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    Agra News: एमजी रोड पर गड्ढों का राज... Agra Metro के निर्माण से वाहन चालकों का चलना दुश्वार

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 03:18 PM (IST)

    आगरा की जीवन रेखा कही जाने वाली एमजी रोड पर भगवान टाकीज से अवंतीबाई चौराहे तक गड्ढे हो गए हैं। मेट्रो निर्माण के चलते दो लेन पर बैरिकेडिंग होने से सड़क संकरी हो गई है। राहगीरों को गड्ढों और जाम से परेशानी हो रही है। शिकायतों के बावजूद लोक निर्माण विभाग और यूपीएमआरसी द्वारा सड़क की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।

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    एमजी रोड पर गड्डा, मेट्रो की बैरिकेडिंग के चलते दोपहिया वाहन चालकों को रहता है हादसे का डर। जागरण

    जागरण संवाददाता, आगरा। शहर की जीवन रेखा एमजी रोड अव्यवस्था के चलते वेंटीलेटर पर है।भगवान टाकीज से अवंतीबाई चौराहे तक छह किलोमीटर से अधिक लंबी एमजी रोड पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। दो लेन पर मेट्रो की बैरिकेडिंग के चलते कई जगह संकरी हो गई एक ओर सड़क पर वाहनो के दबाव से जाम लग रहा है तो दूसरी तरफ गड्ढे राहगीरों की पग-पग परीक्षा ले रहे हैं।

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    उनके साथ हादसों की आशंका बढ़ गई है। शिकायतों के बावजूद लोक निर्माण विभाग एवं उप्र रेल मेट्रो कारपाेरेशन (यूपीएमआरसी) द्वारा सड़़क की मरम्मत नहीं कराई गई।

    मेट्रो का दूसरा कारीडोर कैंट रेलवे स्टेशन से कालिंदी विहार तक 16 किमी लंबा है। पहले चरण में सात स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें पांच एलीवेटेड स्टेशन एमजी रोड पर बन रहे हैं। जिसके लिए दो लेन पर बैरिकेडिंग करके 12 रिंग मशीनों से खोदाई की जा रही है।

    भगवान टाकीज से अवंतीबाई चौराहे तक 6 किमी लंबी एमजी रोड पर दर्जनों गड्ढे

    एक रिंग मशीन तीन से पांच दिन में 81 फीट तक गहरे पिलर की खोदाई कर रही है। पिलरों दूरी 20 मीटर है। एमजी रोड से प्रतिदिन 20 ट्रक से अधिक मिट्टी निकलती है। यह मिट्टी कुबेरपुर भेजी जाती है। मेट्रो की खोदाई से निकलने वाली मिट्टी वर्षा के चलते बहकरर जम जाती है। मिट्टी ढोने वाले डंपरों के लगातार चलने से एमजी रोड पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।

    दो लेन पर मेट्रो की बैरिकेडिंग और गड्ढों से वाहन चालकों का चलना हुआ कठिन

    नालबंद से धाकरान चौराहा, एलआइसी बिल्डिग के सामने, स्टेट बैंक छीपीटोला तिराहे से साईं की तकिया, साईं की तकिया से प्रतापपुरा चौराहाे तक सड़़क बेहद संकरी हो चुकी है। जगह-जगह से उखडने के चलते दोपहिया वाहन चालकों को सबसे अधिक परेशानी होती है।

    अव्यवस्था के कारण

    • मेट्रो का काम आरंभ होने से पहले बैरिकेडिंग के चलते जिन स्थानों पर सडक संकरी हो रही थी, वहां फुटपाथ का एक हिस्सा तोड़ कर सड़क को चौड़ा नही किया गया।
    • एमजी रोड के लिंक मार्गों पर साइनेज बोर्ड लगाए जाने चाहिए थे। जिससे कि बाहर से आने वाले लोगों को एमजी रोड पर मेट्रो निर्माण की जानकारी होने पर वह वैकल्पिक मार्ग चुन सकते। मगर, ऐसा नहीं किया गया।

    ये हैं जिम्मेदार

    एमजी रोड पर मेट्रो का निर्माण कार्य लार्सन एंड टूब्रो द्वारा कराया जा रहा है। जिसमें 14 स्टेशनों के निर्माण पर 1260 करोड़ रुपये खर्च होंगे।कंपनी को मेट्रो निर्माण का ठेका यूपीएमआरसी द्वारा दिया गया है। वही, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह रोड की देखरेख व मरम्मत करें।

    राहगीर बोले

    एमजी रोड पर जगह-जगह गड्ढे होने से जाम के साथ ही दोपहिया वाहन चालकों के साथ हादसे की आशंका बनी रहती है। राजीव कुमार, राहगीर

    दो लेन पर मेट्रो की बैरिकेडिंग से एमजी रोड संकरी हो गई है। गड्ढों से वाहनों की गति कम होने से अक्सर जाम लग जाता है। आसिफ खान, राहगीर

    छह किलोमीटर लंबी रोड पर मेट्रो की बैरिकेडिंग और गड्ढों के चलते 10 मिनट की दूरी अब 40 मिनट में तय हो रही है। दीपक अग्रवाल, राहगीर

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