Fake Website: कंप्यूटर स्नातक ने बनाई थी आरटीओ की फर्जी वेबसाइट, कई साथियों को भी किया प्रशिक्षित
गिरोह द्वारा बनाई गई पांच फर्जी वेबसाइटों के सर्वर में है करोड़ों रुपये की टैक्स के साक्ष्य। गिराेह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटा रेंज साइबर थाना। आरोपित रकम खाते में जमा होने के बाद ही निकाल लेते थे।

आगरा, जागरण संवाददाता। आरटीओ की फर्जी वेबसाइट कंप्यूटर स्नातक ने बनाई थी। जेल भेजा गया आरोपित प्रवीन बीसीए किया हुआ है। फर्जी वेबसाइट बनाने का जिम्मा उसी का था। वह इन वेबसाइट को समय-समय पर अपडेट करता रहता था। उसने कई साथियों को भी प्रशिक्षित कर दिया था। जबकि राहुल इन वेबसाइट को संचालित करता था। पुलिस की जानकारी में आई पांचों वेबसाइट के सर्वर में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के साक्ष्य हैं। रेंज साइबर थाने की पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है।
रेंज साइबर थाने काे जेल भेजे गए आरोपितों प्रवीन और राहुल से आरटीओ की फर्जी वेबसाइट बनाकर टैक्स वसूलने वाले गिरोह के बारे में कई अहम जानकारी मिली हैं। गिरोह के सरगना बलवीर उर्फ बल्लू को पुलिस जुलाई में ही जेल भेज चुकी है। गिरोह विभिन्न राज्यों की सीमा पर बूथ बनाता था। यहां पर आरटीओ की फर्जी वेबसाइट से टैक्स की रसीद काटते थे। पुलिस द्वारा चेकिंग करने के दौरान फर्जी वेबसाइट नहीं खोलते थे। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि सरगना बलवीर उनसे 60 से 70 फीसद कमीशन लेता था। वह दोनों वर्ष 2017 से फर्जी वेबसाइट बनाने का काम कर रहे हैं। पुलिस को आरोपितों राहुल व प्रवीन के दो खातों की जानकारी मिली है। आरोपित रकम खाते में जमा होने के बाद ही निकाल लेते थे। पुलिस आरोपितोंं द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइटों से काटी गई रसीदों का डाटा हासिल करने का प्रयास कर रही है।
गिरोह ने एक दर्जन राज्यों में फैला रखा है जाल
रेंज साइबर थाने की छानबीन में सामने आया कि आरटीओ की फर्जी वेबसाइट बनाकर टैक्स वसूली करने वाले गिरोह ने एक दर्जन राज्याें में अपना जाल फैला रखा है। उनका नेटवर्क उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार आैर गुजरात में है।
हर राज्य के लिए बनाते हैं अलग रसीद और मुहर
गिरोह से जुड़े लोग फर्जी वेबसाइट के साथ ही हर राज्य की हूबहू अलग-अलग रसीदें बनाते थे, जिससे वाहन चालक को शक नहीं होता था।
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