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    Blood Bank: बाह और खेरागढ़ की गर्भवती के लिए Good News, सीएचसी पर बनेगी ब्लड बैंक

    By Prateek GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 05 Nov 2020 07:35 PM (IST)

    खून की कमी के चलते आए दिन गर्भवती महिलाओं की हो जाती है मौत। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक का पत्र आने के बाद महकमे ने शुरू की तैयारी। शासन ने मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए दो सीएचसी ब्लड बैंक बनाने की सहमति दी है।

    बाह और खेरागढ़ की सीएचसी पर ब्लड बैंक बनाया जाएगा।

    आगरा, जागरण संवाददाता। खून की एक-एक बूंद अनमोल है। खून के अभाव में जिंदगी खत्म हो जाती हैं। ब्लड का मोल लोगों को जब समझ मेंं आता है, जब उसके किसी अपने को जरूरत हो। सबसे ज्यादा खून की कमी से गर्भवती महिलाओं को जूझना पड़ता है। ग्रामीण परिवेश में खून की कमी का संकट खत्म करने के लिए बाह और खेरागढ़ की सीएचसी पर ब्लड बैंक बनाया जाएगा। जिससे गर्भवती महिलाओं की अनमोल जिंदगी को बचाया जा सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने पुवायां सीएचसी पर ब्लड बैंक बनाने को हरी झंडी दे दी है। सीएचसी पर ब्लड का स्टोरेज होने से गर्भवती महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी।

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    आगरा में सीएचसी पर गर्भवती महिलाओं को खून के लिए जूझना पड़ता है। आमतौर पर सीएचसी पर ब्लड का स्टोरेज नहीं होता है। ऐसे में व्यवस्थाएं पूर्ण न होने के चलते महिला को जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं। रेफर होने की सबसे बड़ी वजह ब्लड की उपलब्धता न होना बनता है। ऐसे में शहर तक जाते समय तमाम महिलाओं की रास्ते में ही खून के अभाव में मौत हो गई। शासन ने मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए आगरा की दो सीएचसी बाह और खेरागढ़ में ब्लड बैंक बनाने की सहमति दे दी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र देकर चिन्हित प्रथम इकाई पर रक्त भंडारण केंद्र की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

    ब्लड बैंक के लिए यह आए निर्देश

    - सी .एच.सी. पर बनने वाली ब्लड बैंक के लिए एक कक्ष में लैब स्लैब, जल के लिए टैप, जल निकासी की व्यवस्था, छह पॉवर इलेक्ट्रिक शाँकिट युक्त कमरे की जरूरत होगी।

    - रक्त भंडारण केंद्र को चलाने के लिए चिकित्सा इकाई पर कार्यरत एक चिकित्सा अधिकारी व एक लैब टेक्निशियन नामित किया जाएगा।

    -ब्लड स्टोरेज रेफ्रिजरेटर, एक टेब टॉप, सेन्ट्रीफ्यूज, माइक्रोस्कोप, एक ब्लड कलेक्टशन एवं ट्रांसपोर्टेशन बॉक्स की जरूरत भी पड़ेगी।

    -लैब टेक्निशियन को जनपद राजकीय रक्त कोष से ट्रेनिंग भी लेना पड़ेगी।

    गर्भवती महिलाओं को पड़ती है सर्वाधिक खून की जरूरत

    ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय सबसे ज्यादा खतरा रहता है। गर्भधारण के बाद वह अपनी सही से देखभाल नहीं कर पाती। ऐसे में एनीमिया की शिकार हो जाती है। ऐसी ही एनीमिक महिलाओं को खून की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। ऐसे में परिजन खून का इंतजाम शहर से करते हैं। आने-जाने में देरी भी गर्भवती के लिए घातक सिद्ध होती है। वहीं दूसरी तरफ सीएचसी पर इंतजाम न हो पाने की वजह से उन्हें रेफर कर दिया जाता है। समय से अस्पताल न तक पहुंच पाने के चलते उनकी मौत हो जाती है।

    जिले के छह प्रथम संदर्भन इकाई में से दो खेरागढ़ और बाह सीएचसी में ब्लड बैंक की स्थापना होने जा रही है। इसके बाद गर्भवती महिलाओं और मरीजों को काफी सहूलियत होगी। सही समय पर ब्लड की व्यवस्था होने से कई मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।

    -डॉ. यूके त्रिपाठी, नोडल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

    जिले की दो सीएचसी पर ब्लड बैंक बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक द्वारा निर्देश दिए हैं। निदेशक का पत्र भी प्राप्त हो गया। ब्लड बैंक बनाने के लिए उपकरणों और मशीनों की व्वस्था की जाएगी। सी.एच.सी. पर ब्लड मिलने से गर्भवती व अन्य किसी की जिंदगी को बचाया जा सकता है।

    डा. आर.सी. पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आगरा