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    Chaitra Navratri 2022: इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, समझिए आदिशक्ति के वाहनों का महत्व

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 26 Mar 2022 02:40 PM (IST)

    Chaitra Navratri 2022 दो अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं इस बार चैत्र नवरात्र। मां दुर्गा के वाहन से तय होता है सृष्टि का परिवर्तन। दिवस के अनुसार ही तय होता है माता की विदाइ का वाहन भी।

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    Chaitra Navratri 2022: दो अप्रैल से आरंभ हो रहे हें माता के नवरात्र।

    आगरा, तनु गुप्ता। दो अप्रैल से नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं। शक्ति आराधना के ये नौ दिन सनातन धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। क्योंकि शक्ति की आराधना से सृष्टि में हो रहे परिवर्तनों में शुभता आती है। मानव जीवन में सम्पन्नता आती है। माता का आह्वान करके नौ दिन तक माता की पूजा की जाती है। माता का आह्वान होने पर मां किस वाहन पर सवार होकर आएंगी ये भी विशेष महत्वपूर्ण होता है। माता का वाहन शुभ− अशुभ फल का सूचक भी होता है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। मां आदिशक्ति के हर वाहन का अलग-अलग महत्व होता है। साल में दो बार आने वाले नवरात्रि में मां दुर्गा हर बार नए वाहन पर सवार होकर आती हैं। माता रानी के वाहनों का प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ता है।

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    ये होते हैं माता रानी के वाहन

    मां दुर्गा के वाहन डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य व हाथी हैं।

    इस तरह तय होता है माता का वाहन

    मां दुर्गा जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है। घोड़े पर मां दुर्गा सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात बनते हैं। नौका पर सवार होकर माता रानी आती हैं तो शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली पर सवार होकर आती हैं तो महामारी का अंदेशा होता है।

    विदाइ का वाहन भी होता है अलग

    आगमन की तरह मां जगदंबे की विदाइ भी अलग अलग वाहन से होती है। रविवार या सोमवार को मां दुर्गा भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं। जिससे देश में रोग और कष्ट बढ़ता है। शनिवार या मंगलवार को मां दुर्गा मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं। जिससे जनता में दुख और कष्ट बढ़ता है। बुधवार या शुक्रवार को देवी मां हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं। इससे बारिश ज्यादा होती है। गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं। इसका अर्थ है कि सुख-शांति बनी रहेगी।