Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Navratri 2022: कल है अष्टम नवरात्रि, विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करती हैं माता महागौरी, पढ़ें पूजन विधि

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 08 Apr 2022 12:41 PM (IST)

    Chaitra Navratri 2022 महागौरी की पूजा करने से विवाह सम्बन्धी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेषकर जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो पा रहा है तरह- तरह की बधाएं आ रही हैं उनको महागौरी की पूजा करनी चाहिए।

    Hero Image
    Chaitra Navratri 2022: कल है नवरात्रि की अष्टमी तिथि।

    आगरा, जागरण संवाददाता। देवी का आठवां विग्रह महागौरी का है। महागौरी अक्षत सुहाग की अधिष्ठात्री हैं। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार कुंवारी कन्याओं की भी महागौरी देवी हैं। नारी सुलभ गुणों के लिए ये विख्यात हैं। इनकी आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इनका वर्ण गौर है। सौंदर्य इनको अति प्रिय है। इनकी उपमा शंख, चन्द्र और कुन्द पुष्प से की गयी है। श्वेतवस्त्र धारण करने वाली देवी महागौरी का वाहन वृषभ(बैल) है। इनके एक हाथ की अभय मुद्रा और दूसरे हाथ में त्रिशूल है। चतुर्भुजी महागौरी के एक हाथ में डमरू भी सुशोभित है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे हुआ था माता का गौर वर्ण

    देवीशास्त्र के अनुसार भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए देवी ने कठोर तप किया। इस तप से देवी का पूरा शरीर काला पड़ गया। भगवान शंकर ने गंगाजल छिड़का तो देवी गौर वर्ण की हो गयीं। श्रीदुर्गा सप्तशती के अनुसार असुरों को आसक्त करने के लिए देवी गौर वर्ण में आयीं। चंड-मुंड ने देवी को देखा तो जाकर शुम्भ से बोला कि महाराज! हमने हिमालय में एक अत्यन्त मनोहारी स्त्री को देखा है जो अपनी कान्ति से हिमालय को प्रकाशित कर रही है। ऐसा उत्तम रूप किसी ने नहीं देखा होगा। आपके पास समस्त निधियां हैं। यह स्त्री रत्न आप क्यों नहीं अपने अधिकार में ले लेते? शुम्भ ने सुग्रीम को दूत बना कर देवी के पास भेजा। देवी बोलीं कि मैंने प्रण किया है कि जो मुझे रण में पराजित कर देगा, वही मेरा वरण करेगा। कालान्तर में असुरों का देवी के साथ युद्ध हुआ। धूम्रलोचन, रक्तबीज, चंड-मुंड और शुम्भ- निशुम्भ सभी काल की गर्त में समा गए। संग्राम में देवी अनेकानेक स्वरूपों के साथ प्रगट हुईं और फिर महागौरी (महादुर्गा) के रूप में एकाकार हो गयीं।

    विवाह की बाधाओं को दूर करती है महागौरी की पूजा

    महागौरी की पूजा करने से विवाह सम्बन्धी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेषकर जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो पा रहा है, तरह- तरह की बधाएं आ रही हैं, उनको महागौरी की पूजा करनी चाहिए। महागौरी पार्वती जी का ही एक रूप है। मां को पांच सुपाड़ी, पांच लोंग के जोड़े, पांच कमलगट्टे, एक जटा- जूट नारियल और चुनरी चढ़ायें। श्रीदुर्गा सप्तशती के पांचवें अध्याय से ग्यारह अध्याय तक का पाठ और व्रतों का पालन करने के बाद इन सभी को लाल कपड़े में बांध कर रख लें। देवी भगवती मनोकामना पूर्ण करेंगीं। महागौरी की पूजा-अर्चना सुहागिन स्त्रियों के लिए अति लाभकारी है। महागौरीदेव्यै नम: मन्त्र का इक्कीस माला जप करें।

    मन्त्र

    कुमारीं पूजयित्वा तु ध्यात्वा देवीं सुरेश्वरीम।

    पूजयेत् परया भक्त्या पठेन्नामशताष्टकम्।।

    ध्यान

    श्वेते वृषे समारूढा श्वेताम्बरधरा शुचि:।

    महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।