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    Gardening Tips: बालकनी में खिलेगे रंग, जब सही गमलों व गार्डनिंग तकनीक से बनाएंगे अपना मिनी गार्डन

    By Sandeep Kumar Edited By: Prateek Gupta
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 01:21 PM (IST)

    आगरा में लोग अपनी बालकनियों को हरा-भरा बनाने में रुचि दिखा रहे हैं। रितु गोयल ने सीमित जगह में सुंदर बगीचा बनाकर दिखाया है कि गमलों का सही चुनाव और पौधों की देखभाल करके हर घर में हरियाली संभव है। ग्रो बैग और हैंगिंग पॉट्स का उपयोग करके बालकनी को मिनी नर्सरी बनाया जा सकता है। सही मिट्टी मिश्रण और मौसमी पौधों का चयन करके कोई भी अपनी बालकनी को हरा-भरा बना सकता है।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, आगरा। शहर में घरों की छोटी-छोटी बालकनियों में भी हरियाली का संसार बसाने की चाह तेजी से बढ़ रही है। पर्यावरण प्रेमी रितु गोयल इसी सोच की मिसाल हैं, जिन्होंने बल्केश्वर के इंदर एन्क्लेव स्थित अपने ग्रीन विला में बेहद सीमित स्थान में खूबसूरत गार्डन तैयार किया है। 

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    रितु गोयल बताती हैं कि हर घर में भी हरियाली को सहेजना संभव है, बस सही गमलों का चुनाव और पौधों की आवश्यकता को समझना जरूरी है। गार्डनिंग में गमले सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

    यदि पौधे इंडोर लगाने हैं, तो प्लास्टिक के हल्के गमले ठीक भी रहते हैं क्योंकि इनमें पर्याप्त नमी बनी रहती है। वहीं धूप वाले पौधे या बालकनी गार्डन के लिए मिट्टी या चीनी मिट्टी के गमलों का प्रयोग सबसे बेहतर है।

    इससे अलग आप छत या घर पर ही सब्जियां व फल आदि उगाना चाहते हैं, तो इसके लिए 15 से 18 इंच के ग्रो बैग (विशेष प्रकार के थैले) आजकल सर्वाधिक लोकप्रिय हैं।

    यह हल्के, सस्ते और पौधों की जड़ों के लिए अनुकूल होते है और छत पर लगाने पर यह अधिक वजन भी नहीं डालते, इससे छत भी सुरक्षित रहती है। साथ ही आजकल बाजार में फाइबर पाॅट्स, टेराकोटा, सेरामिक पाॅट्स, रेलिंग पाॅट्स, हेंगिंग बास्केट्स और सेल्फ वाटरिंग कंटेनर्स का भी काफी चलन है।

    छोटी बालकनी में हेंगिंग पाॅट्स और वर्टिकल स्टैंड जगह बचाते हुए सुंदर लुक देते हैं।

     

    ऐसे करें शुरुआत

     

    रितु गोयल बताती हैं कि मैंने छोटे से कोने में सिर्फ दो गमलों से होम गार्डन बनाने की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे रेलिंग पाॅट, हेंगिंग गमले और ग्रो बैग जोड़ते हुए अपनी बालकनी को मिनी नर्सरी जैसा रूप दे दिया। शौक और धैर्य, दोनों चीजें हों तो बगीचा स्वयं ही बोलने लगता है।

     

    मिट्टी मिश्रण का फार्मूला

    • दो भाग खेत या बगीचे की मिट्टी
    • एक भाग अच्छी खाद
    • थोड़ी नीम खली (कीट नियंत्रण के लिए)
    • गर्मियों में नमी के लिए कोकोपीट
    • यह मिश्रण जड़ों के विकास और पौधे की मजबूती के लिए बेहद कारगर है।

     

    किस मौसम में क्या उगाएं?

    • फलों के पौधे: शरीफा, आड़ू, मौसमी, अनार, अमरूद की तीन वैरायटी, एपल बेर, जामुन, पैशन फ्रूट, चीकू, स्ट्रॉबेरी आदि। फल वाले पौधे हमेशा ग्राफ्टिड लें, ये एक साल में फल देने लगते हैं।
    • सब्जियां (मौसमी): मूली, गाजर, टमाटर, मिर्च, शकरकंद, पालक, पुदीना, प्याज, करौंदा, भिंडी, कमरख आदि।
    • हर्बल पौधे: हल्दी, तेजपत्ता, काली मिर्च, तुलसी की चार किस्में, शमी, बेलपत्र, पान आदि।

     

    खाद कब डालें?

    • फूलों के पौधे: प्रत्येक छह महीने में खाद
    • सब्ज़ी व फल: महीने एक बार खाद आवश्यक

     

    बालकनी में फूलों की बहार


    रितु गोयल का ग्रीन विला इस बात की जीवंत मिसाल है कि इच्छा, सही जानकारी और थोड़े प्रयास के साथ कोई भी अपनी छोटी बालकनी को खिलते हुए बगीचे में बदल सकता है। वह कहती है कि पेड़-पौधे घर में सिर्फ हरियाली नहीं लाते, मन को शांत और वातावरण को जीवंत बना देते हैं।

    मेरे बालकनी गार्डन में बेला, मोगरा, गुलदावरी, गुड़हल, डहेलिया, चंपा, क्लांचो, पिटूनिया, पारिजात, रजनीगंधा, अडेनियम, मधुमालती और अपराजिता जैसे फूल रंगों की खूबसूरत वाल बनाते हैं।

    वहीं इंडोर प्लांट्स में आक्सीजन का प्राकृतिक स्रोत स्नेक प्लांट, पीस लिली, रबर प्लांट, मनी प्लांट, जेजेड प्लांट जैसे पौधे सजावटी होने के साथ घर की हवा को शुद्ध भी करते हैं।