Bnake Bihari Vrindavan: बांके बिहारी आएं तो इस कॉकस से बचें, खुलेआम लगाते हैं वीआइपी दर्शन को 500 की बोली
Bnake Bihari Vrindavan दिल्ली एनसीआर से आने वाले भक्त करना चाहते हैं बिहारी जी के वीआइपी दर्शन। वीआइपी कटघरे में खड़े होकर दर्शन को रहते हैं उत्साहित। वीआइपी कल्चर बनता है मंदिर में अव्यवस्थाओं की वजह। जन्माष्टमी पर हुए हादसे के पीछे भी ये ही चलन बना कारण।

आगरा, विपिन पाराशर। ठा. बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ अधिक होन के कारण दिल्ली, एनसीआर से आने वाले भक्तों में वीआइपी दर्शन का क्रेज अधिक है। इसका फायदा यहां लोग उठाते हैं। वीआइपी दर्शन के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालु कोई भी कीमत देने को तैयार होते हैं। इसलिए यहां दर्शन कराने को खुलेआम पांच सौ रुपये की बोली लगती है। मंदिर के आसपास युवक मंदिर खुलने के समय घूमते हैं। वह श्रद्धालुओं से वीआइपी दर्शन कराने की बात कहते हैं। भीड़ से बचने के लिए श्रद्धालु पांच सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक देने को तैयार हो जाते हैं। निकास के रास्ते से युवक श्रद्धालुओं को मंदिर में ले जाते हैं और वीआइपी दर्शन कराते हैं। मंदिर के अंदर जाने के लिए बाकायदा यहां के निजी सुरक्षा गार्डों से सेटिंग की जाती है। ये वीआइपी दर्शन मंदिर में मुश्किल खड़ी कर रहे हैंं।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में वीआइपी कल्चर करीब एक दशक से पूरी तरह हावी दिखाई दे रहा है। वीआइपी कटहरे में खड़े होकर दर्शन करने का क्रेज श्रद्धालुओं में भी बहुत रहता है। भीड़ के दिनों में आराध्य के आराम से दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पैसे खर्च करने से भी परहेज नहीं करता। इसका सीधा फायदा मंदिर के आसपास टहलने वाले युवक करते आए हैं। मंदिर क्षेत्र में हरगुलाल की हवेली से लेकर मंदिर चबूतरा तक और बिहारीजी पुलिस चौकी से लेकर गेट नंबर तीन के समीप तक करीब दो दर्जन युवक भीड़ में फंसे श्रद्धालुओं से वीआइपी दर्शन कराने की अपील करते नजर आ जाते हैं। भीड़ के दबाव में फंसा श्रद्धालु आसानी से दर्शन करने की इच्छा पाल लेता है और इसके लिए खर्चा भी करने से गुरेज नहीं करता। इसका सीधा फायदा उठाकर युवक वीआइपी दर्शन का मोलभाव करते हुए सीधे पांच सौ रुपये की डिमांड करता है। पांच सौ रुपये में वीआइपी बनकर आराध्य के दर्शन करने की इसी ललक ने वीआइपी कटहरे में व्यवस्थाओं को बिगाड़ रखा है। मंदिर में वीआइपी दर्शन कराने वाले ऐसे ही एक युवक से जब बात की तो नाम न छापने की शर्त पर बताया मंदिर के सुरक्षागार्डों से उनकी डील है, जिस श्रद्धालु को वे मंदिर दर्शन कराने ले जाते हैं, सौ रुपये उन्हें देने होते हैं। इसके बाद जो बचता है हम रख लेते हैं। लेकिन, श्रद्धालु को वीआइपी दर्शन करवाकर अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हैं। मामले में जब मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा से बात की गई, तो संपर्क नहीं हो सका।
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