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    Bhole Baba: 24 साल पहले जेल गया था बाबा, लड़की को जिंदा करने के लिए घर में रखा तो लोगों ने बुला ली थी पुलिस

    Updated: Wed, 03 Jul 2024 06:23 PM (IST)

    हाथरस हादसे का मामला गर्माने पर भोले बाबा बने सूरज पाल सिंह के पुराने कारनामे सामने आने लगे हैं। बताया गया कि भोले बाबा 24 साल पहले जेल भेजा गया लेकिन बाद में उसे क्लीन चिट मिल गई थी। बाबा पर आरोप था कि उसने चमत्कारी शक्ति से लड़की को जिंदा करने का दावा किया था। इस मामले में उसके साथ महिला समेत 6 लोगों को जेल भेजा गया था।

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    हाथरस भगदड़ से जुड़े भोले बाबा का फाइल फोटो। जागरण ग्राफिक्स

    जागरण संवाददाता, आगरा। साकार विश्व हरि भोले बाबा बने सूरज पाल सिंह केदार नगर में चमत्कारी शक्ति से लड़की को जिंदा करने के मामले में 24 वर्ष पहले जेल भेजे गए थे। उनके साथ एक महिला समेत छह लोग भी साथ में जेल गए। 

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    पुलिस ने अपनी ओर से बाबा और छह अन्य के खिलाफ औषधि और चमत्कारिक उपचार विज्ञापन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर बाबा के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। मगर, कोर्ट से चार्जशीट निरस्त होने के बाद दोबारा विवेचक ने इसमें अंतिम रिपोर्ट लगाकर बाबा को क्लीन चिट दे दी। 

    यह था मामला

    सूरज पाल सिंह वर्ष 2000 में शाहगंज के केदार नगर में एक छोटे से मकान में रहता था। संतान न होने पर अपने रिश्तेदार की बेटी को गोद लिया था। मार्च 2000 में बेटी की मृत्यु होने पर उसको चमत्कारिक उपचार से जिंदा करने का दावा किया गया। कई दिन तक उसे घर में ही रखा गया।

    इस दौरान आसपास के लोगों ने पुलिस बुला ली। तब शाहगंज थाने के हेड कांस्टेबल सत्यप्रकाश ने सूरज पाल सिंह, कुंवर पाल, मेवाराम, प्रेमवती, कमलेश सिंह, वचन सांवरे और मीना को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। 

    एसआई हरगोविंद साहू ने इस मामले की विवेचना के बाद 24 मार्च 2000 में ही चार्जशीट लगा दी। मगर, न्यायालय ने अराजपत्रित अधिकारी द्वारा विवेचना किए जाने पर चार्जशीट निरस्त कर राजपत्रित अधिकारी द्वारा विवेचना करने के दिए आदेश। 

    इसके बाद तत्कालीन सीओ लोहामंडी ने विवेचना की और दो दिसंबर 2000 को मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी। दस वर्ष से अधिक पुराना मामला होने के कारण यह रिकॉर्ड पुलिस के पास ऑनलाइन नहीं है। मगर, शाहगंज थाने के रजिस्टर नंबर चार में यह रिकॉर्ड दर्ज है।

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