और अंकतालिकां भी हुई खराब एसटीएफ ने 20 साल पुराने रिकार्ड सुरक्षित रखने के दिए थे निर्देश।
आगरा, जागरण संवाददाता। एक तरफ बीएएमएस मामले में जांच कर रही एसटीएफ ने डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय को 20 साल पुराने रिकार्ड संभाल कर रखने को कहा है तो दूसरी तरफ विश्वविद्यालय की अलमारियों में रखे रिकार्ड दीमक चट कर रही है। अलमारियों में रखी फाइलें दीमक की भेंट चढ़ चुकी हैं।फाइलों के ऊपर सिर्फ दीमक ही दिखती है।
गोपनीय और परीक्षा विभाग में रखे हैं सालों पुराने रिकार्ड
विश्वविद्यालय के गोपनीय और परीक्षा विभाग में रखी अलमारियों में सालों पुराने रिकार्ड रखे हुए हैं। इनमें प्रोविजनल डिग्रियां, अंकतालिकाएं हैं। 1927 से लेकर अब तक के अंक चार्ट भी रखे हुए हैं। इन अंक चार्टों में विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कालेजों से शिक्षा प्राप्त कर चुके छात्राें के प्राप्तांक दर्ज है। इन अंक चार्टों से ही छात्रों के शैक्षणिक रिकार्ड सत्यापित किए जाते हैं।
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स्थिति यह है कि हर अलमारी में दीमक भरी हुई है। जिस फाइल को हाथ लगाओ, वही भुरभुरी होकर गिर जाती है। फाइल और उसके अंदर के कागज आधे-आधे गायब हो चुके हैं।प्रोविजनल डिग्रियों की स्थिति भी कुछ एेसी ही है।
कैसे उपलब्ध करा पाएंगे रिकार्ड
बीएएमएस मामले में एसटीफ की जांच चल रही है। एसटीएफ ने विश्वविद्यालय को 20 साल पुराने रिकार्ड भी संभाल कर रखने को कहा है, जिससे पुराने मामलों की जांच भी की जा सके। दीमक किन रिकार्डों को चट कर गई है, इसकी जानकारी भी नहीं है।
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पिछले साल भी हुआ था मामला
बीएड 2013 की 1100 उत्तरपुस्तिकाओं को दीमक ने आंशिक रूप से नष्ट कर दिया था। इनमें अभ्यर्थियों को औसत अंक देने के निर्देश पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने दिए थे। यह मामला पिछले साल मई में हुई परीक्षा समिति की बैठक में भी रखा गया था।
अंक चार्टों की स्कैनिंग चल रही है, उन्हें डिजिटलाइज्ड रूप में कराया जा रहा है। अलमारियों में रखे रिकार्ड तत्काल प्रभाव से दिखवाए जाएंगे, सुरक्षित करने के प्रयास किए जाएंगे- डा. विनोद कुमार सिंह, कुलसचिव, डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय।