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    आगरा में धार्मिक आयोजनों से डाटा जुटाकर करते थी ठगी, सरगना समेत दो गिरफ्तार

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 07:52 PM (IST)

    आगरा में एसटीएफ ने धार्मिक आयोजनों के नाम पर डेटा और बैंक खाते जुटाकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। मैनपुरी के सरगना अजय सिंह और उसके साथी रवि प्रकाश को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरोह महिलाओं को सदस्य बनाकर उनके बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर अपराध में करता था। पुलिस ने आरोपियों से कई गाड़ियां, एटीएम कार्ड और लैपटॉप बरामद किए हैं।

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    जागरण संवाददाता, आगरा। धार्मिक आयोजन करके महिलाओं व लोगों को सदस्य बनाने के नाम पर डाटा व बैंक खाते हासिल करके ठगी करने वाले साइबर गिरोह का विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने पर्दाफाश किया है।

    मैनपुरी के रहने वाले गिरोह का सरगना अजय सिंह और आगरा से ट्रस्ट बनाने वाला उसका साथी देवरिया का रहने वाला रवि प्रकाश गिरफ्तार किया है।

    एसटीएफ ने आरोपितों से एक होंडा सिटी और एक ईको स्पोर्टस कार के अलावा एक दर्जन से अधिक एटीएम कार्ड, बैंकों की चैकबुक, लैपटाप और ट्रस्ट से संबंधित आइडी बरामद की हैं। गिरोह के एक सदस्य एलिस की तलाश जारी है।

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    एसटीएफ के इंस्पेक्टर यतींद्र शर्मा ने बताया कि गिरोह का सरगना मैनपुरी का अजय सिंह उर्फ बिल्लू है। उसके विरुद्ध कई मुकदमे दर्ज हैं। उसका साथी देवरिया के थाना खुखुन्दू के गांव बहादुरपुर के रहने वाले रवि ने महिला स्वास्थ्य मिशन ट्रस्ट के नाम से संस्था बना रखी थी। गिरोह संस्था के नाम से धार्मिक आयोजन कराता था।

    जिसमें शामिल होने वाली गरीब महिलाओं व लोगाें को सामाजिक कार्य के नाम पर अपने ट्रस्ट से जोड़ता था। सदस्य बनने व आइडी बनाकर देने के नाम पर 50 से 100 रुपये लेता था। सदस्यों को बताता कि ट्रस्ट के पास लोगों द्वारा भेजा गया लाखों रुपये आता है। यह रकम वह गरीब लोगों की मदद के लिए आती है।

    लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते व चैकबुक ले लेता था। लोगो को बताता कि ट्रस्ट के खाते में आने वाली रकम उनके खाते में जमा कराई जाएगी। गिरोह के सदस्य बैंक खाते लेने के बाद उसकी चैकबुक पर त धारक के हस्ताक्षर ले लेते थे। इसके साथ ही एटीएम कार्ड जारी करा सदस्य के नाम से सिम भी जारी करा लेते थे।

    गिरोह द्वारा सदस्यों के खाते में साइबर धोखाधड़ी की रकम जमा कराते थे। गिरोह ने आवास विकास कालोनी के रहने वाले ललित गर्ग को भी इस तरह अपने जाल में फंसाया। ललित गर्ग ने बीमारी के चलते 50 हजार रुपये रवि प्रकाश से लिए थे।

    जिसके बाद दबाव बनाकर उसके बैंक खाते उनकी चैकबुक ले लिए। ललित गर्ग के माध्यम से आवास विकास कालोनी के रहने वाले सतीश चंद्र सिंघल को भी अपने जाल में फंसाया। ललित गर्ग के खाते से बडा लेनदेन होने पर उसका खाता सीज कर दिया गया। शक होने पर उसने एसटीएफ से इसकी शिकायत की।

    जांच के बाद गिरोह का पर्दाफाश हुआ। आरोपित अजय सिंह को मैनपुरी और रवि प्रकाश को आगरा से गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का एक अन्य सदस्य एलिस निवासी पुनीत अपार्टमेंट जयपुर हाउस अभी फरार है। एसटीएफ ने गिरोह से दाे कार भी बरामद की हैं।

    ट्रस्ट ने बना रखे हैं बड़ी संख्या में सदस्य

    एसटीएफ की पूछताछ में रवि प्रकाश ने बताया कि उसने लखनऊ में भी इसी तरह का ट्रस्ट खोला था। जिसे बाद में बंद कर दिया। करीब दो वर्ष पहले उसकी मुलाकात अजय सिंह उर्फ बिल्लू से हुई। अजय ने उसे ट्रस्ट का सदस्य बनाने के नाम पर लोगों के खाते आदि हासिल करने को कहा। उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को ट्रस्ट का सदस्य बनाया।

    तीन दिसंबर को आगरा में करना था आयोजन

    रवि प्रकाश ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसकी संस्था द्वारा तीन से 13 दिसंबर तक विभिन्न आयोजन कराने थे। जिसमें शोभायात्रा के अलावा युवतियों का सामूहिक विवाह आदि कार्यक्रम शामिल थे। यह सभी कार्यक्रम आवास विकास कालोनी में होने थे।