संतानहीन दंपत्तियों को बच्चे बेचता था गिरोह... तस्करी का पर्दाफाश, नर्सिंग होम मालिक समेत 10 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने आगरा में बच्चों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में नर्सिंग होम के संचालक समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और छह बच्चों को बचाया गया है। यह गिरोह संतानहीन दंपतियों को बच्चों को बेचता था और अवैध गर्भपात भी करवाता था। पुलिस ने बच्चों को बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है।

जागरण टीम, आगरा। बच्चों की तस्करी में शामिल एक बड़ा अंतरराज्यीय गिरोह आगरा में कई साल से सक्रिय था। दिल्ली पुलिस ने आगरा के फतेहाबाद में नर्सिंग होम संचालक कमलेश कुमार और चार महिलाओं समेत 10 आरोपितों को गिरफ्तार को गिरफ्तार कर इसका पर्दाफाश कर दिया।
इनकी निशानदेही पर आसपास के राज्यों में छापेमारी कर छह बच्चों को बरामद किया गया है, जो एक साल से कम उम्र के हैं। यह गिरोह नैनीताल, लखनऊ और फिरोजाबाद में संतानहीन दंपतियों को बच्चे बेचने का काम कर चुका है।
फतेहाबाद में नर्सिंग होम चला रहा कमलेश कुमार कराता था अवैध गर्भपात
पुलिस के मुताबिक, कमलेश कुमार के केके नर्सिंग होम में अवैध गर्भपात किए जाते थे। वहां आने वाले मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) सुंदर सिंह ने तीन वर्ष पहले नर्सिंग होम संचालक और उसके नर्सिंग स्टाफ को बच्चों की तस्करी में शामिल कर लिया। कमलेश कुमार इन बच्चों को मामूली कीमत पर खरीदकर नि:संतान दंपतियों को महंगे दाम में बेचता था। गिरोह बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों से बच्चों को अगवा कर मोटी रकम में बेचता था। गिरोह के सदस्य अलग-अलग भी बच्चों की खरीद-बिक्री करते थे।
दिल्ली से चोरी 6 माह के बच्चे की जांच में अंतरराज्यीय गिरोह तक पहुंची पुलिस
डीसीपी दक्षिण-पूर्वी जिला हेमंत तिवारी के अनुसार, ईंट बनाने का काम करने वाले बांदा निवासी सुरेश ने शिकायत दी कि 22 अगस्त को राजस्थान जाने के दौरान जब वे परिवार के साथ सराय काले खां बस अड्डे पर सो रहे थे, तब रात 11 बजे किसी ने उनके छह माह के बेटे को गायब कर दिया। बच्चे की जांच के दौरान इस अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।
डीसीपी ने बताया कि बस अड्डे के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच में दिखा कि एक संदिग्ध व्यक्ति बच्चे को बस अड्डे से बाहर ले जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों में दिखे वीरभान को फतेहाबाद के पिनाहट देहात से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में उसने बताया कि बाह के रामबाबू ने उसे छह माह का बच्चा लाने को कहा था, जिसे मोटी कीमत पर बेचा जाना था। इसके बाद कालीचरण को गिरफ्तार किया गया। जांच से पता चला कि वीरभान, कालीचरण और रामबाबू बच्चे को आगरा के केके नर्सिंग होम के मालिक कमलेश के पास लेकर आए थे। कमलेश ने अपहर्ताओं से बच्चे को 4.30 लाख रुपये में खरीदा था।
पुलिस ने गिरफ्तार किया कमलेश
पुलिस टीम ने केके नर्सिंग होम पहुंचकर कमलेश को गिरफ्तार कर लिया। कमलेश ने बताया कि उसने बच्चे को सुंदर सिंह नाम के मास्टरमाइंड को बेच दिया था। इस बीच, सुंदर को अस्पताल पर छापे की जानकारी मिल गई। वह भागने लगा, लेकिन पुलिस ने यूपी-राजस्थान सीमा पर 50 किमी तक पीछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
सुंदर ने दी जानकारी
सुंदर ने बताया कि उसने बच्चे को दो बहनों कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा को सौंप दिया था। इसके बाद पुलिस ने दोनों बहनों को गिरफ्तार कर उनके घर से बच्चे को बरामद कर लिया। सुंदर और अन्य आरोपित पिछले तीन साल से बच्चों की चोरी और तस्करी में लिप्त थे। पुलिस टीम ने पांच अन्य बच्चों को भी गिरोह के चंगुल से छुड़ाया है। इन बच्चों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेचा गया था।
पुलिस ने हिरासत में लिए ये लोग
आरोपितों में आगरा के वीरभान, कालीचरण, प्रीति शर्मा व ज्योत्सना को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, जबकि कमलेश कुमार, सुंदर सिंह, कृष्णा, रितु त्रिपाठी, रुबीना अग्रवाल और निखिल कुमार को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। ज्योत्सना लखनऊ के हरि नगर स्थित बालगंज की रहने वाली है।
बाल कल्याण समिति को सौंपे गए बच्चे
पुलिस ने जिन छह बच्चों को बरामद किया है, उनमें एक बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। अन्य बच्चों को बाल कल्याण समिति को सौंपा गया है। इनमें तीन लड़के और दो लड़कियां हैं। ये बच्चे अनचाहे गर्भ से पैदा हुए थे, जिन्हें उनके स्वजन ने त्याग दिया था। इन बच्चों को बाल सुधार गृह में रखा गया है।
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