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    फांसी की सजा मिलने से रातभर नहीं सोये दोषी, जेल प्रशासन दोनों युवकों की कर रहा निगरानी

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद, दोनों दोषी पूरी रात सो नहीं सके, जिससे वे काफी बेचैन रहे। जेल प्रशासन दोनों युवकों की लगातार निगरानी कर रहा है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क है। उनकी मानसिक स्थिति को देखते हुए, उन्हें मनोवैज्ञानिक परामर्श भी दिया जा रहा है ताकि उनकी भावनात्मक स्थिति को स्थिर किया जा सके।

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    जागरण संवाददाता, आगरा। मृत्युदंड की सजा मिलने के बाद जेल भेजे गए दोनों दोषी परेशान नजर आए। दोनों युवक रातभर सोये नहीं। जेल प्रशासन भी उनकी निगरानी कर रहा है। सजा के बाद से दोनों का व्यवहार बदला हुआ है। जेल अधिकारियों ने दोनों युवकों की काउंसलिंग की है।

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    बाह थाना क्षेत्र के एक गांव में 18 मार्च 2024 को नहर किनारे बच्चों के साथ खेल रही बालिका का गांव फरैरा निवासी रिश्तेदार युवक अमित कुशवाह ने अपने दोस्त निखिल के साथ अपहरण कर लिया था। दोनों ने बालिका के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसी के टाप से गला घोंटकर हत्या कर दी।

    दोनों युवकों को गुरुवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों युवकों को जिला कारागार भेज दिया गया। दोनों युवकों को उसी बैरक में रखा गया, जहां वह पहले से बंद थे।
    जेल कर्मचारियों के अनुसार सजा होने से दोनों युवक काफी परेशान नजर आए, उनका व्यवहार भी बदला हुआ था।

    शाम को उन्होंने खाना भी नहीं खाया। रातभर दोनों युवक जागते रहे। मृत्युदंड की सजा होने के कारण दोनों युवकों की जेल प्रशासन निगरानी कर रहा है। जेल अधिकारियों ने दोनों युवकों की काउंसलिंग भी की।

    हाईकोर्ट से नहीं मिली थी जमानत

    एडीजीसी सुभाष गिरि ने बताया कि दोनों युवकों को पुलिस ने वारदात के बाद 20 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों को जेल भेज दिया गया था। करीब 19 महीने से अमित और निखिल जेल में हैं। हाईकोर्ट से उनकी दो बार जमानत अर्जी निरस्त की गई। मुकदमे में मजबूत पैरवी करने पर अधिवक्ताओं ने एडीजीसी सुभाष गिरि का स्वागत किया।