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    दूध में चीनी डालकर बच्चों को न पिलाएं, पड़ सकते हैं दौरे! डॉक्‍टरों की राय

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 03:46 PM (IST)

    आगरा में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एलके गर्ग ने बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी परामर्श में बताया कि दूध में चीनी मिलाकर पिलाने से कब्ज हो सकती है। बुखार होने प ...और पढ़ें

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    बच्चे को एक वर्ष तक केवल दूध पिलाने से खून की कमी होने लगती है। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, आगरा। बच्चों को दूध का सेवन ज्यादा कराया जाता है। बच्चों को दूध देते समय उसमें पानी ना मिलाएं और चीनी ना डालें। चीनी डालने से कब्ज की समस्या बनी रहती है। छह महीने तक स्तनपान कराएं, उसके बाद दाल, दलिया और खिचड़ी खिलाएं। बच्चे को एक वर्ष तक केवल दूध पिलाने से खून की कमी होने लगती है।

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    प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से बार-बार वायरल संक्रमण और एलर्जी की समस्या होती है। वहीं, बच्चे को बुखार आने पर कपड़े उतार दें, पूरे शरीर पर सादा पानी की पटटी रखें, जिससे बुखार 102 फारेनहाइट से ज्यादा ना जाए। तेज बुखार में दौरे पड़ सकते हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डा. एलके गर्ग ने प्रश्नों के उत्तर दिए।

    प्रश्न: एक वर्ष का बेटा है, दूध ही पीता है। जल्दी-जल्दी बीमार पड़ जाता है। स्नेहर शर्मा दयालबाग, रोहित शर्मा खंदौली
    - छह महीने के बाद बच्चे को घर पर बना खाना, जिसे वह बिन दबाए खा सके, उसे देना चाहिए। इसमें दलिया, खिचड़ी, दाल का पानी, केला दे सकते हैं। मगर, अधिकांश लोग बच्चों को दूध पिलाते रहते हैं, दूध में पानी मिला देते हैं और चीनी डाल देते हैं। इससे उसका पेट भर जाता है, लेकिर शरीर में पौषक तत्व नहीं पहुंचते हैं। खाने से जब बच्चे का पेट भर जाए, तब दूध पिलाएं। उसमें पानी ना मिलाएं, चीनी ना डालें। चीनी से कब्ज और पेट की समस्या बनी रहती है।

    प्रश्न: सर्दी जुकाम बार-बार हो जाता है, खांसी ठीक नहीं हो रही है। विवेक खंदारी, ललित मोहन शर्मा फतेहाबाद, राजेश खेरागढ़, नैना मुरादाबाद
    - जिन बच्चों को एलर्जी है, उनके परिवार में किसी को एलर्जी की समस्या रही है, उनमें मौसम बदलने पर इस तरह की समस्या होती है। धूल कण, प्रदूषक तत्वों से जिन बच्चों को एलर्जी है, वे बाहर जाने पर मास्क पहन सकते हैं। गुनगुना पानी पीएं। डाक्टर के परामर्श से ही दवा लें।

    प्रश्न: 11 वर्ष का बच्चा है, मुंह लाल रहता है, छाले हो जाते हैं। शंभू सिंह खंदारी
    - यह एसिडिटी की समस्या, गर्म खाना खाने और पेट संबंधी समस्या के कारण हो सकती है। फास्ट फूड के ज्यादा सेवन से भी इस तरह की समस्या होती है। कई बार वायरल संक्रमण में भी छाले हो जाते हैं। मगर, ये पांच से सात दिन में ठीक हो जाते हैं। छाले ठीक नहीं हो रहे हैं तो डाक्टर से परामर्श ले लें।

