Chambal Water Lavel: चंबल नदी का जलस्तर घटने से राहत, अभी भी टीलों पर 1000 की आबादी
कोटा बैराज से कम पानी छोड़े जाने पर चंबल नदी का जलस्तर घटा है जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। बाढ़ से लगभग दो हजार बीघा फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रभावित गांवों में राशन वितरण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग बीमारियों के खतरे को लेकर सतर्क है। राशन वितरण में भेदभाव के आरोप लगे हैं और एक गांव में मगरमच्छ के हमले से दहशत है।

संसू, जागरण-बाह/आगरा। कोटा बैराज से कम पानी छोड़ने के चलते चंबल नदी के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। शनिवार को जलस्तर में 2.8 मीटर की कमी आई और यह 128 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर मेंकमी से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
अभी भी नौ गांवों के एक हजार की आबादी टीलों पर रह रही है। प्रशासन द्वारा राशन किट का वितरण किया जा रहा है। वहीं बाढ़ से दो हजार बीघा फसल नष्ट हो चुकी है। इसमें सबसे अधिक हरी सब्जियों की फसल शामिल है।
चंबल नदी में उफान आने से झरनापुरा, उमरैठा पुरा सहित नौ गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से टूट गया था। बिजली की आपूर्ति भी बंद कर दी गई थी। शनिवार सुबह से ही जलस्तर में कमी आई। गुढ़ा, गोहरा, रानीपुरा, भटपुरा,झरनापुरा, कछियारा ,डोगरा ,रेहा, पुरा उमरैठा के रास्ते में अभी भी पानी भरा हुआ है। रात नौ बजे तक जलस्तर 130.8 से घटकर 128 मीटर पर पहुंच गया।
जलस्तर में कमी से जिला प्रशासन ने ली राहत की सांस
संबंधित गांवों में पानी तेजी से कम हो रहा है। मगर, कीचड़ होने से ग्रामीण घर तक नहीं पहुंच सकते हैं। इसी के चलते एक हजार की आबादी टीलों में रात बिता रही है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि तहसील प्रशासन की टीम को राशन किट के वितरण के लिए कहा गया है। दो सप्ताह के बाद फसलों के नुकसान का सर्वे शुरू होगा।
स्वास्थ्य विभाग की अग्नि परीक्षा
चंबल नदी में आई बाढ़ से बाह तहसील के नौ गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। 20 गांव ऐसे हैं जो 20 से 45 प्रतिशत तक प्रभावित हुए हैं। गांवों की गलियों में अभी भी पानी भरा हुआ है। बीमारी फैलाने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की अग्नि परीक्षा से काम नहीं है। बाह, जैतपुर, पिनाहट सीएससी की टीमें गांव में लगातार कैंप कर दवा वितरण और ग्रामीणों को सावधान रहने की जानकारी दे रही हैं
खाद्यान्न वितरण में भेदभाव का आरोप
प्रशासन द्वारा बाढ़ में घिरे गांव के लोगों को खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है। शनिवार को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो में एक युवक कहता सुनाईं दे रहा है जो लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं उन्हें खाद्यान्न ना मिलकर रोड पर रहने वाले लोगों को दिया जा रहा है। प्रसारित वीडियो में कंवर खेड़ा के एक व्यक्ति पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है।
मगरमच्छ के हमले से दहशत
बाढ़ के पानी में बह कर मगरमच्छ गोहरा गांव शनिवार दोपहर पहुंच गया। मगरमच्छ ने गांव की महिला सरोज देवी की पालतू गाय को लहूलुहान कर दिया। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। राकेश, बल्ली यादव आदि का कहना है रात के अंधेरे में परेशानी होती है।
100 कुंतल लकड़ी एकत्रित की
पिनाहट, मध्य प्रदेश के नयापुरा, उसैथ, खुडो, बींजला के युवाओं ने आपदा मेंभी अवसर खोज लिया। जान की बाजी लगाकर युवाओं ने चंबल नदी से 100 कुंतल से अधिक लकड़ी को निकाल लिया। यह लकड़ी घाट के किनारे एकत्रित की गई है। बाजार में इस लकड़ी की कीमत एक हजार रुपये प्रति कुंतल है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।