GST in Hospital Bill: अस्पताल बिल भुगतान करने से पहले जांच लें, कहीं ज्यादा तो नहीं जीएसटी
GST in Hospital Bill अस्पताल में “स्वास्थ्य देखरेख सेवाएं” हैं जीएसटी में करमुक्त। अतिरिक्त हो रही हो वसूली तो वाणिज्य कर विभाग में करें शिकायत। जीवन रक्षक उपचार को जीएसटी मुक्त रखा गया है। फूड चार्ज भी जीएसटी कर मुक्त।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में अस्पतालों की मनमानी किसी से नहीं छिपी। कहीं मरीजों को मनमाना बिल थमया जा रहा है, तो कहीं अतिरिक्त व बेवजह चार्ज और टैक्स लगाकर उन्हें लूटा जा रहा है। लेकिन थोड़ी सी जानकारी मनमानी को रोक सकती है। जानकारों का कहना है कि अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, प्राधिकृत चिकित्सक और पैरामेडिकल द्वारा दी जाने वाली “स्वास्थ्य देखरेख सेवाएं” जीएसटी कानून में पूर्णत: करमुक्त हैं।
सीए सौरभ अग्रवाल ने बताया कि इन सेवाओं का उल्लेख करमुक्त सेवाओं से संबंधित अधिसूचना 12/2017 (केंद्रीय कर) के बिंदु संख्या-74 पर है। “स्वास्थ्य देखरेख सेवाओं” में “डायग्नोसिस” सेवा भी शामिल है, यानि जीएसटी में करमुक्त है। साथ ही एंबुलेंस सेवा भी जीएसटी मुक्त है।
इनमें भी है छूट
वित्त मंत्रालय ने 12 फरवरी 2018 को जारी परिपत्र संख्या 32/06/2018 में स्पष्ट किया है कि उक्त स्वास्थ्य सेवाएं पूर्णत करमुक्त रहेंगी।
कंसल्टेंसी चार्जेज
अस्पताल द्वारा हायर सीनियर चिकित्सक व तकनीशियन को “कंसल्टेंसी चार्ज” दिया जाता है। यदि अस्पताल मरीज से यह चार्ज वसूलता है, तो यह जीएसटी में करमुक्त होगा।
रिटेंशन मनी
यदि अस्पताल मरीज से 10 हजार रुपये कंसल्टेंसी चार्ज वसूलता है, लेकिन कंसल्टेंट या तकनीशियन को केवल सात हजार रुपये देता है और तीन हजार रुपये अन्य स्वास्थ सेवाओं के मद में अपने पास रखता है, तो भी 10 हजार रुपये पर जीएसटी की देयता नहीं बनेगी।
भर्ती मरीज का फूड चार्ज
अस्पताल में भर्ती मरीज से यदि “फूड चार्ज” लिया जाता है, तो वह भी जीएसटी में करमुक्त है।
इसके अलावा ये सेवाएं भी हैं करमुक्त
- अस्पताल में भर्ती मरीज से “रूम रेंट” मद में वसूला गया शुल्क भी जीएसटी मुक्त होगा।
- अस्पताल में भर्ती मरीज(इन पेशेंट) को इलाज के दौरान दी जाने वाली दवाएं, इम्प्लांट, अन्य कंजूमेबल आदि जीएसटी में करमुक्त होंगी। जीएसटी कानून में इन स्वास्थ्य सेवाओं को “कम्पोजिट सप्लाई” माना है, जो पूर्णत जीएसटी में करमुक्त हैं।
- अस्पताल में “भर्ती मरीज”(इन पेशेंट) को दी जाने वाली सेवाएं जैसे डाक्टर कंसल्टेंसी चार्जेज, रिटेंशन मनी, फूड चार्ज, रूम रेंट, डायग्नोसिस, दवाई, इम्प्लांट, अन्य कंजूमेबल आदि सभी जीएसटी में पूर्णतः करमुक्त रहेंगी।
- हालांकि ओपीडी (आउट पेशेंट) को दी जाने वाली दवाएं आदि पर जीएसटी देय होगा।
करें शिकायत
वाणिज्य कर विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन एके सिंह का कहना है कि जीवन रक्षक उपचार को जीएसटी मुक्त रखा गया है। इसके बाद भी यदि कहीं मरीजों से जीएसटी के नाम पर अतिरिक्त धन वसूला जा रहा है, तो वह गलत है। वाणिज्य कर विभाग में इसकी शिकायत की जा सकती है।
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