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    फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी को लेकर घमासान, भाजपा विधायक के बेटे ने खोला मोर्चा; लड़ सकते हैं चुनाव

    Lok Sabha Election फतेहपुर सीकरी में दूसरी बार सांसद राजकुमार चाहर को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद उठे विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं। अब भाजपा विधायक बाबूलाल के पुत्र रामेश्वर ने इंटरनेट मीडिया से लेकर क्षेत्र तक में खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। इस पूरे मामले पर संघठन अभी तक चुप्पी साधे है। चौधरी रामेश्वर दो अप्रैल को किरावली में पंचायत करने जा रहे हैं।

    By vidhyaram narwar Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 01 Apr 2024 01:06 PM (IST)
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    फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी को लेकर घमासान

    जागरण संवाददाता, आगरा। फतेहपुर सीकरी में दूसरी बार सांसद राजकुमार चाहर को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद उठे विरोध के स्वर तेज होते जा रहे हैं। अब भाजपा विधायक बाबूलाल के पुत्र रामेश्वर ने इंटरनेट मीडिया से लेकर क्षेत्र तक में खुलकर विरोध शुरू कर दिया है।

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    इस पूरे मामले पर संघठन अभी तक चुप्पी साधे है। चौ. रामेश्वर दो अप्रैल को किरावली में पंचायत करने जा रहे हैं। इसके लिए प्रशासन की भी अनुमति मिल गई है। उनका कहना है कि पार्टी के वर्तमान प्रत्याशी मैदान में रहे तो वह भी चुनाव लड़ेंगे।

    रामेश्वर सिंह ने अपनाए बगावती तेवर

    चौ. रामेश्वर सिंह बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। छह मार्च को उन्होंने किरावली में पंचायत बुलाई। जिसमें उन्होंने जनता का समर्थन मिलने के बाद राजकुमार चाहर के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उनके बगावती तेवरों को सांसद राजकुमार के प्रति जनता की नाराजगी का भी लाभ मिल रहा है। वे लगातार जनता के बीच से लेकर इंटरनेट मीडिया पर सांसद राजकुमार चाहर के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

    जनसमर्थन दिखाए जाने के लिए डा. रामेश्वर चौधरी ग्वालबाबा के दर्जन के लिए पहुंचे। इसके बहाने उन्होंने जन बल दिखाए जाने का प्रयास किया। इसके बाद बटेश्वर में दर्शन किए जाने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन मिल नहीं सकी। वे लगातार जनता के बीच सभाएं कर रहे हैं।

    रविवार को वे ओलावृष्टि से हुई हानि का जायजा लेने के लिए अज्जू का पुरा और सेवला पहुंचे। सर्वे में जो किसान रह गए थे, उनके नाम एसडीएम फतेहाबाद से बात कर जुडवाए हैं। डा. रामेश्वर सिंह ने बताया कि दो अप्रैल को किरावली में पंचायत करने की प्रशासन ने अनुमति दे दी है। जनता जो फैसला सुनाएगी, उसी के आधार पर चुनाव का निर्णय लिया जाएगा।

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