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    Center of Excellence: आंबेडकर विश्वविद्यालय में बनेगा सेंटर आफ एक्सीलेंस, शासन से मिली अनुमति

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 28 Jan 2021 05:41 PM (IST)

    प्रथम चरण में दिया जाएगा पर्यटक गाइड का प्रशिक्षण। सेंटर में भारतीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए होंगे शोध। सिविल लाइंस में बने संस्कृति भवन में यह सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस संबंध में सबसे पहले दैनिक जागरण ने अक्टूबर माह में खबर प्रकाशित की थी।

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    आंबेडकर विवि में सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस बनाए जाने की मंजूरी मिल गई है।

    आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में भारतीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहन देने हेतु उत्कृष्टता केंद्र यानी सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने की अनुमति उत्तर प्रदेश सरकार ने दे दी है। सिविल लाइंस में बने संस्कृति भवन में यह सेंटर स्थापित किया जाएगा।इस संबंध में सबसे पहले दैनिक जागरण ने पिछले साल अक्टूबर माह में खबर प्रकाशित की थी।

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    पिछले साल नवंबर में कुलपति प्रो. अशोक मित्तल द्वारा एक कमेटी का गठन भी किया गया था, इस कमेटी ने प्रस्ताव तैयार किया था, जिसे शासन के पास भेजा गया था। शासन को प्रस्ताव बेहद पसंद आया था। शासन से प्रस्ताव पारित होने के बाद पहली किश्त के रूप में विश्वविद्यालय को इस सेंटर के लिए 25 लाख रुपये मिलेंगे। उसके बाद पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय से भी किश्तों में फंडिग मिलेगी। सेंटर के लिए पांच साल तक विश्वविद्यालय को हर साल 25 लाख रुपये फंड के रूप में मिलेंगे। पिछले साल आठ व नौ दिसंबर को खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में आयोजित कार्यशाला में शासन की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग ने इस सेंटर में क्या सुविधाएं होनी चाहिए, इसके लिए शहर के कला एवं संस्कृति प्रेमियों के साथ विस्तृत चर्चा भी की थी। संस्कृति भवन का निरीक्षण भी किया था।

    शासन ने विश्वविद्यालय के पत्र भेज कर जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय में सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस सेंटर में प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रों तथा ब्रज, अवध, बुंदेलखंड आदि का पारंपरिक दर्शन, ललित कलाओं का श्रव्य एवं दृश्य प्रदर्शन शिक्षण, सामाजिक चेतना में उन्हें सम्माननीय स्थान दिलाना और प्रशिक्षुओं को इन लोक कलाओं के माध्यम से जीविकोपार्जन हेतु आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जाएगा। साथ ही रासलीला, स्वांग, सांझी, हस्त कौशल आदि प्रादेशिक एवं पारंपरिक कलाओं पर शोध कार्य भी इस केंद्र में किया जाएगा। सेंटर में संबंधित पाठ्यक्रमों के साथ-साथ फिल्म, टीवी एवं डिजिटल माध्यमों से पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। प्रथम चरण में पर्यटक गाइड का प्रशिक्षण संचालित करने का निर्णय भी लिया गया है। कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने बताया कि सरकार द्वारा यथाशीघ्र इस उत्कृष्टता केंद्र का संचालन प्रारंभ करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं, इसके लिए जल्द ही प्रभावी कार्ययोजना बनाकर शुरुआत की जाएगी।