Illegal Conversion Racket: एस.बी. कृष्णा उर्फ आयशा की जमानत खारिज, अवैध मतांतरण के मामले में जेल में है बंद
आगरा में मतांतरण के मामले में आरोपित एस.बी. कृष्णा उर्फ आयशा की जमानत याचिका जिला जज ने खारिज कर दी। उस पर सदर की दो बहनों का ब्रेनवॉश कर धर्म बदलवाने का आरोप है। आयशा 2 अगस्त से जेल में है। अन्य चार आरोपियों की जमानत याचिका पर वादी के अधिवक्ताओं ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।

जागरण संवाददाता, आगरा। सदर की सगी बहनों का ब्रेनवाश कर उनका धर्म बदलवा कर मतांतरण के गैंग में शामिल करने वाली महिला आरोपित एस.बी कृष्णा उर्फ आयशा की जमानत याचिका जिला जज ने निरस्त कर दी। मामले में चार अन्य की याचिका पर वादी के अधिवक्ताओं द्वारा काउंटर दाखिल करने को समय मांगा गया। अब 12 सितंबर को न्यायलय में सुनवाई होगी।
दो अगस्त से जिला कारागार में निरुद्ध है एस.बी कृष्णा उर्फ आयशा
थाना सदर में दो सगी बहनों के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था। जांच में अवैध मतांतरण एवं अन्य आरोप सामने आए थे। आरोपित एस, बी कृष्णा उर्फ आयशा निवासी गुजरा भाट, उत्तरी गोवा की सीजेएम द्वारा जमानत याचिका निरस्त की गई थी। उसके अधिवक्ता ऋषि राज चौहान, बिलाल अहमद आदि ने जिला जज के समक्ष जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि आयशा को गलत फंसाया गया है, वह मुकदमा में नामजद नही थी, उसने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म स्वीकार किया गया था। उसके द्वारा धर्म परिवर्तन करनें के कारण हिन्दू संगठन और अन्य संस्थाएं उसके खिलाफ हो गई।
दर निवासी सगी बहनों का ब्रेनवॉश कर बदलवाया था धर्म
वादी मुकदमा की पुत्रियां वर्ष 2021 में अपने घर से बिना बताये कश्मीर की युवती सायमा उर्फ खुशबू के पास गई थी उसमें आयशा की कोई भूमिका नहीं थी। वादी की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता राधा कृष्ण गुप्ता, दीपक शर्मा, जगदीश कुमार आदि ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया। तर्क दिया कि आयशा और उसके साथियों द्वारा संगठित गिरोह के रूप में काम कर अवैध मतांतरण कराया जा रहा था। इसके साक्ष्य भी प्रस्तुत किये गए। जिससे उसके खाते में विदेशों से फंडिंग के तथ्य भी उजागर हुए।
12 सितम्बर की तिथि नियत की
इसी मामले में आरोपित शेखर राय उर्फ हसन अली ,रिथ बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम ,अबू तालिब ,एवं पीयूष पंवार उर्फ मोहम्मद अली की तरफ से भी जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्रों पर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु काउंटर दाखिल करने हेतु समय की मांग पर जिला जज ने सुनवाई हेतु 12 सितम्बर की तिथि नियत की।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।