Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Banke Bihari Temple: आजादी के दिन स्वर्ण- रजत हिंडोले में बैठे थे ठा. बांकेबिहारी, हरियाली तीज का था संयोग

    By Tanu GuptaEdited By:
    Updated: Sat, 07 Aug 2021 05:04 PM (IST)

    Banke Bihari Temple 15 अगस्त 1947 को संयोग से पड़ी थी हरियाली तीज। इससे पहले लकड़ी के झूले पर विराजमान हो दर्शन देते थे आराध्य। हरियाली तीज पर ठाकुरजी ...और पढ़ें

    Hero Image
    बड़ा ही अनूठा ठा बांके बिहारी मंदिर में हिंडोले का इतिहास।

    आगरा, जेएनएन। संगीत सम्राट स्वामी हरिदास के लाड़ले ठा. बांकेबिहारी लाल सावन मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर स्वर्ण रजत निर्मित अमूल्य हिंडोले में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। इसकी एक झलक पाने के लिए साल भर तक देश भर के दूरदराज इलाकों से आने वाले लाखों भक्त लालायित रहते हैं। सावन में भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन के वृक्षों पर झूला डालकर अपनी प्रियतमा राधाजी के साथ झूला झूला था। तभी से ब्रज में सावन के महीने में झूला झूलने की परंपरा है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि जिस दिन देश आजाद हुआ था, उसी दिन आराध्य पहली बार स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान हुए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिस दिन देश को आजादी मिली और लाल किले पर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा लहराया। ठीक उसी दिन ठा. बांकेबिहारी ने भी नए नवेले स्वर्ण-रजत हिंडोले में बैठ भक्तों को दर्शन दिए। मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी बताते हें करीब 30 फीट ऊंचा और 40 फीट चौड़ा यह झूला सोने और चांदी से बना है। 15 अगस्त 1947 को ठा. बांके बिहारी पहली बार विराजमान हुए थे। इससे पहले मंदिर में लकड़ी का झूला डाला जाता था। आजादी के दिन ही संयोग से हरियाली तीज थी। बेशकीमती झूला अपने आप में कई खासियत समेटे है। ठाकुरजी के लिए इस हिंडोले को बनाने की जिम्मेदारी वर्ष 1942 में ठाकुरजी के भक्त सेठ हरगुलाल बेरीवाला परिवार ने वाराणसी के कारीगर लल्लू को सौंपी थी। हिंडोला तैयार करने के लिए वाराणसी के समीप कनकपुर के करीब दस एकड़ जंगल को लीज पर लेकर विशेष रूप से लकड़ी मंगवाई गई। लकड़ी पर नक्काशी उकेरने के बाद एक हजार तोला सोना व दो हजार तोला चांदी के पतरों से झूले को अद्भुत और मनमोहक रूप कारीगरों ने दिया।

    12 घंटे दर्शन देंगे ठा. बांकेबिहारी

    प्रबंधक मुनीश कुमार ने बताया झूले की सफाई शुरू हो गई है। जहां झूला स्थापित होगा, उस स्थान को भी सजाने संवारने का काम शुरू कर दिया है। हरियाली तीज पर ठाकुरजी सुबह आठ से दो बजे तक तथा शाम को पांच से 11 बजे तक 12 घंटे भक्तों को दर्शन देंगे।

    वन-वे होगी भक्तों की एंट्री

    मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा के अनुसार, हरियाली तीज के दिन भक्तों का प्रवेश गेट संख्या दो और तीन से होगी। निकास गेट संख्या एक और चार से होगा। मंदिर के बाहर गलियों में भी बैरीकेडिंग करके ही भक्तों को एंट्री मिलेगी। मंदिर द्वारा बनाए गए क्लाक रूम में ही श्रद्धालु अपने जूते व सामान रखकर आ सकेंगे।