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    Bangladesh में हिंसा की आंच आगरा की Footwear Industry तक, 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित

    By Ambuj Upadhyay Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 01:11 PM (IST)

    बांग्लादेश में तनाव के कारण आगरा के जूता उद्योग को झटका लगा है, जिससे 100 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। हिंसा के बाद प्रदर्शनों के चलते जूता ...और पढ़ें

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    आगरा की फैक्ट्रियों में बनने वाले लेदर शूज।

    जागरण संवाददाता, आगरा। अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद नए बाजार तलाश रहे स्थानीय जूता उद्यमियों को झटका लगा है। बांग्लादेश में तनाव की स्थिति है। हाल ही में हुई हिंसा के बाद अब वहां प्रदर्शन हो रहे हैं, जबकि आगरा से होने वाला जूता के साथ ही कंपोनेंट निर्यात भी बड़ी मात्रा में हाेता है।

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    तनाव बढ़ने के बाद सब कुछ बाधित हो गया है। स्थानीय उद्यमियों ने माल भेजने से रोक दिया है और सभी को स्थिति सामान्य होने का इंतजार है। आगरा से बांग्लादेश 100 करोड़ रुपये से अधिक जूता और कंपोनेंट का निर्यात होता है। जूते की मांग कम है, क्योंकि वहां निर्माण कार्य काफी मात्रा में हो रहा है।

    इसके साथ ही चीन ने भी अपनी इकाई वहां स्थापित की हैं, जिससे मेड इन चाइना से परहेज करने वाले भी सीधे उत्पाद ले सकेंगे। आगरा से कंपोनेंट बड़ी मात्रा में जाता है, जिसमें सोल, टीपीआर के ग्रेन्यूल और एडेसिव सहित दूसरे सामान शामिल है। जूता कंपोनेंट निर्यातक सुनील नोतनानी बताते हैं कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण पहले से ही निर्यात बुरी तरह प्रभावित है।

    ऐसे में ये छोटा सा नुकसान भी काफी बड़ा लग रहा है। बांग्लादेश में कई नामी कंपनियां अपने लिए जूता बनवा रही हैं। वहां निर्माण सस्ता पड़ता है। इसके लिए भारत से कंपोनेंट की खरीद होती है। इसमें आगरा, एनसीआर, कानपुर, चेन्नई शामिल हैं।


    बांग्लादेश में बढ़े तनाव के बाद से जूता और कंपोनेंट दोनों के कारोबार पर असर पड़ा है। अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद पहले से ही निर्यात प्रभावित है। नए विकल्प की तलाश है जो यूरोपीय देश में हैं।
    आशीष जैन, जूता, कंपोनेंट निर्यातक

    आगरा से बांग्लादेश सोल, टीपीआर ग्रेन्यूल, एडेसिव जाते हैं। वहां फैले तनाव के कारण इनकी आपूर्ति बाधित हुई है। वहां के कारोबारी यहां से कंपोनेंट खरीद कई नामी कंपनियों के लिए जूता बनाते हैं।
    दीपक मनचंदा, महासचिव, इंडियन फुटवियर कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन

     

    ये है आंकड़ा

     

    • छह हजार से अधिक है जूते की छोटी, बड़ी इकाई
    • साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों को दे रहे रोजगार
    • निर्यात में 25 प्रतिशत आगरा की भागीदारी
    • 65 प्रतिशत से अधिक घरेलू बाजार पर भी कब्जा
    • 70 से अधिक देशों में होता है निर्यात
    • चार से पांच हजार करोड़ का निर्यात
    • 18 हजार करोड़ का है लोकल कारोबार