Fatehpur Sikri: एसआइ ने ली रंग महल की सुध, जानिए फतेहपुर सीकरी के इस हिस्से का इतिहास
Fatehpur Sikri मुगल शहंशाह जहांगीर की जन्मस्थली है सीकरी का रंग महल। 21 लाख रुपये से होगा संरक्षण छह माह तक चलेगा काम। स्मारक के चारों ओर अवैध कब्जे हो चुके हैं। वर्षों से उपेक्षा समय व मौसम की मार के चलते स्मारक को काफी नुकसान भी पहुंचा है।
आगरा, जागरण संवाददाता। मुगल शहंशाह जहांगीर की जन्मस्थली रहे फतेहपुर सीकरी स्थित रंग महल की सुध भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने ली है। अवैध निर्माणों से घिरे स्मारक में संरक्षण कार्य के लिए टेंडर किया गया है। यहां करीब 21 लाख रुपये से संरक्षण कर धरोहर को सहेजा जाएगा। इसमें करीब छह माह का समय लगेगा।
फतेहपुर सीकरी में दरगाह परिसर के पार्श्व में संगतराश मस्जिद की बायीं तरफ रंग महल है। यह रेड सैंड स्टोन से बना हुआ है, लेकिन एएएआइ ने इसे पर्यटकों के लिए बंद कर रखा है। स्मारक के चारों ओर अवैध कब्जे हो चुके हैं। वर्षों से उपेक्षा, समय व मौसम की मार के चलते स्मारक को काफी नुकसान भी पहुंचा है। यहां छज्जे के कई पत्थर टूटे हुए हैं। तोड़े, चौखट, ब्रेकेटे, स्लैब, बीम, दाब, बार्डर और फर्श के पत्थर खराब हो चुके हैं। यहां कार्विंग युक्त खंबों के खराब हुए बेस, कैप, ब्रेकेट, मेहराब, बीम आदि भी बदले जाएंगे। छत की खराब हो चुकी चूने की परत हटाकर नई परत चढ़ाई जाएगी। इनके संरक्षण को एएसआइ ने सामग्री व लेबर का करीब 21 लाख रुपये का टेंडर किया है। निविदा भरने की अंतिम तिथि सात दिसंबर है।
अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि रंग महल में कार्विंग के संरक्षण का काम अधिक है, जिससे उसके संरक्षण में अधिक समय लगेगा।
रंग महल में रही थी अकबर की पत्नी
सूफी संत शेख सलीम चिश्ती से आशीर्वाद लेने के बाद मुगल शहंशाह अकबर ने अपनी पत्नी को गर्भवती होने पर फतेहपुर सीकरी में रहने के लिए भेजा था। रंग महल में ही सलीम (जहांगीर) का जन्म 30 अगस्त, 1569 को हुआ था।