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    ताजनगरी की अनूठा बैैंक, जहां धन नहीं बल्कि जमा होता है राम का नाम Agra News

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 16 Nov 2019 11:51 AM (IST)

    सन 2000 से अग्र पताका सेवा संस्‍थान द्वारा राम नाम बैंक का हो रहा है संचालन।

    ताजनगरी की अनूठा बैैंक, जहां धन नहीं बल्कि जमा होता है राम का नाम Agra News

    आगरा, आदर्श नंदन गुप्‍त। कबीरदास कह गए कि लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट, लेकिन आगरा में राम नाम की लूट नहीं राम नाम का एक अद्भुद बैंक है, जिसमें पैसा नहीं राम का नाम जमा होता है। इसके ब्याज से मनोकामना पूरी होती है और जीवन में मिलती है असीम शांति। इस बैैंक के लिए 40 पेज की एक लेखन पुस्तिका निश्शुल्क मिलती है, जिसमें 31 हजार राम नाम लाल रंग की स्याही से लिखने होते हैैं। कॉपी भर जाने के बाद यहां बैैंक में जमा कर दिया जाता है।

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    37 करोड़ जमा हुए नाम

    आगरा में राम नाम के इस बैैंक का संचालन वर्ष 2000 से अग्र पताका सेवा संस्थान द्वारा किया जा रहा है। इसके संचालक व संस्थापक ओमप्रकाश मित्तल एडवोकेट ने बताया कि अब तक वे 37 करोड़ 75 लाख राम नाम जमा करा चुके हैैं। जिन्हें आगरा से जयपुर के बिचुना स्थित राम नाम बैैंक में भेजा जा चुका है। मित्तल बताते हैैं कि इलाहाबाद की एक संस्था की प्रेरणा से उन्होंने यह कार्य सुभाष नगर, कर्मयोगी एंक्लेव मार्ग, कमला नगर में शुरू किया। मासिक अग्र पताका में इसका प्रचार प्रसार किया, जिससे राम नाम लेखन का कार्य तेजी से बढ़ता गया। जयपुर से 70 किलोमीटर दूर बिचूना में सात मंजिला राम नाम परिक्रमा मंदिर है, वहां यह राम नाम की कापियां जमा की जा रही हैैं। वे लेखन पुस्तिका को स्वयं ही छपवाते हैैं। इन्हें लेने के लिए दूरदराज से लोग आते हैैं। वे इस पुस्तिका के साथ-साथ सुंदरकांड, भजन संग्रह आदि भी वितरित करते रहे हैैं।

    अब इसका संचालन कर रहे सुधाकर बंसल ने बताया कि राम नाम को लिखित जाप कहा जाता है। इसे लिखित ध्यान लगाना भी कहते हैं। स्वर्णिम अक्षरों को लिखने से अंतरात्मा के पूर्ण समर्पण और शांति का बोध होता है।

    प्रेम की प्रतीक है लाल स्याही

    भगवान राम का नाम लाल स्याही से लिखा जाता है, क्योंकि यह रंग प्रेम का प्रतीक है। खाते में भगवान राम का दिव्य नाम जमा होता है।

    समय-समय पर जमा कराए नाम

    -22 दिसंबर 2009 को 33 लाख 59 हजार

    -20 मई 2010 को एक करोड़ आठ लाख

    -16 मार्च 2011 दो करोड़ 34 लाख

    -छह नवंबर 2011 को एक करोड़ 44 लाख

    -11 नवंबर 2016 को 65 लाख

    -नौ मार्च 2016 को दो करोड़ 22 लाख

    -25 नवंबर 2016 को एक करोड़ 54 लाख

    -21 दिसंबर 1917 को 93 लाख

    -एक फरवरी 2019 को एक करोड़ 93 लाख ।

    जरूरत है अब युवाओं के जुड़ने की

    वर्ष 2018 से अस्वस्थ होने की वजह से मैैंने यह दायित्व फ्रीगंज निवासी सुधाकर बंसल को दे दिया है। वे इस कार्य को संभाले हुए हैैं, लेकिन वे भी 76 वर्ष के हो गए, अत: चाहते हैैं कि कोई युवा आगे आए और यह व्यवस्था संभाले।

    -ओमप्रकाश मित्तल, एडवोकेट

    संस्थापक अग्र पताका सेवा संस्थान, आगरा

    राम से बड़ा है नाम

    भगवान राम से बड़ा है राम का नाम। रामनाम के लेखन से सुमिरन तो होता ही है, साथ ही लेखक का अंतर्मन भी श्री राम के दिव्य प्रेम व तेज से जागृत होने लगता है।

    -मानस मर्मज्ञ संत अरविंद महाराज,