रहें सावधान! नया सिम कार्ड खरीदते समय हो सकते हैं धोखाधड़ी का शिकार... इन बातों का रखें ध्यान
आगरा में नया सिम खरीदते समय सावधान रहें। धोखेबाज बायोमीट्रिक का दुरुपयोग कर सकते हैं जिससे आपके नाम पर कई सिम सक्रिय हो सकते हैं। कैनोपी से सिम खरीदने से बचें और विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदें। बार-बार बायोमीट्रिक कराने पर सतर्क रहें और गड़बड़ी होने पर पुलिस से शिकायत करें। आपकी लापरवाही से आप कानूनी मुश्किलों में फंस सकते हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। अगर आप नया मोबाइल सिम खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं। दुकान पर जाकर बायोमीट्रिक बार-बार न करें। क्योंकि झांसा देकर सिम बेचने वाले कई बार बायोमेट्रिक कराकर आपके नाम से कई सिम निकाल सकते हैं।
हाल में पकड़े गए कई अपराधियों के पास मिली सिम दूसरे लोगों के नाम पर थीं। नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह भी फर्जी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था। दूसरों की आईडी पर एक्टिवेट सिम गिरोह के सदस्य 1500 रुपये में खरीदते थे।
खरीदारों को झांसा देकर ठगों के लिए सिम एक्टिवेट कर रहे दुकानदार
आपराधिक वारदातों में फर्जी नंबरों का इस्तेमाल होने के बाद पुलिस की जांच में सामने आया है कि कैनओपी लगाकर सिम बेचने वाले सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। सिम खरीदारों से विक्रेता फिंगर प्रिंट मिसमैच होने की बात कहते हुए कई बार बायोमीट्रिक करते हैं। अपराधी किस्म के विक्रेता ग्राहक के नाम से कई सिम एक्टिवेट कर लेते हैं। इन सिम कार्ड को वह महंगे दामों में अपराधियों को बेच देते हैं।
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को 1500 रुपये में बेचने थे एक सिम
अनजाने में खरीदार किसी भी आपराधिक वारदात में फंस सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि सिम कार्ड खरीदते वक्त पूरी सतर्कता बरतें। जिससे आपकी आईडी पर जारी सिम का किसी आपराधिक वारदात में इस्तेमाल न हो।
डीसीपी सिटी सोनम कुमार का कहना है कि सिम लेते वक्त लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। इस दिशा में पुलिस भी अपने स्तर से कार्रवाई कर रही है।
इन बातों का रखें ख्याल
- जगह-जगह लगी कैनोपी से सिम कार्ड खरीदने से बचें।
- प्रमुख दुकान या कंपनी के आउटलेट से ही सिम खरीदें।
- दोबारा बायोमीट्रिक की बात कहने पर सही से जांच कर लें।
- गड़बड़ी की आशंका होने पर पुलिस से शिकायत करें।
हो सकती है कार्रवाई
अगर किसी व्यक्ति की आईडी पर जारी सिम कार्ड से किसी आपराधिक वारदात को अंजाम दिया गया है तो संबंधित आईडी धारक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस को जांच में पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर सिम धारक को जेल भी जाना पड़ सकता है।
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