Diwali 2018: चाहते हैं मां लक्ष्मी का रहे घर में वास तो ये उपाए अपनाएं आज
शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन करने पर अगली दीवाली तक के लिए लक्ष्मी कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं आती। ज्योतिषीय उपाय करने से विशेष लाभ मिलता है।
आगरा [तनु गुप्ता]: भारतीय सनातन संस्कृति यूं तो प्रतिदिन ही किसी न किसी विशेष त्योहार से सुशोभित रहती है लेकिन सभी पर्वों में दीपावली का सर्वाधिक महत्व है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार इस दिन शुभ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन करने पर अगली दीवाली तक के लिए लक्ष्मी कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं आती है। लक्ष्मी कृपा पाने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय करने से विशेष लाभ मिलता है।
अपनाएं ये उपाए तो बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा
- दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है। मां लक्ष्मी घर में आती हैं।
- दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। हनुमान मंदिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं।
- किसी शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं। ध्यान रहे सभी चावल पूर्ण होने चाहिए। खंडित चावल शिवलिंग पर चढ़ाना नहीं चाहिए।
- दीपावली पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौडिय़ां भी रखनी चाहिए। ये कौडिय़ां पूजन में रखने से महालक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं। आपकी धन संबंधी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
- लक्ष्मी पूजन के समय हल्दी की गांठ भी साथ रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है।
- दीपावली के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए। पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें। जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए।
- दिवाली के दिन किसी मंदिर में झाड़ू का दान करें। यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें।
- इस दिन अमावस्या रहती है और इस तिथि पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं।
- दीपावली पर लक्ष्मी का पूजन करने के लिए स्थिर लग्न श्रेष्ठ माना जाता है। इस लग्न में पूजा करने पर महालक्ष्मी स्थाई रूप से घर में निवास करती हैं।
- पूजा में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और श्रीयंत्र रखना चाहिए। यदि स्फटिक का श्रीयंत्र हो तो सर्वश्रेष्ठ रहता है।
- अपने घर के आसपास किसी पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय दीपावली की रात में किया जाना चाहिए। ध्यान रखें दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आएं, वापिस पलटकर न देखें।
- दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा करते समय एक थोड़ा बड़ा घी का दीपक जलाएं, जिसमें नौ बत्तियां लगाई जा सकें। सभी नौ बत्तियां जलाएं और लक्ष्मी पूजा करें।
- दीपावली की रात में लक्ष्मी पूजन के साथ ही अपनी दुकान, कम्प्यूटर आदि ऐसी चीजों की भी पूजा करें, जो आपकी कमाई का साधन हैं।
- लक्ष्मी पूजन के समय एक नारियल लें और उस पर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें और उसे भी पूजा में रखें।
- दीपावली के दिन यदि संभव हो सके तो किसी किन्नर से उसकी खुशी से एक रुपया लें और इस सिक्के को अपने पर्स में रखें। बरकत बनी रहेगी।
- प्रथम पूच्य श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।
- दीपावली की रात सोने से पहले किसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं। ध्यान रखें पीछे पलटकर न देखें।
- महालक्ष्मी के चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं। ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं।
- दीपावाली पर श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। रामरक्षा स्तोत्र या हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।
- यदि संभव हो सके तो आज किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। इस पुण्य कर्म से बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।
- एक बात का विशेष ध्यान रखें कि माह की हर अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जानी चाहिए। साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें। इससे घर का वातावरण पवित्र और बरकत देने वाला बना रहेगा।
- लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें।
- घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं। तुलसी को वस्त्र अर्पित करें।
- जो लोग धन का संचय बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें तिजोरी में लाल कपड़ा बिछाना चाहिए। इसके प्रभाव से धन का संचय बढ़ता है। महालक्ष्मी का ऐसा फोटो रखें, जिसमें लक्ष्मी बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं।
- दीपावली पर सुबह- सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। जल में यदि केसर भी डालेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।
- महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जप करें।
इस मुहूर्त में करें आज लक्ष्मी पूजन
पंडित वैभव जोशी के अनुसार दीपावली का पूजन प्रदोष काल और स्थिर लग्न में होता है। वृष और सिंह स्थिर लग्न है। सिंह लग्न के समय अमावस्या का अभाव है। इस दिन स्वाति नक्षत्र सूर्योदय काल से लेकर 19.36 तक रहेगा तत्पश्चात विशाखा लग जायेगा। पंडित वैभव जोशी बताते हैं कि प्रदोष काल का समय गृहस्थ एवं व्यापारियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है। प्रदोष काल का मतलब होता है दिन और रात्रि का संयोग काल। दिन भगवान विष्णु का प्रतीक है और रात्रि माता लक्ष्मी का प्रतीक है। धर्म सिंधु के अनुसार प्रदोष काल अमावस्या निहित दीपावली पूजन को सबसे शुभ मुहूर्त है।
प्रदोष काल का समय
सायं 17.27 से 20.05 तक। इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जाएगा। वृष और प्रदोष दोनों मिल जाने से ये दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। शुरू और अंत की दस मिनट छोड़ दें तो स्थानिक समय देखने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
वृष लग्न
दीपावली पूजन स्थिर लग्न वृष में भी किया जाता है। व्ययसाय से जुड़े लोग अपने प्रतिष्ठान में इसी समय पूजन करवाते हैं। वृष लग्न 17.14 से 19.50 तक रहेगा।
निशीथ काल
20.11 से 22.51 तक लगेगा। यह काल व्यापारियों के लिए बहुत अच्?छा है। इसमें 19.09 से 20.52 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है।
महानिशीथ काल
23.14 से 24.06 तक। इसमें सिंह लग्न भी मिल जाएगा।
कार्य के अनुसार श्रेष्ठ मुहूर्त में करें पूजन
- गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें।
- व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो बेहतर है।
- छात्र प्रदोष काल में पूजन करें।
- आईटी, मीडिया, फिल्म, टीवी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान लग्न वृष में पूजन करें।
- सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें।
- तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें।
- राजनीतिज्ञ अमावस्या की रात्रि के महानिशीथ काल में तांत्रिक पूजन कर सकते हैं।