Move to Jagran APP

सच्‍चे Corona Fighter निकले आगरा के डा आरसी मिश्रा, संक्रमित होने पर बोले-'बी पॉजिटिव यार'

CoronaVirus Fighter शहर के प्रख्‍यात न्‍यूरो सर्जन हैं डॉ आरसी मिश्रा। तीन जून को हुई थी कोरोना संक्रमण से संक्रमित होने की पुष्टि।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 03:20 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 07:14 PM (IST)
सच्‍चे Corona Fighter निकले आगरा के डा आरसी मिश्रा, संक्रमित होने पर बोले-'बी पॉजिटिव यार'
सच्‍चे Corona Fighter निकले आगरा के डा आरसी मिश्रा, संक्रमित होने पर बोले-'बी पॉजिटिव यार'

आगरा, राजेश मिश्रा। तीन मई की रात के करीब 12 बजेे रहे होंगे। कोरोना वायरस अपनी दहशत फैलाने से बाज नहीं आ रहा था। अफवाहें उसको शह दे रही थीं। आम लाेग घरों में दुबके थे। बीमार लोग दर्द से तडप रहे थे। इनकी कराहट से स्वजन व्यथित थे। सब कुछ बंद होने की खबर से ये असहाय थे मगर, इन सबके बीच कुछ ऐसे भी थे जो अपने पेशेगत फर्ज का हक अदा रहे थे। काेरोना के खाैफ से बेखाैफ। मानवीय संवेदनाएं उनमें ऊर्जा का संचार कर रही थीं। हाइवे स्थित रेनबो अस्पताल के आपरेशन थियेटर में विशेष किस्म के बल्ब की धवल रोशनी में अंतरिक्ष यात्री की तरह पीपीइ किट पहने ये धरती के भगवान कभी नन्हीं सी कैंची से मरीज की सर्जरी करते तो कभी इंस्टूमेंट से उसे संभालते। एक ही मकसद कि दर्द से छुटकारा दिलाना है। जिलाधिकारी आगरा प्रभु नारायण सिंह ,एसएसपी बबलू कुमार जब अकस्मात यहां पहुंचे तो यहां का हाल देखकर गदगद हो गए। दरअसल, उन्हें सूचना मिली थी कि लॉकडाउन में प्राइवेट अस्पताल बंद कर दिए गए हैं, बीमार लोग इलाज के लिए भटक और तडप रहे हैं। मगर, यहां तो रात 12 बजे भी न्यूरो सर्जरी के विशव विखयात न्यूरो-सर्जन डॉ आरसी मिश्रा गंभीर मरीज का जीवन बचाने के लिए ऑपरेशन में व्यस्त थे। प्रमुख ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ अनूप खरे भी एक मरीज का ऑपरेशन कर रहे थे। प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नरेंद्र मल्होत्रा एक महिला की डिलीवरी कराने में ऑपरेशन थियेटर में मौजूद थे। पूरी चिकित्सकीय टीम कोविड-19 से बचाव हेतु मास्क, ग्लब्स और पी.पी किट पहने हुए थी। यहां के चिकित्सकों का समर्पण देखा अफसरों ने शहर के चिकित्सकों से अपील की कि अफवाह और आलोचना की तरफ ध्यान न देकर गंभीर रोगियों की जीवन रक्षा का प्रयत्न करें।

loksabha election banner

डा आरसी मिश्रा हैं ही ऐसे। धुन के पक्के, जुनूनी। जो ठान लिया, वो करके ही माने। लॉकडाउन के प्रथम चरण के दौरान जब कोराेना की दहशत खौफनाक होती जा रही थी, तब ब्रेन टयूमर के शिकार दो मासूमों की तकलीफ उनसे देखी नहीं गई। इन दोनों बच्चों का आँपरेशन कर दर्द से निजात दिला दी। इसके अलावा 15 अन्य लोगों का आपरेशन किया। तब उनकी इन भावनाओं को सोशल मीडिया के मंच पर तवज्जो मिली थी− डर को त्याग कर, मानवता की पुकार पर...

कोरोना वायरस उनके इस जुनून से शायद खफा हो गया। तमाम एहतियाती कदम के बावजूद कोराेना वायरस को उन पर अपना असर दिखाने का मौका मिल ही गया। मगर डा आरसी मिश्रा का कुछ नहीं बिगाड पाएगा। सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा भी है− बी पॉजिटिव यार। मुझे अपने आप पर, शुभचिंतकों और भगवान पर भरोसा है, मैं सकारात्मक हूं कि मेरी रिपोर्ट जल्द ही नकारात्मक आएगी। वाकई डॉक्टर साहब, कोराेना के डर को त्याग कर आपने मानवता की पुकार पर मरीजों की तकलीफ दूर की। कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड पाएगा। आप जीतेंगे। अवश्‍य। अवश्‍य। अवश्‍य।

 

कोरोना से बचाव पर एक कविता भी लिखी

पेशे से वे सर्जन हैं मगर है बहुआयामी व्यक्तित्व। कोराेना की दस्तक के दौरान ही उन्होंने एक कविता भी लिखी। ये कविता दैनिक जागरण में तो प्रकाशित हुई ही, सोशल मीडिया पर भी खूब छाई रही। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.