Health Tips: मौसम बदल रहा है, बच्चों का रखें खास ध्यान, सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द तो हो सकता है निमोनिया
मौसम में बदलाव के कारण बच्चों में बुखार और निमोनिया का खतरा बढ़ रहा है। सुबह-शाम ठंड और दिन में गर्मी के चलते बच्चे बीमार हो रहे हैं। सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, और तेज बुखार निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में, बच्चों को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दवाओं से निमोनिया का इलाज संभव है।

सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। मौसम बदल रहा है। सुबह और शाम सर्दी है और दिन में धूप। स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे जब सुबह घर से निकल रहे हैं तो स्वेटर व कोट पहने हैं। दोपहर में लौटते वक्त, ये दोनों ही उतर जाते हैं।
इसके चलते बुखार आ रहा है। सामान्य बुखार तो जाने में चार से पांच दिन का समय ले रहा है लेकिन यदि सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द महसूस हो रहा है तो उसके हल्केपन से न लें।
मौसम बदलने के साथ ही सर्दी बढ़ने से बच्चों में निमोनिया की समस्या होने लगती है। सर्दी जुकाम बुखार के साथ ही सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी होती है। इस तरह के केस सीने पर तेल की मालिश करते हैं लेकिन इससे निमोनिया ठीक नहीं होता है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा. नीरज यादव बताते हैं कि गंभीर हालत में माता पिता बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं। बच्चे को सांस लेने में परेशानी, सांस लेने पर आवाज आना, बच्चे का सुस्त होना, तेज बुखार आने पर तुरंत डाक्टर को दिखाएं। दवाओं से निमोनिया पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
बच्चों में दिखें अगर ये लक्षण
- बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- सांस लेते समय उनकी छाती का निचला हिस्सा अंदर की ओर खिंच सकता है।
- शिशुओं में लक्षण कम स्पष्ट हो सकते हैं, जैसे बुखार, खाँसी या उल्टी।
- अगर बच्चा सुस्त लगे या ठीक से खा न पाए तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

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