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    Cyber Crime: अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के नेटवर्क का पर्दाफाश, दुबई और कंबोडिया से भी जुड़े तार; आठ गिरफ्तार

    By Neelesh Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 08:02 PM (IST)

    आगरा में साइबर सेल ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। ताजगंज के एक होटल से आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन आगरा के हैं। ये ठग विदेशों में बैठे अपराधियों के लिए बैंक खाते का इंतजाम करते थे और ठगी की रकम का 2-5% कमीशन लेते थे। गिरोह के तार दुबई और कंबोडिया से जुड़े हैं। पुलिस ने डेबिट कार्ड, चेकबुक और मोबाइल बरामद किए हैं।

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    सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। विदेशों में बैठे साइबर ठग दो से पांच प्रतिशत कमीशन का लालच देकर भारत में अपना नेटवर्क चला रहे हैं। साइबर सेल, सर्विलांस और साइबर इंटेलिजेंस टीम ने ऐसे ही एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।

    टीम ने आगरा के तीन युवकों सहित ताजगंज के एक होटल से साइबर ठग गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपित विदेशों में बैठे साइबर ठगों के लिए बैंक खातों का इंतजाम करते थे।

    साथ ही साइबर ठगी की वारदात को भी अंजाम देते थे। गिरफ्तार किया गया एक आरोपित दुबई में काम करने के दौरान साइबर ठग गिरोह के सरगनाओं के संपर्क में आया था। गिरोह के तार दुबई और कंबोडिया के साथ ही अन्य देशों से भी जुड़े हैं।

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    एडीसीपी आदित्य ने बताया कि रनवीर भार्गव निवासी कैलाशपुरी पालम गांव दिल्ली, सौरभ चौधरी निवासी नगला खुर्द अलीगढ़, अनुज निवासी भगत कतरा औरैया, देवेंद्र प्रताप सिंह निवासी सर्वोदय नगर अल्लापुर प्रयागराज, ध्रुवनाथ प्रताप सिंह निवासी बल्लीपुर थाना खंगर फिरोजाबाद के अलावा आगरा के राहुल कुमार निवासी कावेरी कुंज, अजय कुमार निवासी प्रताप नगर जगदीशपुरा, चिरंजीवी शर्मा निवासी फुलट्टी को गिरफ्तार किया है।

    गिरोह के तार दुबई और अन्य देशों से जुड़े हैं। जांच में सामने आया कि आरोपित लोगों को झांसे में लेकर उनके बैंक खाते खुलवाते थे। ठगी की राशि इन्हीं खातों में मंगाई जाती थी और इसे आगे विदेशी नेटवर्क तक पहुंचाया जाता था।

    ठगी के 10 करोड़ रुपये के लिए आरोपित बैंक खातों का इंतजाम करने के लिए आगरा में एकत्रित हुए थे। आरोपितों को खातों में आने वाली ठगी की रकम का दो से पांच प्रतिशत हिस्सा मिलता था।

    आरोपित कुछ खाता धारकों को एक से दो हजार रुपये भी देते हैं। पुलिस ने 42 डेबिट कार्ड, 11 चेकबुक, नौ फर्जी सिमकार्ड, आइडी कार्ड, नौ मोबाइल, 215 रुपये की नेपाली मुद्रा व कार बरामद की है। वरुण, राहुल व जय मौका पाकर भाग निकले।

     

    दुबई में हुआ साइबर ठगों से संपर्क, घर लौटकर बनाया नेटवर्क

    प्रयागराज के सर्वोदय नगर अल्लापुर निवासी देवेंद्र प्रताप सिंह स्नातक पास है। वह नौकरी करने के लिए वर्ष 2008 में दुबई गया था और वर्ष 2016 तक रहा। इसके बाद वर्ष 2019 से 2021 तक दुबई में रहा। यहां उसका संपर्क साइबर ठगों से हुआ।

    घर आने के बाद वाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए उसने अपना नेटवर्क बनाया। एडीसीपी आदित्य ने बताया कि देवेंद्र प्रताप सिंह व रनवीर सिंह दुबई व कंबोडिया में बैठे साइबर ठगों के संपर्क में था।

    अन्य आरोपित उसे बैंक खाते देते थे, ये उन्हें बाहर भेजता था। भीलवाड़ा राजस्थान में रहने वाला व्यक्ति भी नेटवर्क को मैनेज करता था। पुलिस के अनुसार सभी आरोपित इंटरमीडिएट व ग्रेजुएट पास हैं।