    प्रश्न: तीन वर्ष की बच्ची है, शरीर पर फुंसी निकल आई हैं। नरेंद्र लोहामंडी
    - सर्दी में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने से पसीना आ जाता है। तेज धूप में बिठा देते हैं और हर रोज स्नान नहीं कराते हैं। कपड़े भी नहीं बदलते हैं, इस कारण से यह समस्या हो सकती है। शरीर को साफ रखें। चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श ले लें।

    प्रश्न: एक वर्ष की बच्ची है, सांस लेने पर सीटी की आवाज आती है। रिक्की कुमार खेरागढ़
    - ये फेफड़ों में संक्रमण के लक्षण हैं। बच्ची को निमोनिया हो सकता है। खुद अपने पास से दवा देने के बजाय डाक्टर से परामर्श ले लें।

    प्रश्न: बच्चे का ईएसआर बढ़ा हुआ आया है। विपनेश कुमार शास्त्रीनगर
    - लंबी बीमारी, खून की कमी, टीबी, एलर्जी सहित अन्य कारण से ईएसआर बढ़ जाता है। यह किस कारण से बढ़ा है, यह पता चलने के बाद ही इलाज होगा।

    जागरण के पांच प्रश्न


    प्रश्न: बच्चे को सर्दी जुकाम के बाद निमोनिया की समस्या हो जाती है। इसे कैसे पहचानें और क्या कारण होते हैं।
    - सर्दी जुकाम का सही तरह से इलाज ना होने पर संक्रमण फेफड़ों तक पहुंच जाता है। दो वर्ष से कम आयु के बच्चे एक मिनट में 60 बार से अधिक सांस लेते हैं और दो वर्ष से अधिक आयु के बच्चे 40 बार से अधिक सांस लेते हैं तो निमोनिया हो सकता है। सांस लेने पर सीटी आए, छाती में गडढे पड़ जाएं तो डाक्टर को तुरंत दिखाएं।

    प्रश्न: वायरल संक्रमण में तेज बुखार आ रहा है, दौरे भी पड़ रहे हैं। ऐसे में क्या करें।
    - वायरल संक्रमण में 103, 104 फारेनहाइट बुखार आने पर दौरे पड़ सकते हैं। इससे बचने के लिए बुखार आने पर गर्म कपड़े उतार दें। सादा पानी से पूरे शरीर को पौंछे और पैरासीटामोल टैबलेट दे दें। हर चार घंटे के अंतराल पर पैरासीटामोल टैबलेट दे सकते हैं। दौरे पड़ने पर डाक्टर को दिखाएं, दवाओं से यह ठीक हो जाते हैं।

    प्रश्न: बच्चों में एलर्जी से सर्दी जुकाम की समस्या बढ़ी है, इससे कैसे बच सकते हैं।
    - यह समस्या मौसम बदलने पर होती है। मौसम बदलने से धूल कण और एलर्जन से बचें। एक वर्ष से अधिक आयु के बच्चे मास्क पहन सकते हैं। डाक्टर के परामर्श से दवाएं ले लें। पांच वर्ष की आयु के बाद समस्या कम होने लगती है। भाप ले सकते हैं। नेबुलाइजर डाक्टर के परामर्श से ही दें।

    प्रश्न: बच्चों को कब्ज की समस्या भी रहती है, इससे कैसे बचें।
    - बच्चे फास्ट फूड का सेवन अधिक कर रहे हैं। फाइबर डाइट नहीं ले रहे हैं, इससे कब्ज की समस्या होती है। फल, सलाद का सेवन करें, घर का पौष्टिक आहार लें।

    प्रश्न: बच्चों को मोबाइल की लत लग रही है, इससे कैसे बचाएं।
    - बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम 30 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके लिए माता-पिता भी खुद मोबाइल का इस्तेमाल ना करें, खेलकूद गतिविधि में हिस्सा दिलवाएं।

    - डा. एलके गर्ग
    एमबीबीएस: 1999 सीसीएस, यूनिवर्सिटी मेरठ
    डीएनबी: 2007 मौलान आजाद मेडिकल कालेज दिल्ली