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    एमपी-राजस्थान की बारिश से बिगड़े यूपी में हालात, उटंगन नदी में उफान से बाढ़ का खतरा

    राजस्थान और मध्य प्रदेश में बरसात के चलते चंबल नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से ऊपर है हालांकि इसमें थोड़ी कमी आई है। बाह तहसील के सात गांवों में पानी भरा हुआ है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है। उटंगन नदी में उफान से फतेहाबाद में किसानों की फसलें डूब गई हैं जिससे वे परेशान हैं। यमुना में जलस्तर घट रहा है।

    By amit dixit Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 26 Aug 2025 07:56 AM (IST)
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    जलस्तर में कमी के बाद भी चेतावनी बिंदु से ऊपर बह रही चंबल। खेतों में भरा पानी। जागरण

    संसू, जागरण-बाह/आगरा। चंबल नदी के जलस्तर में सोमवार को दो मीटर की कमी आई। यह 129 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर में कमी के बाद भी यह चेतावनी बिंदु (127 मीटर) से दो मीटर ऊपर बह रही है। जिस तरीके से राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई शहरों में बरसात हो रही है। ऐसे में जलस्तर बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। वहीं बाह तहसील के सात गांवों के मुख्य रास्तों में अभी भी पानी भरा हुआ है।

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    धौलपुर राजस्थान ने साढ़े छह लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से रविवार को चंबल नदी का जलस्तर 131 मीटर पर पहुंच गया था। इसके चलते गोहरा, रानीपुर, भटपुरा, गुढ़ा, रेहा, कछियारा और डोगरा गांव का संपर्क टूट गया। इन गांवों की आबादी पांच हजार है।

    129 मीटर जलस्तर होने के चलते सात गांवों के मुख्य रास्तों में भरा है पानी

    सोमवार सुबह 10 बजे एसडीएम बाह हेमंत कुमार और तहसीलदार संपूर्ण कुलश्रेष्ठ ने प्रभावित गांवों का दौरा किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। एसडीएम ने बाह, पिनाहट और जैतपुर सीएचसी अधीक्षकों को बाढ़ग्रस्त गांवों में कैंप लगाकर दवा वितरण, स्वास्थ्य परीक्षण और एंटीलार्वा छिड़काव के निर्देश दिए। शाम को जलस्तर 131 से घटकर 129 मीटर पहुंच गया। मगर, यह चेतावनी बिंदु 127 मीटर से दो मीटर अधिक है।

    राजस्थान और मध्य प्रदेश में बरसात के चलते फिर से बढ़ सकता है जलस्तर

    एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में लगातार निगरानी रखी जा रही है। उधर, यमुना नदी के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। जलस्तर 493 मीटर तक पहुंच गया है। एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने बताया कि जलस्तर कम होने के बाद फसलों को कितना नुकसान हुआ है। इसका सर्वे होगा।

    तेजी से बढ़ रहा उटंगन का जलस्तर

    फतेहाबाद। उटंगन नदी के जलस्तर में सोमवार को भी बढ़ोतरी हुई। नदी का उफान बढ़ने से बाढ़ का पानी आसपास के गांवों के खेतों में घुस चुका है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो किसानों की बची-खुची फसल भी पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 48 घंटों से पानी बढ़ते-बढ़ते खेतों तक पहुंच गया है। बाजरा और अन्य मौसमी फसलें जलभराव की चपेट में आ चुकी हैं।

    किसान अब गंभीर संकट में हैं और इस चिंता में डूबे हैं कि फसल नष्ट होने के बाद परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। किसानों का कहना है कि लगातार बढ़ते जलस्तर ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है और अब आने वाले दिनों में उनका जीवनयापन मुश्किल होता जा रहा है।